नई दिल्ली:-त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं से मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर नॉर्थ-ईस्ट के लोगों का सम्मान करने को कहा। मोदी ने कहा- यह नॉर्थ-ईस्ट की देशभक्ति का सम्मान है। यह नॉर्थ-ईस्ट के प्रगति पर जाने का सम्मान है।
यह प्रकाश उनके सम्मान और उनके गौरव में है। आपका मैं धन्यवाद करता हूं। बीते वर्षों में भाजपा मुख्यालय ऐसे अनेक अवसरों का साक्षी बना है। आज हमारे लिए जनता जनार्दन को विनम्रता से नमन करने का एक और अवसर आया है। इन राज्यों की जनता ने भाजपा और हमारे सहयोगियों को भरपूर आशीर्वाद दिया है।
मैं आज त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड के बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी बधाई देता हूं। अन्य राज्यों में काम करना उतना कठिन नहीं है, जितना नॉर्थ ईस्ट में है इसलिए वे विशेष अभिनंदन के हकदार हैं। इन चुनाव परिणामों में देश- दुनिया के लिए कई संदेश हैं।
पहले नॉर्थ ईस्ट में नतीजे आते थे तो दिल्ली में उतनी चर्चा होती ही नहीं होती थी। पहले चर्चा होती भी थी तो सिर्फ हिंसा की होती थी। त्रिपुरा में तो हाल ही ये था कि एक पार्टी के अलावा किसी और का झंडा तक नहीं लगाया जा सकता था। कोई लगाने की कोशिश करता था तो उसे लहूलुहान कर दिया जाता था।
हम एक नई दिशा पर चल पड़ा नॉर्थ-ईस्ट देख रहे हैं। यह दिलों की दूरियां समाप्त होने का ही नहीं, बल्कि नई सोच का प्रतीक है। अब नॉर्थ ईस्ट न दिल्ली से दूर है न दिल से दूर है। यह इतिहास रचे जाने का समय है। मैं नॉर्थ ईस्ट की समृद्धि और विकास का समय देख रहा हूं। कुछ दिन पहले मैं जब वहां गया तो किसी ने कहा कि मोदी जी आपको अपनी हाफ सेंचुरी के लिए बहुत-बहुत बधाई। मैंने पूछा कि कैसी हाफ सेंचुरी तब उन्होंने बताया कि आप जब से प्रधानमंत्री बने हैं तब से 50 बार से अधिक बार नॉर्थ ईस्ट की विजिट कर चुके हैं।
एक नागरिक जब मुझे कह रहा था तब मैं अनुभव कर रहा था कि नॉर्थ ईस्ट जाने से ही उसके दिल में कितना प्यार उमड़ आया है। यह उसकी अभिव्यक्ति थी। मुझे लगा कि मैंने उनके दिलों को जीता है और यह मेरे लिए सबसे बड़ी जीत है। अब पूर्वोत्तर के लोगों को अहसास हो रहा है कि उनकी उपेक्षा नहीं होती। केंद्र की राजनीति में नॉर्थ ईस्ट के राज्यों को भी महत्व मिलता है। कुछ हमारे विशेष शुभचिंतक भी हैं जिनके पेट में यह सोचकर दर्द होता है कि बीजेपी की जीत का राज क्या है।
साथियों मैं ज्यादा तो टीवी देख नहीं पाता, लेकिन मुझे पता नहीं कि अभी ईवीएम पर गाली पड़नी शुरू हुई है या नहीं, लेकिन ऐसे सभी शुभचिंतकों को मैं उन्हें भाजपा की सफलता का राज बताना चाहता हूं। यह छिपा है त्रिवेणी में। पहली- भाजपा सरकारों का कार्य। त्रिवेणी की दूसरी शक्ति है- भाजपा की कार्य संस्कृति और तीसरी है भाजपा कार्यकर्ताओं का सेवा भाव। यह मिलकर भाजपा की शक्ति को वन प्लस, वन प्लस वन यानी 111 गुना बढ़ा देते हैं।
हमने देश को एक राजनीति दी है, राजनीति की एक नई संस्कृति दी है। हमने सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास मॉडल दिया है। हम सबके विकास में विश्वास करते हैं। सबके लिए सेवाभाव से काम करते हैं। हमारी प्रेरणा है एक भारत श्रेष्ठ भारत। हमारे लिए देश प्रथम है, देसवासी प्रथम हैं। हमारे देश में एक और पॉलिटिकल मॉडल रहा। पहले ऐसा कहते थे कि जो दूर दृष्टा होते हैं वो आने वाली पीढ़ियों के बारे में सोचते हैं और पॉलिटीशियन अगले चुनाव का सोचते हैं। उनकी तस्वीर छपेगी या नहीं यह सोचते हैं।
राजनीति के इस मॉडल में कठिन लक्ष्यों को हाथ ही नहीं लगाया जाता था। कठिनाइयों को ऐसे टाल दिया जाता था कि इससे उनका सरोकार ही नहीं है। भाजपा ने इस एप्रोच को बदल दिया है। हम सबसे कठिन चीजों को हल करने के लिए कठिन से कठिन मेहनत करते हैं। समाधान के जो भी रास्ते मिलें उन पर ईमानदारी से चलने का प्रयास करते हैं।
हम यह देखते हैं हमने यह काम नहीं किया तो लोगों का जीवन और कितना मुश्किल हो जाएगा। हमारी नींद चली जाती है। नॉर्थ ईस्ट इसका उदाहरण है। आजादी के दशकों बाद भी नॉर्थ ईस्ट के हजारों गांवों में बिजली भी नहीं पहुंची थी। पहले की सरकारों ने देखा कि वहां बिजली पहुंचाना कठिन है तो उन्हें अंधेरे में छोड़ दिया गया। उनके घरों में बिजली, नल से जल और गैस उपलब्ध कराना पहले की सरकारों की सूची में ही नहीं था। एयरपोर्ट, हाईवे और रेलवे की कनेक्टिविटी को कठिन मान लिया गया था। इसी वजह से इन परियोजनाओं में देरी हुई। हमने उन्हें पूरा किया।
मुझे तो खुशी है कि मेरा गरीब भाई भी गरीबी को दूर करने के लिए मेरे साथ कंधा से कंधा मिलकर मेहनत कर रहा है। इसलिए भारत के विकास और उसकी रफ्तार की तारीफ पूरी दुनिया में हो रही है। हमारी त्रिवेणी की जो तीसरी शक्ति है वह हमारे कार्यकर्ता हैं और मैं उनको बार-बार नमन करता हूं। भाजपा के कार्यकर्ता का सेवाभाव अतुल्य है। उसका समर्पण अतुल्य है। उसकी पहचान अनुशासन से होती है। हमने कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना किया है, लेकिन हमारे कार्यकर्ता ने मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में भी भाजपा का झंडा बुलंद रखा है।
नड्डा बोले- मोदी के विजन की जीत
इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा- पूर्वोत्तर में भाजपा को मिली जीत, मोदी के विजन का नतीजा है। यह मोदी की मेहनत की जीत है। मोदी ने नार्थ-ईस्ट के विकास का रोडमैप बनाया, जिस पर चलकर वहां की तकदीर बदल गई है। पूर्वोत्तर पहले टारगेट किलिंग, हिंसा और आतंकवाद के लिए जाना जाता था, अब शांति और विकास के लिए जाना जाता है।
अब ग्राफिक्स के जरिए समझ लीजिए तीनों राज्यों में किस पार्टी को कितनी सीटें मिलीं
त्रिपुरा और नगालैंड में भाजपा गठबंधन को बहुमत
तीनों राज्यों के विधानसभा चुनाव में त्रिपुरा और नगालैंड के रिजल्ट आ चुके हैं। नगालैंड और त्रिपुरा में भाजपा को फिर से बहुमत मिला है। दोनों राज्यों में भाजपा गठबंधन को 37 और त्रिपुरा में 33 सीटें मिली हैं।
उधर, मेघालय में मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की NPP सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। NPP के खाते में अभी 25 सीटें आ रही हैं। वोटिंग के बाद एग्जिट पोल्स में त्रिपुरा-नगालैंड में भाजपा गठबंधन को बहुमत का अनुमान था। मेघालय में हंग असेंबली के आसार थे। इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट करके कहा- मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने गृहमंत्री अमित शाह को फोन करके सरकार बनाने के लिए मदद मांगी है।
पीएम ने ट्वीट कर कार्यकर्ताओं को बधाई दी
नगालैंड और त्रिपुरा में बीजेपी गठबंधन को जीत मिलने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर लोगों को धन्यवाद कहा है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार लोगों के विकास के लिए काम कर रही है। मैं पार्टी कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत की सराहना करता हूं, मुझे आप लोगों पर गर्व है। वहीं, पीएम ने मेघालय के पार्टी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद कहा। पीएम बोले कि हम मेघालय के विकास पथ को बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत करते रहेंगे।
मेघालय और त्रिपुरा में बीजेपी का वोट शेयर घटा
अगर बीजेपी के वोट शेयर की बात करें तो नगालैंड में बीजेपी का वोट शेयर बढ़ा है। जबकि मेघालय और त्रिपुरा में पार्टी का वोट शेयर कम हुआ है। साल 2018 में नगालैंड में बीजेपी का वोट शेयर 15.4% था, जो 2023 में बढ़कर 16.38 हो गया। वहीं, मेघालय में बीजेपी का वोट शेयर 2018 में 9.7% था, यह 2023 में 7.63 हो गया। त्रिपुरा में बीजेपी का वोट शेयर पांच सालों में 43.4% से घटकर 39.63% हो गया है।
नगालैंड और त्रिपुरा में बीजेपी के सत्ता में वापसी करने की तस्वीर लगभग साफ होने के बाद भाजपा नेताओं के रिएक्शन भी सामने आने लगे हैं। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि पीएम मोदी का काम लोगों तक पहुंच रहा है, यही उत्तर पूर्व राज्यों में बीजेपी की जीत की वजह है।
माणिक साहा ने जीत का सर्टिफिकेट लिया
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने टाऊन बारदोवली सीट से करीब 1300 वोटों से जीत दर्ज की है। जीत का प्रमाण पत्र लेने के बाद साहा ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं। साहा बोले- हमने पहले भी कहा था कि बीजेपी एक बार फिर बहुमत से सरकार बनाएगी और अब तक के नतीजे बता रहे हैं कि हम सरकार बना रहे हैं। हालांकि हम अधिक सीटों की उम्मीद कर रहे थे और चुनाव के बाद समीझा करेंगे कि ऐसा क्यों नहीं हुआ।