जयपुर:-आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ीलाल मीणा का कहना है कि प्रदेश में हीटवेव से मरने वालों के लिए मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है। मीणा ने कहा- मैं इस मान्यता वाला हूं कि शीतलहर और हीटवेव भी प्राकृतिक आपदा है। ऐसे में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिलकर इसके लिए केंद्र को पत्र लिखने के लिए कहेंगे। हीटवेव से मौत को भी एसडीआरएफ की गाइडलाइन में शामिल कर लिया जाए।
हीटवेव से मरने वालों को भी वैसे ही पैकेज दिया जा सके। जैसे अन्य आपदाओं में मिलता है। अभी हीटवेव और शीतलहर में कोई पैकेज नहीं मिलता है। किरोड़ीलाल मीणा सचिवालय में मीडिया से बात कर रहे थे।
दरअसल, गुरुवार राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को हीटवेव से होने वाली मौतों के मामले में उचित मुआवजा देने के निर्देश भी दिए थे। जस्टिस अनूप कुमार ढंढ ने कहा था कि अब समय आ गया है, जब हीटवेव (लू) और कोल्डवेव (शीतलहर) को राष्ट्रीय आपदा घोषित करके इनसे निपटने के लिए एडवांस तैयारी की जाए।
रैन बसेरों की तरह छाया के लिए टैंट लगाने के लिए सीएम से बात करूंगा
मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने कहा- मैं मुख्यमंत्री से बात करने वाला हूं कि जिस तरह से हम ज्यादा सर्दी में रैन बसेरे लगाते हैं। उसी तरह से इस गर्मी के मौसम में छाया के लिए टैंट, पीने के लिए पानी, शीतल पेय की व्यवस्था की जाए। इससे डिहाइड्रेशन नहीं हो। ऐसी समुचित व्यवस्था करने का मैं पक्षधर हूं।
किरोड़ी बोले- डोटासरा डॉक्टर नहीं है
किरोड़ीलाल मीणा ने कहा- इस समय हर मरने वाले व्यक्ति का पोस्टमाॅर्टम किया जा रहा है। जिससे मृत्यु हुई है, उसका कारण डॉक्टर लिख रहे हैं। कॉज ऑफ डेथ से बड़े न डोटासरा है, न ही मैं हूं। उन्होंने कहा- कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा बढ़ा-चढ़ाकर बयान दे रहे हैं।
किरोड़ी ने कहा- नंबर ऑफ डेथ को लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं है। पोस्टमाॅर्टम में अगर मृत्यु का कारण हीटवेव आ रहा है तो उसे हीटवेव से ही मरना बताया जा रहा है। इसे छिपाने का कोई मतलब नहीं है।
हम लोगों से भी आग्रह करते हैं। उसके बावजूद भी लोग पोस्टमाॅर्टम नहीं करवा रहे हैं। ऐसे में मृत्यु का सही कारण सामने नहीं आ पाता है। अगर पोस्टमाॅर्टम ही नहीं होगा तो हीटवेव से मौत नहीं मान सकते हैं। हम चिकित्सा विभाग से आकड़े इकट्ठे करते हैं। इसे लेकर हमने एडवाइजरी भी जारी की है। जिसे सभी संभागीय आयुक्त और जिला कलक्टर को भेजा है।