नई दिल्ली:-सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अडाणी-हिंडनबर्ग मामले पर मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह मीडिया को रिपोर्टिंग से नहीं रोक सकता। वहीं कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले की जांच के लिए कमेटी के गठन को लेकर अपना फैसला सुरक्षित कर चुकी है और जल्द ही इसे सुनाया जाएगा। ये याचिका एडवोकेट मनोहर लाल शर्मा ने दायर की थी।
अडाणी-हिंडनबर्ग केस में SC पहुंचीं 4 याचिकाएं
इस मामले में अभी तक 4 जनहित याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। एडवोकेट एम एल शर्मा, विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और सोशल वर्कर मुकेश कुमार ने ये याचिकाएं दायर की हैं। मामले में पहली सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला ने 10 फरवरी को की थी।
याचिकाओं में FIR दर्ज करने और जांच की मांग
- मनोहर लाल शर्मा ने याचिका में हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन और भारत में उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच करने और FIR की मांग की है। इसके साथ ही इस मामले पर मीडिया कवरेज पर रोक की भी मांग की गई थी।
- विशाल तिवारी ने SC के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली एक कमेटी बनाकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच की मांग की। तिवारी ने अपनी याचिका में लोगों के उन हालातों के बारे में बताया जब शेयर प्राइस नीचे गिर जाते हैं।
- जया ठाकुर ने इस मामले में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की भूमिका पर संदेह जताया है। उन्होंने LIC और SBI की अडाणी एंटरप्राइजेज में भारी मात्रा में सार्वजनिक धन के निवेश की भूमिका की जांच की मांग की है।
- मुकेश कुमार ने अपनी याचिका में SEBI, ED, आयकर विभाग, डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस से जांच के निर्देश देने की मांग की है। मुकेश कुमार ने अपने वकीलों रूपेश सिंह भदौरिया और महेश प्रवीर सहाय के जरिए ये याचिका दाखिल कराई है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से निवेशकों को नुकसान
याचिकाओं में दावा किया गया है कि हिंडनबर्ग ने शेयरों को शॉर्ट सेल किया जिससे ‘निवेशकों को भारी नुकसान’ हुआ। इसमें ये भी कहा गया है कि रिपोर्ट ने देश की छवि को धूमिल किया है। यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। इसके साथ ही रिपोर्ट पर मीडिया प्रचार ने बाजारों को प्रभावित किया और हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन भी भारतीय नियामक सेबी को अपने दावों का प्रमाण देने में विफल रहे।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से ग्रुप का मार्केट कैप 61.6% गिरा
अडाणी ग्रुप को लेकर 24 जनवरी को हिंडरबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से ग्रुप का मार्केट कैप 61.6% या 11.8 लाख करोड़ रुपए घटकर अब 7.4 लाख करोड़ रुपए हो गया है। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ग्रुप के सात शेयर 85% से जायादा ओवरवैल्यूड है।
ग्रुप के शेयरों में अडाणी टोटल गैस का शेयर सबसे ज्यादा टूटा है। ये पिछले 21 सेशन में 20 सेशन में लोअर सर्किट पर बंद हुआ है। गुरुवार के 5% नुकसान के बाद, स्टॉक अब 25 जनवरी से अपने मूल्य का लगभग 80% खो चुका है।
24 जनवरी को इसका मार्केट कैप 4.3 लाख करोड़ रुपए था जो अब 87,242 करोड़ रुपए पर आ गया है। अडाणी ग्रीन एनर्जी और ट्रांसमिशन को करीब 73% का नुकसान हुआ है। अडाणी एंटरप्राइजेज, पिछले एक महीने में अपने मूल्य का लगभग 60% खो चुकी है।