जयपुर:_नेशनल इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (एनईआई) – 2.8 बिलियन अमरीकी डॉलर के सीके बिरला समूह का एक हिस्सा और एनबीसी ब्रांड के बीयरिंगों के निर्माता, भारत के अग्रणी बीयरिंग निर्माता और निर्यातक ने जगतपुरा, जयपुर में 10 हजार पेड़ लगाने का संकल्प लिया है, ताकि शहर के लिए एक हरित आवरण बनाया जा सके। एनईआई द्वारा विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के उपलक्ष्य में यह वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है, जो सतत विकास के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस पहल के तहत, अब तक 2 हजार500 पेड़ लगाए जा चुके हैं और अगले तीन महीनों में 7 हजार 500 और पेड़ लगाए जाएंगे।
पेड़ लगाने के अलावा, एनईआई प्रकृति के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए प्रयासरत है। साथ ही, विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के मौके पर यह अपने कर्मचारियों को 5 हजार पौधे भी वितरित करेगा।
नेशनल इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (एनईआई) प्रेसिडेंट और सीईओ, रोहित साबू ने कहा, ” मैन्युफैक्चरिंग की दुनिया में, हमारा मिशन नवाचार से आगे बढ़ना है। हम सिर्फ टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में ही बेहतर भविष्य का निर्माण नहीं कर रहे हैं, बल्कि एक ऐसे भविष्य का सृजन कर रहे हैं, जो टिकाऊ, पर्यावरण के अनुकूल और अधिक जीवंत हो। पृथ्वी की समृद्धता की दिशा में आवश्यक कदम उठाना हमारी जिम्मेदारी है। और अपना अगला कदम हम सेफअर्थ फाउंडेशन के साथ साझेदारी करके उठा रहे हैं। इसके चलते हम प्रकृति और इसके अद्भुत सौंदर्य के संरक्षण का कार्य कर रहे हैं और इसका सतत विकास करने के लिए अपनी टीम और समुदाय को प्रेरित कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य साथ मिलकर हरियाली से परिपूर्ण पृथ्वी को जीवंत बनाए रखना है, और यह हमारी अविश्वसनीय यात्रा की शुरुआत है।”
यह वृक्षारोपण अभियान एनईआई द्वारा की जाने वाली विभिन्न पहलों में से एक है, जिसके माध्यम से यह कार्बन एमिशन को कम करने और सतत विकास को अपनाने की दिशा में काम कर रहा है। ऊर्जा कुशलता में सुधार करने के लिए भी कंपनी ने जरुरी कदम उठाए हैं। यह पहल ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का उपयोग करके सतत विकास को बढ़ावा देती है और डिजिटलीकरण की शक्ति का लाभ उठाकर मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया को कुशल बनाती है।
एनबीसी का जयपुर प्लांट भी स्थिरता का एक आदर्श मॉडल है, जिसमें 40 एकड़ का ग्रीन बेल्ट 37 एकड़ के निर्मित क्षेत्र के प्रभाव को बखूबी संतुलित करता है। एनबीसी बियरिंग्स वर्ष 2039 तक कार्बन न्यूट्रल होने के लिए प्रतिबद्ध है।