बीकानेर में राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव:गांवों की प्रतिभा को तलाशें और संवारेंः-राष्ट्रपति मुर्मू

Bikaner Jaipur Rajasthan

बीकानेर/जयपुर:-राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने सोमवार को बीकानेर स्थित करणी सिंह स्टेडियम में राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का उद्घाटन किया। राज्यपाल कलराज मिश्र, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल व शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, बीकानेर मेयर सुशीला कंवर राजपुरोहित इस मौके पर मौजूद थे।

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने इस अवसर पर कहा कि यहां आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रहीं है। पहली बार इसका आयोजन बीकानेर में हो रहा है। लोग बीकानेर को मिठाईयों की वजह से जानते होंगे। लेकिन इतिहास में बीकानेर के किले महत्वपूर्ण स्थान रखते है। यहां एक हजार से ज्यादा कलाकार 9 दिन में अपनी कलाओं का प्रदर्शन करेंगे। इससे हमने देश की विभिन्नताओं व एकता को जानने का अवसर भी मिलता है।

भारत की संस्कृति में अध्यात्म की महत्वपूर्ण रचना है। हम सबको भारत की संस्कृति और कलाओं पर गर्व होना चाहिए। हमारे युवा और बच्चे देश की अनमोल विरासत को समझें यह बहुत आवश्यक है। सच्चे कलाकारों का जीवन तपस्या का उदाहरण होना चाहिए। हमारी युवा पीढ़ी को कलाकारों से बहुत कुछ सीखना चाहिए।

आज के डिजिटल युग में हमें देखना होगा कि हम किस तरह युवा पीढ़ी को प्रेरणा दे सके। आज हम 21 वीं सदी में जी रहें है। आज लोगों का जीवन और समय तेजी से भाग रहा है। ऐसे में कला को लोगों तक पहुंचाना आसान नहीं है। मैं कलाकारों को जिम्मेदारी सौंपना चाहती हूं कि गांवों में जाकर कला को ढूंढकर लाना चाहिए और उन्हें संवारना भी चाहिए।

उन्होंने कहा कि हम जानते है कि परिवर्तन जीवन का नियम है। कला और संस्कृति में भी समय के साथ परिवर्तन आता है। वेशभूषा, खान पान सब में बदलाव आता है। लेकिन कुछ बुनियादी सिद्धांत पीढ़ी दर पीढ़ी चलना चाहिए। इससे पहले केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि बीकानेर को छोटी काशी कहा जाता है। यहां करणी माता, रामदेव जी, वीर तेजाजी व अन्य कई देवताओं का यहां प्रभाव रहा है। मेघवाल ने कहा कि आप होली के मौके पर बीकानेर आए। यह बीकानेर और प्रदेशवासियों के लिए शुभागमन है। मेघवाल ने राष्ट्रपति को शॉल, श्रीनाथ जी की प्रतिमा और स्मृति चिन्ह भेंट किया।

इस अवसर पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि बीकानेर सांस्कृतिक शहर है। इस आयोजन के लिए सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। भाषा, दर्शन, खान पान आदि की विभिन्नताओं के बावजूद हम एक है। मुझे लग रहा है कि सांस्कृतिक महोत्सव के भारत आज यहां लघु भारत एकत्रित हो गया है। राजस्थान महाराणा प्रताप और पृथ्वीराज चौहान जैसे शूरवीरों की धरती है। यह धरा मीरा बाई जैसों की भूमि है। यह धरती पधारो म्हारे देश का अपनत्व लिए हुए है।

बता दे कि बीकानेर में 25 फरवरी से राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव शुरू हुआ है। जो 5 मार्च तक चलेगा। केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय की ओर से बीकानेर में राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव में देशभर के लोक कलाकार, शिल्पी और चित्रकार भाग ले रहें है। बीकानेर स्थित नोखा, खाजूवाला, कोलायत व अन्य स्थानों पर संस्कृति महोत्सव मनाया जा रहा है।

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