मालवीय नगर से भाजपा के विधायक कालीचरण सराफ बुधवार को शहर की साम्प्रदायिक दंगा मामलों की विशेष अदालत में 24 साल पुराने मामले में पेश हुए। उन पर आरोप है कि 20 नवंबर 2000 को बापू नगर स्थित जनता स्टोर पर नगर निगम द्वारा की जा रही चालान कार्रवाई के दौरान उन्होंने न्यायिक मजिस्ट्रेट के हाथ से कागज फाड़ा और राजकार्य में बाधा उत्पन्न की। यह मामला अब साक्ष्यों को रिकॉर्ड पर लेने के स्तर पर है, और इस पर अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी।
कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर आरोपी कालीचरण सराफ, पूर्व पार्षद इन्द्र संघी, पूर्व पार्षद धर्मदास मोटवानी, और बसंत चौधरी को हाजिर होने का आदेश दिया था। सराफ अपने अधिवक्ता अश्विनी बोहरा के साथ अदालत में पेश हुए। यह मामला साल 2002 में तत्कालीन न्यायिक मजिस्ट्रेट-19 द्वारा सीजेएम कोर्ट में दायर परिवाद से शुरू हुआ था, जिसमें राजकार्य में बाधा पहुंचाने और सरकारी दस्तावेजों को फाड़ने का आरोप लगाया गया था।
आरोपी पक्ष का कहना है कि नगर पालिका अधिनियम की धारा 265 के अनुसार केवल जयपुर नगर निगम के बोर्ड को ही अभियोजन की मंजूरी देने और चालान काटने का अधिकार है। ऐसे में इस मामले में कानूनी प्रावधानों का सही पालन किया गया है या नहीं, इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है।