चंडीगढ़ :-पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री एवं सीनियर नेता मनप्रीत सिंह बादल ने कांग्रेस छोड़ दी है। उन्होंने अपना इस्तीफा राहुल गांधी को भेजा। मनप्रीत बादल पिछली कांग्रेस सरकार में वित्तमंत्री थे। हालांकि इस बार वह बठिंडा से चुनाव हार गए। इसके बाद उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली। उन्हें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भाजपा जॉइन करवाई।
चुनावी हार के बाद वह विदेश चले गए। अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को प्रधान बनाने के बाद से वह कांग्रेस से नाराज चल रहे थे।
उधर मनप्रीत बादल के कांग्रेस छोड़कर BJP जॉइन करने का कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने तंज भरे अंदाज में ‘स्वागत’ किया है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के इंचार्ज जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘पंजाब कांग्रेस पर से बादल छंट गए हैं।’
जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘एक शख्स जिसने पहले अकाली दल छोड़कर अपनी पार्टी बनाई और उसके बाद कांग्रेस जॉइन की। कांग्रेस ने उसे 5 साल तक पंजाब के वित्तमंत्री की जिम्मेदारी दी। वही शख्स पंजाब विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड 60 हजार वोटों से हारने के बाद 10 महीने के लिए शीतनिद्रा में चला गया। अब उसने BJP जॉइन कर ली है।’
भारत जोड़ो यात्रा से बनाई थी दूरी
मनप्रीत सिंह बादल ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से भी दूरी बनाए रखी। इसी कारण वह पंजाब में यात्रा की शुरुआत से अभी तक कहीं साथ नहीं दिखे। सूत्रों के अनुसार मनप्रीत बादल की मौजूदा कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के साथ अनबन की वजह से उन्हें यात्रा में साथ नहीं लिया गया।
7 साल पहले अपनी पार्टी का विलय किया था
मनप्रीत बादल पहले अकाली दल में थे। वहां सुखबीर बादल के बढ़ते कद को देखते हुए उन्होंने अकाली दल छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब (PPP) बनाई। हालांकि चुनाव में उनकी हार हुई। जिसके बाद वह 2017 में चुनाव से पहले कांग्रेस में आ गए। उन्होंने पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया। जिसके बाद उन्हें बठिंडा से चुनाव लड़ाया गया।
राजा वडिंग ने साधा निशाना
वहीं पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने भी ट्वीट कर अपनी भड़ास निकाली। राजा वड़िंग ने ट्वीट कर लिखा कि अच्छा हुआ छुटकारा हो गया। मनप्रीत बादल सत्ता के भूखे हैं। जब वह कांग्रेस में शामिल हुए, तो उन्हें पता था कि पार्टी जीत रही है।
राजा वड़िंग ने कहा कि मनप्रीत बादल के लिए 5 साल तक सत्ता से बाहर रहना बहुत मुश्किल था। मनप्रीत बादल को शहादत का रोना रोने की बजाय कांग्रेस के साथ किए विश्वासघात की माफी मांगनी चाहिए।