गुढ़ागौडजी ( झुंझुन) : सेना के युद्धाभ्यास में टैंक की बैरल फटने से शहीद हुए झुंझुनूं के उदयपुरवाटी के नायब रिसालदार सुमेर सिंह का आज अंतिम संस्कार किया गया। 8 साल के बेटे कृश ने मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए बारिश में भी भीड़ उमड़ पड़ी। इससे पहले पार्थिव देह जब शहीद के घर पहुंची तो उनकी पत्नी सुमन देवी और मां जानकी देवी बेसुध हो गई। रिश्तेदारों ने बड़ी मुश्किल से दोनों को संभाला। 15 साल की बेटी भावना का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। बेटी भावना बार-बार पिता को पुकारती रही और यही कहती रही कि पापा एक बार तो खड़े हो जाओ। मासूम कृश पिता की पार्थिव देह के पास ही खड़ा रहा। उसे देखकर ऐसा लग रहा था मानो सब्र धरे हो और कह रहा हो कि मेरे पिता बहुत बहादुर थे। उनकी शहादत में मैं आंसू कैसे बहा सकता हूं।
बेटी बार बार पुकारती रही – एक बार तो बोलो पापा
सुबह शहीद की पार्थिव देह गुढागौडजी से तिरंगा यात्रा के जरिए उनके गांव बगड़िया की ढाणी लाई गई। तिरंगा यात्रा ने जैसे ही गांव में प्रवेश किया तो हर घर के बाहर खड़े लोगों ने पुष्प वर्षा कर अपनी श्रद्धांजलि दी।
पूरे रास्ते में खड़े रहे लोग, पुष्पवर्षा की
गुढ़ागौडजी से लेकर शहीद के गांव तक तिरंगा यात्रा के दौरान सड़क पर दोनों ओर सैकड़ों लोग खड़े रहे। सभी ने पुष्प वर्षा कर अंतिम विदाई दी। शेखावाटी के गांवों में यही परंपराएं हैं, जब गांव का लाडला देश के लिए शहीद होता है तो मानों यहां मेले लग जाते हैं। शहीद सुमेर सिंह के गांव में भी आज ऐसा ही माहौल रहा। देश की रक्षा में अपनी धरती माता के लिए शहादत देकर सुमेर सिंह आज गांव के महानायक बन गए। शहीद सुमेरसिंह अमर रहें… भारत माता की जय के नारों से पूरा गांव गूंज उठा। करीब 5 किलोमीटर तक शहीद की तिरंगा यात्रा निकाली गई।
ये रहे मौजूद
शहीद की अंतिम यात्रा में सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र सिंह गुढा, सांसद नरेंद्र खीचड़, पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, कलेक्टर लक्ष्मणसिंह कुडी, एसपी मृदुल कच्छावा, एसडीएम रामसिंह राजावत, डीएसपी सतपालसिंह, तहसीलदार सुभाषचंद्र स्वामी, पंचायत समिति सदस्य रामसिंह खेदड़, पूर्व पंचायत समिति सदस्य राकेश कसवा, भाजपा जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया, भाजपा जिला प्रवक्ता पवन शर्मा, किशोरपुरा सरपंच मोहनलाल सैनी भोजराज गुड्डा, पवन खरबास, मीन सेना प्रदेशाध्यक्ष सुरेश मीना और अनिल गिल सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे। सभी ने शहीद की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित किए।
टैंक फटने से हुए शहीद
सुमेर सिंह 1998 में सेना में भर्ती हुए थे। वे 55 आर्म्ड फोर्स में तैनात थे और उत्तरप्रदेश के झांसी के समीप बबीना फील्ड फायरिंग रेंज में तैनात थे। वहां इन दिनों युद्धाभ्यास चल रहा है। गुरुवार को वहां एक टैंक फटने से सुमेर सिंह मौके पर ही शहीद हो गए। उनकी शहादत की खबर जैसे ही परिवार को मिली तो कोहराम मच गया।
टी-90 टैंक से हुआ हादसा
यह हादसा टी- टैंक से हुआ। 60 किलोमीटर की स्पीड से चलने वाला ये टैंक 125 मिलिमीटर स्मूथबोर गन से लैस है। टी-90 के इस तोप से कई तरह के गोले, और एंटी टैंक मिसाइल दागे जा सकते हैं। वर्ष 2001 में भारत ने रूस से टी-90 टैंक के लिए सौदा किया। इनमें से 124 टैंक रूस ने बनाकर दिए थे और बाकी टैंक भारत में ही असेम्बल किए गए थे। जिन्हें भीष्म नाम दिया गया।