जयपुर:-राजस्थान के ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सिफारिश को राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंजूर कर लिया। राजेंद्र सिंह गुढ़ा लंबे समय से सीएम गहलोत और सरकार के खिलाफ बयान दे रहे थे।
गुढ़ा ने शुक्रवार को विधानसभा में न्यूनतम आय गारंटी बिल पर बहस के दौरान अपनी ही सरकार पर महिला सुरक्षा में फेल होने का आरोप लगाया था। मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने तख्तियां लहराई थीं।
इस पर गुढ़ा ने कहा- राजस्थान में इस बात में सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में विफल हो गए हैं। राजस्थान में जिस तरह से महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं, ऐसे में हमें मणिपुर की बजाय अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। गुढ़ा की बर्खास्तगी के बाद अब गहलोत मंत्रिपरिषद में एक मंत्री की जगह खाली हो गई है। अब कैबिनेट में फेरबदल की संभावना जताई जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष राठौड़ बोले थे- मंत्री ने सरकार की कलई खोल दी
मंत्री गुढ़ा के आरोप पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा था- सरकार संविधान के आर्टिकल 164(2) के तहत सामूहिक जिम्मेदारी से चलती है। हमारे संविधान में लिखा है कि सरकार का एक मंत्री बोलता है तो इसका मतलब पूरी सरकार बोल रही है। मंत्री ने सरकार की कलई खोल दी है। मैं उनको बधाई दूंगा, लेकिन यह शर्मनाक बात है।
हाईकमान से सलाह लेकर बर्खास्तगी का फैसला
राजेंद्र गुढ़ा पिछले करीब एक साल से पार्टी लाइन से अलग जाकर कई बार बयान दे चुके थे। पार्टी में एक्शन लेने के लिए शुक्रवार को सबसे बड़ा आधार तय हो गया था। गुढ़ा ने मणिपुर मामले की जगह राजस्थान सरकार को अपने गिरेबां में झांकने की सलाह देकर विवाद बढ़ा दिया। गुढा के विधानसभा में दिए बयान को बीजेपी ने आधार बनाकर मणिपुर के काउंटर में पेश करना शुरू कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने तत्काल दिल्ली रिपोर्ट भेजी, हाईकमान से बात की। साथ ही गहलोत ने भी हाईकमान से सलाह ली, इसके बाद ग्रीन सिग्नल मिलते ही गुढ़ा के विधानसभा में दिए बयान के कुछ ही देर बाद उन्हें बर्खास्त करने की फाइल राजभवन भिजवा दी।