रांची:-झारखंड के रांची में CM आवास में गठबंधन दलों के विधायकों की बैठक खत्म हो गई। 45 मिनट चली बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की। बैठक में शामिल विधायकों से हेमंत सोरेन ने कहा, सोशल मीडिया और अखबारों पर ध्यान न दें। मैं किसी भी कीमत पर इस्तीफा नहीं दे रहा हूं। साथ ही सभी विधायकों को अभी रांची में ही रहने का निर्देश दिया गया है। चर्चा है कि सभी विधायक मिलकर वनभोज में जा सकते हैं।
बैठक से बाहर निकले कांग्रेस के विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि हेमंत सोरेन अभी मुख्यमंत्री हैं और आगे भी मुख्यमंत्री बने रहेंगे। विधायक मथुरा महतो ने कहा सरकार पर कोई संकट नहीं है। सीएम हेमंत सोरेन है और वहीं बरकरार रहेंगे उन्होंने कहा कि इस्तीफे की बात सही नहीं है। जैसा है वैसा चलता रहेगा।
मिथिलेश ठाकुर ने कहा हेमंत सोरेन हमारे सर्वमान्य नेता हैं। वही मौजूद रहेंगे। पत्रकारों ने जब पूछा कि फिर यह विधायक दल की बैठक क्यों ? इस पर उन्होंने कहा नये साल में हम सभी मिले हैं। गठबंधन में शामिल सभी दलों के विधायकों से मिले और मिठाइयां खाई है।
25 साल तक हेमंत सोरेन की सरकार
विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि बैठक में एक लिफाफा था। मैंने उस लिफाफा को खोला, जिसपर लिखा था, अगले 25 साल तक हेमंत सोरेन की सरकार रहेगी। बैठक नये साल को देखते हुए बुलाई गई ईडी के संबंध में कोई चर्चा नहीं हुई। वहीं, अंबा प्रसाद ने कहा कि सरकार के खिलाफ चल रही साजिश पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बने रहेंगे यह तय है। ईडी का अंतिम समन था, जिसपर उन्होंने जवाब दिया है।
बैठक में नलिन सोरेन, सुदिव्य कुमार सोनू, बेबी देवी, समीर मोहंती, रामदास सोरेन, संजीव सरदार, मंगल कालिंदी, सबिता महतो, दीपक बीरुआ, निरल पूर्ती, जोबा मांझी, सुखराम उरांव, दशरथ गगरई, भूषण तिर्की, बैधनाथ राम, मिथिलेश ठाकुर, अंबा प्रसाद, जयमंगल सिंह, भूषण बाड़ा, रामचंद्र सिंह और सत्यानंद भोक्ता समेत 37 विधायक शामिल रहे।
गठबंधन मीटिंग से पहले कांग्रेस विधायक पार्टी की बैठक हुई
इसके पहले रांची के कांग्रेस भवन में कांग्रेस पार्टी की बैठक हुई। इस बैठक में झारखंड के कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर सभी विधायकों के साथ बातचीत की। करीब 12 बजे ये मीटिंग शुरू हुई, जो करीब ढाई बजे तक चली। झारखंड के राजनीतिक संकट पर भी चर्चा हुई। कांग्रेस की विधायकों के साथ हुई मीटिंग के बाद झारखंड कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और मंत्री आलमगीर आलम ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि संगठन विस्तार पर चर्चा की गई है।
इसके अलावा पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए इस पर मंथन किया गया। सरकार में चल रही उठापटक और तमाम गतिविधियों को लेकर कहा कि कहीं कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि कई विधायकों ने यह कहा कि कांग्रेस के विधायक हेमंत सोरेन के साथ हैं।
हम सब एक साथ हैं- इरफान अंसारी
मीटिंग से निकले जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि यहां सभी विधायक जुटे हुए थे। हम लोगों ने संगठन को मजबूत किया है और जहां हम कमजोर हैं, वहां बेहतर करना है। इन सब चीजों पर चर्चा की गई है।
दो विधायक मीटिंग में नहीं पहुंचीं
कांग्रेस की बैठक में विधायक दीपिका पांडे मौजूद नहीं रहीं ,क्योंकि उनके पिता का निधन हुआ है। वो श्राद्ध कार्यक्रम में शामिल होने गई हैं। वहीं विधायक पूर्णिमा सिंह झारखंड से बाहर हैं। इसलिए बैठक में शामिल नहीं हो पाईं। उन्होंने पार्टी को इसकी सूचना दी है।
क्या सीएम अपनी पत्नी को देंगे कमान?
ऐसी चर्चा है कि गठबंधन की बैठक के बाद हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का नाम सीएम पद के लिए प्रस्तावित किया जा सकता है। हालांकि बैठक से एक दिन पहले एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि मेरी पत्नी के विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना बीजेपी की कल्पना है। बीजेपी झूठी कहानी बना रही है कि मैं अपनी पत्नी को बागडोर दूंगा।
राजनीतिक संकट के बीच राज्यपाल चेन्नई रवाना
राज्य में राजनीतिक संकट के बीच राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन चेन्नई गए हैं। वो 8 जनवरी को वापस लौटेंगे। चेन्नई का यह दौरा पहले से प्रस्तावित था। उन्होंने जाने से कहा कि मैं एक बात कई बार दोहरा चुका हूं जिन्होंने कुछ भी गलत किया है, उन्हें इसका परिणाम भुगतना होगा। राजभवन राज्य की कानून व्यवस्था पर नजर रख रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य में कानून व्यवस्था में गिरावट आ रही है।
गुरुजी को दी राजनीतिक हलचल की जानकारी
विधायक दल की बैठक से पहले मंगलवार को सीएम हेमंत सोरेन ने महाधिवक्ता राजीव रंजन के साथ बैठक की। इस बैठक में कानूनी संभावना और विकल्प को लेकर चर्चा की। इस बैठक के बाद वे गुरुजी शिबू सोरेन के मोरहाबादी आवास पहुंचे। यहां वे लगभग 20 मिनट तक रहे।
इस मुलाकात में उन्होंने वर्तमान राजनीतिक हालात, सरकार को बनाए रखने के विकल्प और विधायकों के साथ होने वाली बैठक की जानकारी दी। सीएम हेमंत सोरेन की ओर से उठाए गए इस कदम के बाद से झारखंड की राजनीति किस करवट बैठेगी, इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।
क्यों बन रही ऐसी स्थिति
सरकार में बदलाव और राजनीतिक उठा-पटक की ऐसी स्थिति तब बनी जब जमीन घोटाला मामले में ईडी की ओर से लगातार सात बार समन भेजे जाने के बाद भी वे प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर नहीं गए।
29 दिसंबर को ईडी की ओर से सातवां समन भेजे जाने के बाद, जब सीएम की ओर से सवालों का जवाब देने के लिए समय निर्धारित नहीं किया गया तब सीएम की गिरफ्तारी को लेकर ईडी के कोर्ट जाने की बात सामने आयी। इसके बाद से झारखंड की राजनीति का माहौल बदला।