शिमला:-हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिमाचल के पकवान याद रहते हैं। मगर, जब आपदा आई तो PM को प्रदेश की याद नहीं आ रही, जबकि प्रदेश में सदी की सबसे भीषण तबाही हुई है।
केंद्र सरकार हिमाचल को सता रही है। राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के संकल्प पर सदन में बोलते हुए जगत नेगी ने कहा कि केंद्र ने नुकसान के आकलन को टीमें भेजी और आकलन कराया, लेकिन अब तक राहत नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि विपक्ष चिल्ला रहा है कि केंद्र ने हेलिकॉप्टर दिए और आर्थिक सहायता की। विपक्ष को यह समझ नहीं कि इन हेलिकॉप्टर का हमने किराया दिया है। केंद्र ने हेलिकॉप्टर मुफ्त में नहीं दिए। जो आर्थिक सहायता केंद्र ने अब तक दी है, वह डिजास्टर फंड था और सभी राज्यों को मिलना तय था।
उत्तराखंड को UPA सरकार ने दी थी 5000 करोड़ की मदद
जगत नेगी ने कहा कि उत्तराखंड के केदारनाथ में जब आपदा आई थी तो उस दौरान प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 5000 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता उत्तराखंड को दी थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संघीय ढांचे में भेदभाव कर ही रही है, लेकिन प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी नेता भी असमंजस में है। कोई खुलकर नहीं बोल रहा कि हिमाचल में राष्ट्रीय आपदा घोषित की जाए।
PCB अधिकारियों को सत्ती ने बोला बेईमान
राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के संकल्प पर बोलते हुए BJP विधायक सत्तपाल सत्ती ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) बेईमान अधिकारियों ने सेब बागवान पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री संचालकों पर PCB अधिकारी कार्रवाई नहीं करते और जब एक बागवान का सेब सड़ जाता है, तो उसे मजबूरी में नाले में फेंकता है, तो PCB अधिकारी बागवान पर कार्रवाई करते है।
अफसरशाही का वेतन भी काटा जाए: सत्ती
सत्तपाल सत्ती ने कहा कि अफसरशाही, अधिकारियों व कर्मचारियों की भी सैलरी काटी जाए। उन्हें केवल 10 हजार गुजारा भत्ता दिया जाए। विधायकों ने भी अपना पूरा वेतन आपदा में दिया है। इनका भी वेतन आपदा फंड में डाला जाए।
सत्तपाल सत्ती ने कहा कि निर्माण पर रोक लगाने की जरूरत है। लोग चाहते हैं कि खुद होटल में बैठे हो और उनके पांव नदी में हो। नदियों के किनारे निर्माण की सीमा तय होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राहत एवं पुनर्वास कार्य में तेजी के लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाए। विधायकों को मंत्री बनाकर जिम्मेदारी दी जाए।
राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से मिलेगा ये फायदा: पठानिया
कांग्रेस विधायक भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि यदि केंद्र सरकार राष्ट्रीय आपदा घोषित करती है तो हिमाचल को ऋण माफी, लोन पर सब्सिडी मिलेगी। राहत एवं बचाव कार्य के लिए केंद्र से 90:10 के अनुपात में आर्थिक मदद मिलेगी। इसलिए सभी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के संकल्प का समर्थन करना चाहिए।
तीन दिन से राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के संकल्प पर चर्चा
हिमाचल विधानसभा में काम काज रोक कर सरकारी संकल्प राष्ट्रीय आपदा घोषित करने को लेकर तीन दिन से चर्चा जारी है। इस पर सत्तापक्ष और विपक्ष के ज्यादातर विधायक अपनी अपनी बात कह चुके है। आज इस संकल्प का मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू जवाब देंगे। इसके बाद इस संकल्प को विधानसभा में पास करवा केंद्र को भेजा जाएगा और केदारनाथ की तर्ज पर हिमाचल में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की जाएगी।
BJP पर सबकी निगाहे
दिलचस्प यह रहेगा की भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक मुख्यमंत्री का जवाब सुनने के बाद क्या प्रतिक्रिया देते हैं। ये सवाल इसलिए क्योंकि BJP के ज्यादातर विधायक बार बार यह कह रहे हैं कि राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है और केंद्र मदद दे रहा है।
सरकार ने इसलिए लाया ये संकल्प
हिमाचल में भारी बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड और बादल फटने से 12 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। 441 लोगों की जान चली गई है। इसे देखते हुए राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और विशेष पैकेज देने की मांग कर रही है। हिमाचल सरकार कई बार केंद्र से यह मांग उठी चुकी है, लेकिन केंद्र से अब तक हिमाचल को एक रुपए की भी अतिरिक्त सहायता नहीं मिल पाई है।