नई दिल्ली:-आज (17 सितंबर) विश्वकर्मा जयंती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना लॉन्च की हैं। इस योजना से 18 व्यवसायों से जुड़े लोगों को फायदा होगा। इसके लिए 13 हजार करोड़ का आउटले (फंड) बनाया जाएगा।
मोदी के भाषण की प्रमुख बातें…
विश्वकर्मा जयंती पर
हमारे यहां कहा गया है- जो समस्त संसार की रचना और उससे जुड़े निर्माण कार्य करता है, उसे विश्वकर्मा कहते हैं। हजारों साल से जो साथी बनाने के मूल रहे हैं, वे विश्वकर्मा हैं। समाज के विकास में विश्वकर्मा साधियों का बड़ा योगदान है। इनके बिना रोजमर्रा की कल्पना भी मुश्किल है।
कामगारों से
हमारी जिंदगी में लोहार, दर्जी, जूते वालों की अहमियत कभी खत्म नहीं हो सकती है। आज भी हम मटके और सुराही का पानी पीना पसंद करते हैं। टेक्नोलॉजी कहीं भी पहुंच जाए, इनकी अहमियत हमेशा रहेगी। हमारी सरकार विश्वकर्मा भाइयों का सम्मान और सामर्थ्य बढ़ाने के लिए सहयोगी बनकर सामने आई है।
शायद ही कोई गांव होगा, जहां 18 प्रकार के काम करने वाले लोग नहीं होंगे। इस योजना में इस सभी लोगों को शामिल किया गया है। सरकार योजना के लिए 13 हजार करोड़ रुपए खर्च करने वाली है। मैं 30-35 साल पहले ब्रसेल्स गया था। मुझे एक मित्र ज्वेलरी मार्केट ले गए। उन्होंने बताया कि यहां मशीन से बनी ज्वेलरी की मांग कम और हाथ से बनी ज्वेलरी की मांग ज्यादा होती है। दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां आपके दरवाजे पर खड़ी हों, हम ये सामर्थ्य पैदा करना चाहते हैं।
ट्रेनिंग लेने वालों से
विश्वकर्मा साथियों के लिए ट्रेनिंग-टूल्स बहुत जरूरी है। ट्रेनिंग के दौरान भी आपको रोज 500 रुपए भत्ता सरकार की तरफ से दिया जाएगा। टूलकिट के लिए 15 हजार का वाउचर भी मिलेगा। मार्केटिंग में भी सरकार मदद करेगी। हमारे दो आग्रह हैं- सामान GST वाली दुकानों से खरीदें। दूसरा, टूल्स इंडिया मेड ही खरीदें।
कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए
भारत मंडपम की दुनिया में चर्चा हुई। यशोभूमि भी इसी परंपरा का हिस्सा है। यानी इस भूमि पर जो भी होगा, उससे यश ही यश मिलेगा। भारत की राजधानी में हमारी चीजों को शो केस करने के लिए जो सेंटर चाहिए, वैसा ही है। ये एयरपोर्ट के पास है, मेट्रो से कनेक्टिविटी है।
हमारे यहां बहुत बड़ा मार्केट है। आज का नया भारत कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए तैयार कर रहा है। एडवेंचर, मेडिकल, हैरिटेज टूरिज्म वहीं होगा, जहां एडवेंचर, मेडिकल, हैरिटेज के साधन-संसाधन हों। भारत मंडपम और यशोभूमि दिल्ली को कॉन्फ्रेंस टूरिज्म का सबसे बड़ा हब बनाने जा रहे हैं। यशोभूमि विश्व में ऐसा स्थान बनेगा, जहां दुनियाभर से लोग कॉन्फ्रेंस, मीटिंग, एग्जीबिशन के लिए आएंगे।
70 जगहों पर 70 मंत्री मौजूद
विश्वकर्मा योजना की लॉन्चिंग के मौके पर देश के चुने गए 70 स्थानों पर 70 मंत्री मौजूद रहे। कार्यक्रम के लिए गृह मंत्री अमित शाह अहमदाबाद, राजनाथ सिंह लखनऊ, महेंद्र नाथ पांडे वाराणसी, स्मृति ईरानी झांसी, गजेंद्र सिंह शेखावत चेन्नई, भूपेंद्र यादव जयपुर, नरेंद्र सिंह तोमर भोपाल, एस जयशंकर तिरुवनंतपुरम में रहे। नितिन गडकरी नागपुर, अश्विनी वैष्णव भुवनेश्वर और अनुराग ठाकुर शिमला में रहे।
5% ब्याज पर मिलेगा एक लाख का लोन
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना पर वित्त वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक 13,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। योजना में देशभर में करीब 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को फायदा मिलेगा। योजना के पहले चरण में कामगारों को 5% ब्याज दर से 1 लाख रुपए का लोन मिलेगा। वहीं, अगले चरण में यह रकम 2 लाख रुपए कर दी जाएगी। योजना के अंतर्गत कारीगरों और शिल्पकारों को ट्रेनिंग भी मिलेगी।
पीएम ने स्वतंत्रता दिवस पर किया था जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने भाषण में विश्वकर्मा योजना की घोषणा की थी। सरकार ने छोटे कामगारों, कौशल वाले लोगों की आर्थिक मदद के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दी है। इस योजना को तीन मंत्रालयों एमएसएमई, कौशल विकास और वित्त मंत्रालय मिलकर लागू करेंगे।
आज से आयुष्मान भव: अभियान की शुरुआत
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मनसुख मंडाविया ने 17 सितंबर से ‘आयुष्मान भव:’ अभियान शुरू करने की बात कही थी। इस दौरान देशभर के 1 लाख 17 हजार से ज्यादा स्वास्थ्य केंद्रों पर लोगों का फ्री में हेल्थ चैकअप किया जाएगा। यह अभियान 15 दिनों तक चलेगा।
मंडाविया के मुताबिक, आयुष्मान भव:’ अभियान के तहत सभी हेल्थ और वेलनेस सेंटर पर आयुष्मान मेला लगेगा। आयुष्मान मेले में सभी गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों की जांच होगी। साथ ही सभी ब्लॉक स्तर के अस्पताल में मेडिकल कॉलेज हेल्थ कैंप लगाया जाएगा। इस पखवाड़े के दौरान पूरे देश के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।
इन 18 व्यवसायों से जुड़े लोगों को फायदा होगा
1. कारपेंटर (बढ़ई)
2. नाव बनाने वाले
3. अस्त्र बनाने वाले
4. लोहार
5. ताला बनाने वाले (मरम्मतकार)
6. हथौड़ा और टूलकिट निर्माता
6. सुनार
7. कुम्हार
8. मूर्तिकार
9. मोची
10. राज मिस्त्री
11. टोकरी, चटाई, झाड़ू बनाने वाले
12. पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले
13. नाई
14. मालाकार
16. धोबी
17. दर्जी
18. मछली का जाल बनाने वाले