जयपुर:-राजस्थान में रबी की बुवाई शुरू होते ही किसानों को खाद की कमी का सामना करना पड़ रहा है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि डीलर किसानों से मनमाने दाम वसूल रहे हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा कि प्रदेश में किसानों को खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा, जो सरकार की विफलता है। रबी की बुवाई के इस सीजन में किसानों को डीएपी और अन्य उर्वरकों की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
जूली ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा किसानों के हितों की रक्षा करती रही है और सरकार से मांग की कि किसानों को खाद उपलब्ध कराने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। उन्होंने यह भी बताया कि जिन डीलरों के पास खाद है, वे इसे किसानों को दोगुने दाम पर बेच रहे हैं।
किसानों के साथ अन्याय, सरकार विफल: टीकाराम जूली
टीकाराम जूली ने कहा कि यह किसानों के साथ अन्याय है और सरकार की विफलता का परिणाम है। उन्होंने सरकार से मांग की कि तत्काल कदम उठाकर किसानों को खाद उपलब्ध कराना चाहिए और खाद की कालाबाजारी करने वाले डीलरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। जूली ने आरोप लगाया कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह किसानों के हितों की रक्षा करे। उन्होंने कहा कि दीपावली का त्योहार प्रदेशवासियों के लिए फीका साबित होगा।
छात्रवृत्ति और पेंशन भी अटकी
जूली ने आगे कहा कि सरकार की योजनाओं पर निर्भर प्रदेश की जनता पेंशन के लिए तरस रही है। समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिलने से विद्यार्थी विभाग के चक्कर लगाकर थक गए हैं। पालनहार जैसी योजनाओं को भी राज्य सरकार ने हाशिये पर डाल दिया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार जनहित की योजनाओं को लेकर गंभीर नहीं है, जिससे 90 लाख पेंशनधारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जो एक गंभीर मुद्दा है।
सामाजिक सुरक्षा सरकार की नैतिक जिम्मेदारी
टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार को तत्काल पेंशनधारियों की पेंशन राशि जारी करनी चाहिए और भविष्य में ऐसी लापरवाही से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए ताकि वृद्धजनों, विधवाओं, दिव्यांगों और कृषक वृद्धजन योजना के लाभार्थियों को अपनी पेंशन के लिए इंतजार न करना पड़े। यह सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।
मूलभूत जरूरतें पूरी करने में सरकार विफल
जूली ने राजस्थान सरकार से आग्रह किया कि जनहित की इन योजनाओं पर तुरंत ध्यान दिया जाए और पेंशनधारियों की पेंशन राशि जारी की जाए, ताकि उन्हें आर्थिक सहायता मिल सके। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह सरकार की विफलता है कि वह अपने नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति में नाकाम साबित हो रही है।