कोटा :
निजी रूप से मैं कोचिंग का विरोधी हूं। जब सरकार फेल हो जाती है, सरकार की शिक्षा व्यवस्था फेल हो जाती है तब शिक्षा का निजीकरण होता है। यह बात कही देश के प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ने। कुमार विश्वास शनिवार को कोटा में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में भाग लेने कोटा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मूक बधिर बच्चों के साथ समय बिताया।
यहां मीडिया से बात करते हुए जब कोचिंग के बच्चों के लिए मैसेज को लेकर कुमार विश्वास से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि” मैं निजी रूप से कोचिंग विरोधी हूं। जब सरकार और सरकार की शिक्षा व्यवस्था फेल हो जाती है तब शिक्षा का निजीकरण होता है। लेकिन अब क्या करें सरकार ऐसी हैं, किसी की भी हो इतने बरस से यही हुआ है। क्योंकि हम सब लोग पढ़े, मेरा भाई इंजीनियरिंग में गया हमने भी तैयारियां की। हमारे समय में तो कोचिंग थी नहीं। सब ऐसे ही पढ़ रहे थे सेलेक्ट हो रहे थे। लेकिन हां, कोटा ने शिक्षा की छोटी काशी बनाई है।
कोटा के बच्चों से यही कहना है कि जिंदगी की कोई भी लड़ाई आखिरी नहीं होती। अगर नंबर कम आए हैं, आईटेल आईटी नहीं मिली तो सोचिए कि कुमार विश्वास बनने के आपके रास्ते खुले हुए हैं। वही कवि के रूप में देश की स्थिति को किस तरह देखते हैं कि सवाल पर उन्होंने कहा कि कवि सम्मेलन में बताएंगे।
बच्चे विमंदित नहीं, दुनिया की चालाकी से दूर
कोटा पहुंचने के बाद कुमार विश्वास बोरखेड़ा स्थित गंगा विजन संस्था में पहुंचे जहां मूक-बधिर बच्चों के साथ उन्होंने समय बिताया। साथ ही उन्होंने दो लाख का चेक भी संस्था को दिया। यहां उन्होंने कहा कि लोग जिन्हें विमंदित बच्चे कहते हैं, वह विमंदित नहीं है बल्कि दुनिया की चालाकियों से दूर अच्छे बच्चे हैं। इस दौरान उन्होंने एक कविता भी कही कि बच्चों के छोटे हाथों को चांद सितारे छूने दो चार किताबें पढ़कर वह भी हम जैसे हो जाएंगे।