झुंझुनूं:-झुंझुनूं के मंड्रेला SHO रविन्द्र कुमार समेत 8 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। रविंद्र कुमार को रविवार को ही सस्पेंड भी कर दिया गया था। आरोप है कि रेप के आरोपी युवक को पुलिसकर्मियों ने पीट-पीटकर मार डाला। पीड़ित परिवार ने शव लेने से इनकार कर दिया था।
रिमांड पर लिया था पुलिस ने
परिवार वालों ने बताया कि 24 मई को बुचाहेड़ा कोटपूतली निवासी गौरव शर्मा (34) को मंड्रेला (झुंझुनूं) पुलिस जयपुर स्थित राजस्थान हाईकोर्ट परिसर से उठाकर लाई थी। बसई (माजरा) निवासी दिनेश कुमार शर्मा ( गौरव के जीजा) की ओर से दी गई रिपोर्ट में कहा गया है- थाने में पुलिसकर्मियों ने गौरव को जमकर पीटा। अगले दिन कोर्ट में पेश कर पुलिस ने 5 दिन के रिमांड पर लिया था।
29 मई को बिगड़ी तबीयत
29 मई को गौरव की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। उसे पुलिस मंड्रेला सीएचसी लेकर गई। हालत गंभीर होने पर उसे झुंझुनूं रेफर किया गया। बीच रास्ते में गौरव ने दम तोड़ दिया था। परिजन एसएचओ और पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने और आर्थिक सहायता देने की मांग को लेकर शव नहीं उठा रहे थे। पिछले 6 दिन से गौरव का शव बीडीके हॉस्पिटल स्थित मॉर्च्युरी में रखा हुआ था।
थाने के सामने किया था प्रदर्शन
गौरव शर्मा के परिजन व रिश्तेदार मंड्रेला पहुंच गए थे। थाने के सामने प्रदर्शन कर गौरव शर्मा को प्रताड़ित कर मारने का आरोप लगाया था। मंड्रेला थानाधिकारी रवींद्र सिंह समेत 7 पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की थी।
रात 12 बजे तक चली बैठक
मामला बढ़ता देख सीकर आईजी रविवार रात झुंझुनूं पहुंचे। परिजनों के साथ सर्किट हाउस में रविवार रात 10 बजे बजे मीटिंग शुरू हुई। मीटिंग में सीकर आईजी, एसपी राजर्षी वर्मा, कलेक्टर चिमन्य गोपाल, एएसपी पुष्पेन्द्र सिंह, सिटी डीएसपी मौजूद रहे। बैठक रात 12 बजे तक चली।
आश्वासन के बाद माने परिवार वाले
बैठक में परिजनों की मांग पर सहमति बनी। पुलिस और प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया कि सरकार को आर्थिक सहायता के लिए लिखा जाएगा। जो भी सहायता नियमानुसार मिलेगी, वह दिलवाई जाएगी। साथ ही एसएचओ को सस्पेंड करने और हत्या का मामला दर्ज करने पर सहमति बनी। इसके बाद रात करीब 2 बजे मंड्रेला थाना एसएचओ रविन्द्र कुमार, पुलिसकर्मी धर्मपाल, सुमेर सिंह, अंकित कुमार, मुकेश, योगेन्द्र, लक्ष्मण सैनी, विकास कुमार स्वामी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया। परिजनों को तत्काल 50 हजार रुपए की सहायता दी गई है।
सिंधी कैंप से दिखाई गिरफ्तारी
पुलिस ने 25 मई को प्रेस नोट जारी कर गौरव की गिरफ्तारी जयपुर के सिंधी कैंप से दिखाई थी। गौरव के परिवार वाले और वकील ललित कुमार शर्मा ने बताया कि पुलिस ने उसे जयपुर हाईकोर्ट से गिरफ्तार किया था। ऐसे में पुलिस की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
युवती ने कहा- इच्छा से गई, फिर कराया रेप का केस
गौरव के एडवोकेट ललित कुमार शर्मा ने बताया- पुलिस हिरासत में गौरव की मौत के मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई। जिस युवती से रेप के मामले में गौरव को गिरफ्तार किया गया। उसमें पहले गुमशुदगी दर्ज हुई थी। युवती गौरव शर्मा के साथ 21 अप्रैल को गई थी। युवती की मां ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने युवती व गौरव शर्मा को हैदराबाद से पकड़ा और 3 मई को झुंझुनूं लेकर आई। उस समय युवती ने अपनी इच्छा से गौरव के साथ जाना बताया था।
इसके 3 दिन बाद पुलिस ने दोनों को छोड़ दिया था। इसके चार दिन बाद युवती की ओर से 7 मई को गौरव के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया गया। इसमें नौकरी का झांसा देकर घर से हैदराबाद ले जाने, जबरन आर्य समाज में शादी करने और रेप करने का आरोप लगाया था।
आपराधिक रिकॉर्ड नहीं, फिर भी इनाम घोषित
7 मई को गौरव के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। उसका पहले से कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। मामला दर्ज होने के कुछ दिन बाद ही पुलिस ने उसको थाने का टॉप मुल्जिम करार दे दिया और उस पर 5 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया। गौरव शर्मा के खिलाफ पहले से दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज है। इसके अलावा कोई संगीन मामला दर्ज नही है। मंड्रेला पुलिस ने 18 दिन में ही उसे टॉप टेन मुल्जिम घोषित कर दिया और 5 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया।
तीन दिन पहले किया गया था लाइन हाजिर
तीन दिन पह एसपी राजर्षि राज वर्मा ने थानाधिकारी रलेविंद्र सिंह, डीओ धर्मपाल व संतरी मीनाक्षी को हटाकर लाइन भेजा है। पिलानी थाने के एसआई चंद्रभान को मंड्रेला थानाधिकारी लगाया गया था। उधर, मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम कराने के बाद भी गौरव के घरवाले शव लेने को राजी नहीं हुए थे। परिवार वालों ने हत्या का आरोप लगाया था।