राजस्थान बनेगा ‘ऊर्जादाता’:RVUNL और सिंगरेनी कोलियरीज के बीच MoU पर हस्ताक्षरबिजली उत्पादन और सुदृढ़ प्रसारण तंत्र में राज्य सरकार के अभूतपूर्व कदम:–मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा;1600 मेगावाट थर्मल और 1500 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं होंगी स्थापित

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जयपुर, 3 मार्च। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने प्रदेश में सुदृढ़ प्रसारण तंत्र एवं थर्मल और अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इन दूरगामी निर्णयों से राजस्थान जल्द ही देश में ‘ऊर्जादाता’ की भूमिका में उभरेगा। उन्होंने कहा कि राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरवीयूएनएल) तथा केन्द्र सरकार और तेलंगाना सरकार के उपक्रम सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के बीच संपादित हुआ एमओयू प्रदेश में बिजली उत्पादन एवं आपूर्ति की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड एंव राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के मध्य आयोजित समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश का सबसे बड़ा राज्य होने के साथ ही राजस्थान सौर ऊर्जा में अपार संभावनाओं वाले राज्य के रूप में उभर रहा है। जल्द ही राजस्थान ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के किसानों को 2027 तक दिन में बिजली उपलब्ध कराने की दिशा में नीतिगत निर्णय लेते हुए उनका समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित भी कर रही है।

राजस्थान में बनेगा 1500 मेगावाट का सोलरपार्क, मिलेगी 800 मेगावाट बिजली—

शर्मा ने कहा कि एमओयू के तहत 1600 मेगावाट क्षमता की थर्मल आधारित परियोजनाएं तेलंगाना में स्थापित होंगी। इसमें से 800-800 मेगावाट बिजली तेलंगाना एवं राजस्थान दोनों राज्यों को मिलेगी। इसके अतिरिक्त राजस्थान में 1500 मेगावाट का सोलर पार्क स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए आरवीयूएनएल ने भूमि भी चिन्हित कर ली है। इस पार्क में लगभग 6 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा और रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। इन सभी परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 22 हजार करोड़ रुपये है।

54000 मेगावाट क्षमता के लक्ष्य की ओर महत्वपूर्ण कदम —

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा नीति-2024 में राजस्थान द्वारा 2030 तक 125 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हमने परंपरागत एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 54 हजार मेगावाट से अधिक विद्युत क्षमता के लक्ष्य को वर्ष 2031-32 तक प्राप्त करने की दिशा में दूरगामी निर्णय लिए हैं। राज्य सरकार ने केंद्रीय उपक्रमों के साथ 10 मार्च, 2024 को तथा राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के दौरान कुल 2 लाख 28 हजार 800 करोड़ रुपये के निवेश समझौते किए। साथ ही, पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन तथा आरवीयूएनएल के मध्य 10 हजार करोड़ का निवेश एमओयू भी किया गया है। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि संबंधित पीएसयू, विभाग एवं एजेंसियां इन परियोजनाओं को जल्द पूरा कर प्रदेश और देश की बिजली जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री  मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने कहा कि राजस्थान की अपार सौर ऊर्जा एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित कर रही है। तेलंगाना की थर्मल ऊर्जा उत्पादन में दक्षता एवं राजस्थान की असीमित सौर क्षमता के लिए संपादित हुआ यह एमओयू ऊर्जा क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखेगा। ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हीरालाल नागर ने कहा कि ऊर्जा विभाग तेलंगाना सरकार के साथ बेहतर सामंजस्य स्थापित करते हुए इन परियोजनाओं का त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा श्री आलोक ने एक प्रस्तुतीकरण देते हुए एमओयू के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

कार्यक्रम में प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा (तेलंगाना)  संदीप कुमार सुल्तानिया, प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री) आलोक गुप्ता, आरवीयूएनएल के सीएमडी  देवेन्द्र श्रृंगी, सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड के सीएमडी श्री एन. बलराम सहित संबंधित विभागों के अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित रहे।