मारा गया अनंतनाग और पठानकोट हमले का मास्टरमाइंड

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पाकिस्तान में आतंकी शाहिद लतीफ की सियालकोट में गोली मारकर हत्या कर दी गई। आतंकी लतीफ सितंबर में हुए अनंतनाग कोकरनाग आतंकी हमले का हैंडलर था। इसमें एक कर्नल, एक मेजर, एक डीएसपी और एक जवान शहीद हो गया था। इसके अलावा लतीफ पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर हुए आतंकी हमले का भी मास्टर माइंड था। यह जम्मू के रास्ते आतंकियों को भारत में भेजने का काम करता था।

आतंकी लतीफ बुधवार को पंजाब सियालकोट के दसका कस्बे की मेढ़की चौक स्थित नूरमदीना मस्जिद में फज्र की नमाज पढ़ रहा था। नमाज अदा करने के बाद मस्जिद से आतंकी शाहिद लतीफ सुबह करीब साढ़े पांच बजे जैसे ही बाहर आया। मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए तीन हमलावरों ने तबाड़तोड़ गोलियां दाग दी। गोलीबारी इतनी भीषण थी की लतीफ का बॉडीगार्ड आतंकी हासिम भी मौके पर मारा गया और एक व्यक्ति और भी घायल हो गया।


कश्मीर की आतंकी घटनाओं में था शामिल
आतंकी शाहिद लतीफ जम्मू और कश्मीर में 1993 से आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रहा था। इसे 12 नवंबर 1994 में सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उसे कोट बलवल जेल में रखा गया। यहीं पर आईएस 814 कंधार कांड के आरोपी जैश ए मोहम्मद चीफ मसूद अजहर भी बंद था। आतंकी लतीफ 2010 में पाकिस्तान के लिए डिपोर्ट किया गया।

बन गया जैश का लांचिंग कमांडर
कोट बलवल जेल में ही आतंकी लतीफ की मुलाकात जैश के सरगना मसूद अजहर से हो चुकी थी। वह जैसे भी भारत से पाकिस्तान पहुंचा। मसूद अजहर ने उसे सियालकोट में जैश का लांचिंग कमांडर बना दिया। एक बार फिर से लतीफ भारत के खिलाफ एक के बाद एक साजिश रचने लगा। इसका जन्म सियालकोट में हुआ था। वह गुजरांवाला में रहता था। आतंकियों की घुसपैठ का जिम्मा भी इसके पास था।

पठानकोट हमले का मास्टरमाइंड था
पाकिस्तान पहुंचते ही लतीफ जैश का कमांडर बन गया। वह भारत के खिलाफ साजिश पर साजिश रचने लगा। आखिरकार 2 जनवरी 2016 को पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर उसके हमले की साजिश सफल हुई। इसमें भारतीय वायु सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे। लतीफ चार आतंकियों को पाकिस्तान में बैठकर निर्देश दे रहा था। पठानकोट में भी कई दिनों तक सर्च आपरेशन चला था। चार आतंकी मार गिराए गए थे।

अनंतनाग मुठभेड़ 2023 का हैंडलर था लतीफ
आतंकी लतीफ अनंतनाग में हुई मुठभेड़ का मुख्य साजिशकर्ता था। कोकरनाग मुठभेड़ में भारतीय सेना का एक कर्नल, एक मेजर, एक जवान और जम्मू कश्मीर पुलिस का एक डीएसपी शहीद हो गए थे। यह आपरेशन छह दिनों तक चला था। इसमें स्थानीय आतंकी सहित एक पाकिस्तानी आतंकी भी शामिल था।