जयपुर, 14 नवंबर: राजस्थान सरकार ने ‘‘राइजिंग राजस्थान’’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के तहत स्वास्थ्य, मेडिकल और आयुर्वेद (AYUSH) क्षेत्रों में कुल 16,176 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर MoU पर हस्ताक्षर किए हैं। अब तक किए गए इन MoU के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र में कुल निवेश प्रस्तावों का आंकड़ा 25,400 करोड़ रुपये को पार कर चुका है। आज के समिट में 14,000 करोड़ रुपये के स्वास्थ्य और मेडिकल क्षेत्र में निवेश के प्रस्ताव पर MoU पर हस्ताक्षर हुए, जबकि आयुर्वेद क्षेत्र में 2,157 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर MoU साइन हुए।
राज्य सरकार ने ‘‘राजनिवेश पोर्टल’’ के माध्यम से अब तक 57,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं, जिनसे अनुमानित रूप से 6 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस अवसर पर कहा, “हमने अपनी सरकार के पहले साल में इस निवेश समिट का आयोजन करके यह स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ MoU पर हस्ताक्षर करना ही नहीं, बल्कि अगले 3-4 वर्षों में इनका धरातल पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करना भी हमारी प्राथमिकता है। सभी निवेशक, चाहे छोटे हों या बड़े, राज्य में स्वागत हैं क्योंकि उनका निवेश अंततः जनता की भलाई के लिए काम करेगा।”
मुख्यमंत्री ने आयुर्वेद क्षेत्र में 2,157 करोड़ रुपये के निवेश पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा, “आयुर्वेद न केवल भारत की धरोहर और पहचान है, बल्कि यह दुनिया भर में लोगों को आकर्षित कर रहा है और इसके विकास की बड़ी संभावनाएं हैं।”
स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्य की 88% जनसंख्या को स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कवर किया गया है, जो देश में सबसे अधिक है। इसके अलावा, 2024-25 के बजट में स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ी राशि, 28,000 करोड़ रुपये आवंटित की गई है, जो राज्य के कुल बजट का 8.26% है। सरकार जल्द ही नई फार्मा नीति और मेडिकल वैल्यू ट्रैवल नीति भी लॉन्च करने जा रही है, जिससे मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, “स्वास्थ्य क्षेत्र में हर एक रुपया निवेश लोगों की पीड़ा को कम करने और उनके चेहरों पर मुस्कान लाने का काम करेगा। इस क्षेत्र में योगदान करने वाला हर व्यक्ति मानवता की सेवा कर रहा है।”
इस मौके पर चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खिंसर ने कहा, “इतने बड़े पैमाने पर MoU पर हस्ताक्षर करना सरकार की नीतियों के प्रभाव को दर्शाता है। यह निवेश राज्य में नई स्वास्थ्य संस्थाओं, मेडिकल कॉलेजों और वेलनेस सेंटर्स को स्थापित करेगा, जिससे लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।”
आयुर्वेद सचिव भवानी सिंह डेठा ने भी आयुर्वेद क्षेत्र में हो रहे निवेश को राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
मुख्य सचिव, चिकित्सा और स्वास्थ्य, गायत्री राठौर ने कहा, “राजस्थान अपनी रणनीतिक स्थिति, आकर्षक नीतियों और कुशल श्रम बल के कारण स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश के लिए प्रमुख गंतव्य बन चुका है। राज्य सरकार जीवन के सभी चरणों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश प्रस्तावों के तहत फार्मा यूनिट्स, मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटीज, नर्सिंग कॉलेज, होम्योपैथी और आयुर्वेद कॉलेज, पंचकर्म सेंटर, एडवांस आयुर्वेद और न naturopathy संस्थान जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। ये परियोजनाएं जयपुर, अजमेर, जोधपुर, राजसमंद, सीकर, सिरोही जैसे प्रमुख क्षेत्रों में स्थापित की जाएंगी।
निवेश समिट में भाग लेने वाले अन्य प्रमुख हस्तियों में भव्य सिंह डेठा, आयुर्वेद प्रधान सचिव, प्रोफेसर डॉ. विवेक गुप्ता, इंडो यूरोपीयन सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल्स के चेयरमैन, डॉ. जितेंद्र शर्मा, एमडी और संस्थापक सीईओ, आंध्र प्रदेश मेडटेक जोन लिमिटेड, और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र के कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल (प्रोफ) अतुल कोटवाल शामिल थे।
इस समिट में 2024 में जयपुर में होने वाली ‘‘राइजिंग राजस्थान’’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट की चर्चा की गई, जो 9, 10 और 11 दिसंबर 2024 को आयोजित होगी। इस 3 दिवसीय समिट के दौरान कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा और कौशल, ऑटो और ईवी, अवसंरचना, रसायन और पेट्रोकेमिकल्स, पर्यटन, स्टार्टअप्स, खनन, ईएसडीएम/आईटी और आईटीईएस जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।