वर्ष 2023 का अंतिम ग्रहण चंद्र ग्रहण आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा 28 अक्टूबर 2023 शनिवार को खंड ग्रास चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा यह ग्रहण संपूर्ण भारत प्रारंभ से अंत स्पर्श मध्य मोक्ष तक दिखाई देगा भारत के अलावा यह ग्रहण पश्चिमी प्रशांत महासागर ऑस्ट्रेलिया एशिया यूरोप अफ्रीका पूर्वी दक्षिणी अमेरिका उत्तरी पूर्वी एवं उत्तरी अमेरिका अटलांटिक महासागर हिंद महासागर दक्षिणी प्रशांत महासागर में दिखाई देगा ऑस्ट्रेलिया उत्तरी प्रशांत महासागर एवं रस के पूर्व हिस्से में ग्रहण का स्पर्श चंद्रअस्त के समय दिखाई देगा एवं दक्षिणी उत्तरी अटलांटिक महासागर ब्राजील के पूर्वी भाग एवं कनाडा में ग्रहण का स्पर्श चंद्रोदय के समय दिखाई देगा इस ग्रहण में चंद्र बिम्ब दक्षिण की ओर से ग्रस्त दिखेगा
ग्रहण का चंद्र ग्रहण का सूतक चंद्र ग्रहण में 9 घंटे पूर्व सूतक लग जाता है चंद्र ग्रहण प्रारंभ का समय मध्य रात्रि 1:05 रहेगा इसलिए सांय 4:05 पर सूतक प्रारंभ हो जाएगा सूतक काल में और ग्रहण समाप्ति तक बालक रोगी और वृद्धो को छोड़कर के किसी को अन्न जल आदि ग्रहण नहीं करना चाहिए
उपच्छाया प्रवेश मध्यरात्रि 11: 30 ग्रहण प्रारंभ मध्य रात्रि 1:05 ग्रहण मध्य मध्य रात्रि 1:44 ग्रहण समाप्त मध्य रात्रि 2:24 उपछाया अंत रात्रि 3:58
ग्रहण की अवधि प्रारंभ से मोक्ष एक घंटा 19 मिनट
यह ग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मंगल की राशि मेष राशि में घटित हो रहा है इसलिए इस राशि एवं नक्षत्र में उत्पन्न जातकों को चंद्रमा राहु तथा राशि स्वामी मंगल का जाप दान करना चाहिए
12 राशियों के अनुसार ग्रहण का फल
मेष दुर्घटना शारीरिक पीड़ा और शत्रुता
वृष धन हानि और मानसिक चिंता
मिथुन धन लाभ और उन्नति के योग
कर्क। रोग कष्ट और भय
सिंह। संतान संबंधी चिंता
कन्या। शत्रु भय साधारण लाभ और व्यय
तुला। स्त्री पति संबंधी कष्ट
वृश्चिक। रोग गुप्त चिंता संघर्ष
धनु व्यय की अधिकता कार्य में विलम्ब
मकर कार्य सिद्धि
कुम्भ धन लाभ उन्नति
मीन धन हानि व्यर्थ यात्रा
जिस राशि के ग्रहण का फल अशुभ बताया है वह यथाशक्ति जप पाठ ग्रह शांति चंद्र मंगल की एवं दान दी द्वारा ग्रहण के अशुभ फल का उपाय करें ग्रहण के पश्चात औषधि स्नान करें एवं रोग निवृत्ति हेतु महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें कहां से की कटोरी में घी भर करके उसमें ताम्रदी का सिक्का डालकर अपना मुंह देखकर के छाया पात्र मंत्र पढ़कर ग्रहण समाप्ति के बाद वस्त्र फल और दक्षिणा सहित ब्राह्मण को दान करें ग्रहण के पश्चात अगले दिन 29 अक्टूबर 2023 को प्रातः सूर्योदय के समय पुनः स्नान करके संकल्प पूर्वक सामग्री दान करें
आश्विन मास में ग्रहण का फल। यह खंड चंद्र ग्रहण आश्विन मास में हो रहा है अतः चीन ईरान सिंह आदि देशों में कष्ट प्रकृति प्रकोप शिल्पकार वैद्य डॉक्टर आदि को कष्ट होगा भूकंप आंधी तूफान राजनेताओं में कलह राजनेताओं को कष्ट कई देशों में गृह युद्ध महामारी और महंगाई बढ़ती हैपरंतु आश्विन मास में ग्रहण को थोड़ा सा कम अनिष्टकारी अर्थात इसकी अशुभता में कमी होती है हानि होती तो है भूकंप आदि प्राकृतिक प्रकोप अग्निकांड आगजनी होते तो सही परंतु उनकी तीव्रता कम होती है
चंद्र ग्रहण वार फल। चंद्र ग्रहण शनिवार को हो रखा है अतः चोरों का उपद्रव मंत्रियों को कष्ट राजनेताओं को कष्ट धन्य चावल मूंग तांबा काली मिर्च सरसों अरंडी आदि का संग्रह करने से उत्तम लाभ मिलेगा
ग्रहण का नक्षत्र फल। यह ग्रहण अश्विनी नक्षत्र में हो रहा है इसलिए अश्व सेनापति वैद्य डॉक्टर नौकरी पैसा लोग व्यापारी वर्ग को कष्ट होगा
ग्रहण का योगफल। यह ग्रहण सिद्धि योग में होने से धातुओं के बर्तन बनाने वाले लोग और तपस्वियों को कष्ट होगा
ग्रहण का राशिफल यह ग्रहण मेष राशि में होने से पंजाब आंध्र प्रदेश मध्य प्रदेश मथुरा आदि क्षेत्र के लोगों को तथा शास्त्र अग्नि गैस आदि संबंधित व्यापार करने वाले लोगों को कष्ट होगा
ग्रहण कालीन चंद्रमा पर दृष्टि फल। ग्रहण के समय मेष राशि का चंद्रमा गुरु राहु के साथ हैं तथा इस पर शनि मंगल आदि की दृष्टियां हैं यह अनिष्ट कारक संयोग है कहीं वर्षा से जन धन की हानि कहीं दुर्भिक्ष अकाल के योग बनेंगे चोर आदि का भय उड़द आदि कल धन्य लोहा क्रूड ऑयल आदि काले तथा लाल रंग की वस्तुएं एवं धातु में महंगी होगी राजाओं को युद्ध भय एवं प्रजा को महंगाई से कष्ट होगा कई देशों में गृह युद्ध की स्थितियां उत्पन्न होगी
इस चंद्र ग्रहण को अवसर बनाकर के और इसका लाभ उठाने की कोशिश करें इसमें मंत्र जप करने से जल्दी सिद्ध हो जाते हैं साबर मंत्र बहुत जल्दी सिद्ध होते हैं यदि कोई मंत्र पाठ भी नहीं आए तो जो भी आपको आता है चाहे हनुमान चालीसा का पाठ ही आए हैं वही करें परंतु कुछ ना कुछ करना चाहिए और गर्भवती महिला को इस ग्रहण के समय सोना वर्जित हैं इसलिए जप पाठ आदि करें ईश्वर का स्मरण करें तो अच्छा रहेगा
शरद पूर्णिमा होने पर इस बार चंद्रमा की खीर का भोग कैसे लगाएंगे यह भी एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है परंतु जब आप खीर सूतक से पूर्व बना भी लें और ग्रहण के समाप्ति के पश्चात उसे खीर को आप छत पर रख भी दें चंद्रमा की रोशनी के लिए परंतु शास्त्रों में बताया गया है की ग्रहण कल में पकाया हुआ अन्य खराब हो जाता है वह ग्रहण के योग्य नहीं होता है तो वह या खीर हमने ग्रहण से पहले बनाई थी चाहे उसमें हमने कुशा रख दी हो फिर भी वह उचित नहीं जान पड़ती है इसलिए इस शरद पूर्णिमा पर खीर वाला प्रयोग नहीं करें तो भी उचित रहेगा वैसे भी आप उसमें कुश भी रख देंगे परंतु ग्रहण के समाप्ति के पश्चात फिर आप स्नान करने के बाद में खीर को चंद्रमा की रोशनी के लिए रखेंगे वह भी बड़ा मुश्किल कार्य हो जाएगा।