MCD चुनाव की वोटिंग जारी:1349 उम्मीदवार मैदान में; वोटर लिस्ट में मेरा नाम नहीं:-दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष

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नई दिल्ली :- दिल्ली नगर निगम (MCD) के सभी 250 वार्डों के लिए वोटिंग जारी है। ठंड के बावजूद भी मतदाता बड़ी संख्या में वोट देने के लिए पहुंच रहे हैं। बुजुर्ग वोटर्स में ज्यादा उत्साह नजर आ रहा है। भाजपा और आप में कड़ा मुकाबला है। एक तरफ BJP आम आदमी पार्टी को शराब और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरे हुए है, दूसरी ओर AAP का कहना है कि दिल्ली में गंदगी के लिए भाजपा जिम्मेदार है। वोटिंग शाम 5.30 तक चलेगी। इसके नतीजे 7 दिसंबर को आएंगे।

चुनाव के अपडेट्स…

  • दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी का कहना है कि उनका नाम वोटर लिस्ट में नाम नहीं है।
  • CM अरविंद केजरीवाल 10:30 बजे सिविल लाइंस के अंडर हिल रोड मतदान केंद्र पर वोट डालेंगे।
  • दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया लोगों से बोले- दिल्ली को साफ-सुथरी बनाने के लिए वोट करें।
  • केजरीवाल की लोगों से अपील- दिल्ली नगर निगम में एक ईमानदार और काम करने वाली सरकार बनाने के लिए आज अपना वोट डालने जरूर जाएं।
  • MCD चुनाव के मद्देनजर दिल्ली के लाजपत नगर, गांधी नगर, कृष्णा नगर, कमला नगर, करोल बाग सहित सभी थोक और खुदरा बाजार बंद रहेंगे।
  • चुनाव में VVPAT मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। M-2 EVM मशीन वोटिंग के लिए यूज हो रही हैं।

नेताओं की जनता से अपील…

  • कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा- लोगों को उम्मीदवारों को देखना चाहिए और उसके अनुसार मतदान करना चाहिए। कांग्रेस के उम्मीदवार अच्छे हैं और लोगों को उस उम्मीदवार को वोट देना चाहिए जो चुनाव के बाद उनके लिए उपलब्ध होगा।
  • दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने कहा- मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे इस बात को ध्यान में रखें कि शहर को साफ रखना MCD की प्राथमिकता है। BJP ने 15 साल से दिल्ली के लिए कुछ नहीं किया, वह लोगों के लिए काम करने में बुरी तरह विफल रही है।
  • पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा- मुझे पूरा विश्वास है कि दिल्ली से बड़ी संख्या में लोग वोट डालेंगे। PM मोदी के नेतृत्व में BJP ने देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, मुझे उम्मीद है कि लोग उसी के अनुसार मतदान करेंगे। दिल्ली ने पिछले 15 सालों में भाजपा का काम देखा है।

1,349 उम्मीदवार मैदान में
MCD चुनाव के लिए 1349 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 709 महिला प्रत्याशी हैं। BJP और AAP ने सभी 250 सीटों पर अपने-अपने कैंडिडेट उतारे हैं, जबकि कांग्रेस के 247 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे रहे हैं। JDU 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, तो AIMIM ने 15 कैंडिडेट उतारे हैं। BSP ने 174, NCP ने 29, इंडियन मुस्लिम लीग ने 12, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) ने 3, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने 4, और सपा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने एक-एक सीट पर प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। इसके अलावा 382 निर्दलीय प्रत्याशी हैं।

13,638 मतदान केंद्रों पर होगी वोटिंग
चुनाव आयोग ने पूरी दिल्ली में 13,638 मतदान केंद्र बनाए हैं। इनमें लगभग 1 लाख कर्मचारियों को तैनात किया है। वोटर्स की सुविधाओं के लिए 68 मॉडल मतदान केंद्र और 68 पिंक मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इन पोलिंग बूथ पर कुल 40 हजार जवान की तैनाती की गई है। चुनाव में 56,000 EVM मशीन का इस्तेमाल किया जाेगा। बूथों पर चुनाव आयोग ने पारदर्शी तरीके से चुनाव के लिए CCTV लगवाए हैं।

सबसे ज्यादा आबादी वाला वार्ड
मयूर विहार फेज 1 दिल्ली का सबसे बड़ा वार्ड है, यहां 88,878 लोग रहते हैं। वहीं, त्रिलोकपुरी दूसरे और संगम विहार तीसरे नंबर पर हैं। कंझावला 40,467 निवासियों के साथ सबसे छोटा वार्ड है।

केंद्र ने तीनों निगमों को एक किया
2012 तक, MCD एक हुआ करती थी, लेकिन बाद में इसे ईस्ट, नॉर्थ और साउथ निकायों में बांट दिया गया। बहरहाल, चीजें योजना के अनुसार नहीं हुईं और इस साल की शुरुआत में, केंद्र सरकार ने दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया।

संशोधन के बाद, दिल्ली के ईस्ट, नॉर्थ और साउथ नगर निगमों को मिलाकर एक कर दिया यानी अब दिल्ली में तीन नहीं एक मेयर होगा। पूरे MCD को 12 जोन में बांटा गया है- सेंट्रल, सिटी-एसपी, सिविल लाइंस, करोल बाग, केशव पुरम, नजफगढ़, नरेला, नॉर्थ शाहदरा, रोहिणी, साउथ शाहदरा, साउथ और वेस्ट। दिल्ली नगर निगम चुनाव में 2017 में कुल 272 सीटों में से 270 सीटों पर वोट डाले गए थे। इस बार सीटें कम होकर 250 हो गई हैं। इनमें से अनुसूचित जाति (SC) के लिए 42 सीटें रिजर्व हैं। महिलाओं के लिए 50 फीसदी सीटें रिजर्व हैं।

15 साल से MCD में काबिज BJP

  • BJP ने 2007 के MCD चुनावों में जीत हासिल की थी, तब केंद्र और दिल्ली दोनों में कांग्रेस की सरकार थी। लेकिन भाजपा 2008 में दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकी। इस दौरान शीला दीक्षित रिकॉर्ड तीसरी बार सत्ता में लौटीं थी।
  • भाजपा ने 2012 में फिर से MCD चुनाव जीता। हालांकि, 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में हार गई। इस साल अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनाई थी। हालांकि, उनकी सरकार 49 दिन ही चली। इसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
  • 2017 में हुए MCD चुनाव भी भाजपा ने जीते। इस दौरान AAP दूसरे स्थान पर रही। हालांकि, AAP ने 2018 में दिल्ली विधानसभा चुनाव जीत लिया।

MCD क्या काम करती है

  • जनता को सुविधाएं प्रदान करना। इसमें स्वास्थ्य सुविधाएं, सड़कों, फुटपाथ और बाजारों की सफाई, ई-रिक्शा, रिक्शा और ठेलों को लाइसेंस देना शामिल है।
  • प्राइमरी स्कूलों का संचालन और सड़क, ओवर ब्रिज, सार्वजनिक शौचालय जैसे पब्लिक प्लेस का निर्माण-रखरखाव।
  • वॉटर सप्लाई, ड्रेनेज सिस्टम मैनेजमेंट, स्लम एरिया में डेवलपमेंट के काम।
  • पार्क, लाइब्रेरी, स्ट्रीट लाइट्स और पार्किंग क्षेत्रों का रखरखाव। कई पार्किंग के ठेके भी MCD देती है।
  • MCD के जरूरी कामों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट शामिल है, जिसमें यह सुनिश्चित करना होता है कि हर घर से और कलेक्शन प्वाइंट्स से कचरा इकट्ठा किया जाए।
  • MCD का काम यह सुनिश्चित करना है कि इमारतों का निर्माण उसके द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस के अनुसार हो।
  • MCD श्मशान घाट चलाने और जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड रखने के लिए जिम्मेदार है।

MCD और दिल्ली सरकार के बची इन अधिकारों पर टकराव
MCD और दिल्ली सरकार दोनों शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हैं। MCD को प्राइमरी स्कूलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि दिल्ली सरकार को हायर सेकेंडरी स्कूलों के साथ-साथ कॉलेजों की भी देखभाल करनी होती है।

MCD 60 फीट से छोटी सड़कों की सफाई और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। दूसरी ओर, दिल्ली सरकार को 60 फीट से अधिक चौड़ी सड़कों की देखरेख करनी होती है।

MCD टोल, प्रॉपर्टी और प्रोफेशनल टैक्स के साथ-साथ विज्ञापनों से रेवेन्यू कलेक्ट करती है, जबकि दिल्ली सरकार वैल्यू एडेड टैक्स, सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी इकट्ठा करती है। इसी से शहर का बजट तैयार होता है।

दिल्ली की राजनीति में MCD इतनी अहम क्यों
दिल्ली की सत्ता के तीन पावर सेंटर्स हैं। दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और MCD। केंद्र सरकार की शक्तियां तो उसके पास ही रहेंगी। अब मान लीजिए दिल्ली में और केंद्र में विरोधी दलों की सरकारें हैं तो केंद्र में सत्ताधारी दल चाहता है कि MCD उसके पास रहे और वह दिल्ली को अपने हिसाब से रेगुलेट कर सके। वहीं, दिल्ली की सरकार चाहती है कि MCD भी उसके कब्जे में आ जाए तो वह ज्यादा आजादी से और अपने हिसाब से विकास कर सकेगी।

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