SC का आदेश-NEET रिजल्ट सिटी और सेंटर वाइज जारी हो:NTA शनिवार दोपहर 12 बजे तक वेबसाइट पर अपलोड करे;अगली सुनवाई 22 जुलाई को

Front-Page National Youth

NEET UG परीक्षा रद्द होगी या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को भी फैसला नहीं हो सका। कैंडिडेट्स को अभी और इंतजार करना होगा। आज भी 4 घंटे सुनवाई चली। इस दौरान अदालत ने NTA को निर्देश दिया कि वह सभी कैंडिडेट्स के रिजल्ट शनिवार दोपहर 12 बजे तक वेबसाइट पर अपलोड करे। रिजल्ट सेंटरवाइज और सिटीवाइज होना चाहिए।

कोर्ट ने कहा, ‘ रिजल्ट अपलोड करते वक्त उम्मीदवार की पहचान जाहिर ना की जाए। हम सोमवार, 22 जुलाई को सुबह 10.30 बजे अगली सुनवाई शुरू करेंगे। ताकि दोपहर तक हम निष्कर्ष निकाल सकें। हम बिहार पुलिस रिपोर्ट की एक कॉपी भी चाहते हैं।’

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार तक काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘काउंसलिंग में कुछ समय लगेगा। यह 24 जुलाई के आसपास शुरू होगी।’ सीजेआई ने कहा, ‘हम सोमवार को ही सुनवाई करेंगे।’

NEET UG का एग्जाम 5 मई को हुआ था। इसमें 23.33 लाख से अधिक कैंडिडेट्स शामिल हुए। कुल 571 शहरों के 4,750 सेंटर्स पर एग्जाम कराया गया था, इनमें 14 विदेशी सेंटर्स भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट में 18 जुलाई को तीसरी सुनवाई थी
NEET में गड़बड़ी से जुड़ी 40 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को तीसरी सुनवाई थी। इससे पहले 8 जुलाई और फिर 11 जुलाई को सुनवाई हुई थी। CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की डिवीजन बेंच मामले की सुनवाई कर रही है।

सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें रखीं। याचिकाकर्ता के वकील एडवोकेट नरेंद्र हुड्डा हैं।

सुप्रीम कोर्ट में 8 और 11 जुलाई को सुनवाई हुई थी
सुप्रीम कोर्ट ने NEET विवाद पर पहली सुनवाई 8 जुलाई को की थी। इसके बाद कोर्ट ने इससे जुड़े चारों स्टेकहोल्डर्स – NTA, केंद्र सरकार, CBI और रीएग्जाम की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं को हलफनामा दायर करने के लिए 10 जुलाई तक का समय दिया था।

NEET पर दूसरी सुनवाई 11 जुलाई को हुई थी। इसके बाद कोर्ट ने मामले को 18 जुलाई तक के लिए टाल दिया था। CJI की बेंच ने कहा था कि NTA और केंद्र सरकार के हलफनामे सभी लोगों तक नहीं पहुंचे हैं। इस वजह से सुनवाई की डेट बढ़ा दी गई।

कोर्ट रूम

हुड्‌डा : अब आते हैं चेन ऑफ कस्टडी पर।क्वेश्चन पेपर्स 24 अप्रैल को एक निजी कूरियर कंपनी के जरिए केंद्रों पर भेजे गए थे। यह 3 मई को SBI और केनरा बैंक में पहुंचा।

CJI : 571 शहरों में SBI और केनरा बैंक में क्वेश्चन पेपर भेजे गए थे। 24 अप्रैल को भेजे गए और 3 मई को मिले। टाइम गैप लगभग 9 दिन है।
SG : CBI ने प्रिंटर से लेकर सेंटर तक की पूरी चेन की जांच की है, सीलिंग कैसे हुई, GPS ट्रैकिंग कैसे हुई, डिजिटल लॉकर कैसे हैं, मैंने इसकी जानकारी दे दी है। 7 लेयर की सुरक्षा व्यवस्था है।

हुड्डा : इसे 28 अप्रैल को भेजा गया था
CJI : आपने 24 अप्रैल कहा था।
हुड्डा : हजारीबाग के लिए।
CJI : क्या डिस्पैच की तारीख सभी केंद्रों के लिए एक थी?
SG : मैं आपको सिस्टम समझाता हूं। दो प्रिंटिंग प्रेस हैं, क्योंकि दो पेपर सेट हैं।
CJI : तो दोनों प्रिंटिंग प्रेस ने 24-28 अप्रैल के बीच पेपर बांटना शुरू कर दिया।​​​​​​​

SG : IIT रिपोर्ट में जयपुर नहीं दिखा क्योंकि पिछले साल की तुलना में टॉपर्स की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी।

हुड्डा: अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने वाले कैंडिडेट्स को इतने बड़े डेटा के एनालिसिस से नहीं पकड़ा जा सकता। उन्होंने अपने हिसाब से एक सैंपल दिया है।

हुड्डा : पिछले सालों की तुलना में 550 से 720 स्कोर करने वाले कैंडिडेट्स की संख्या में 77,000 का इजाफा हुआ है।

CJI: तो अब 61 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिले हैं। तो क्या टॉप 100 के सेंटर बदलने के मामले हैं ? हमें बताएं कि 23.33 लाख में से कितने छात्रों ने अपने सेंटर बदले हैं।

NTA: यह एग्जाम सेंटर केवल वर्तमान निवास और स्थायी निवास के आधार पर दिए जाते हैं।

CJI: तो केवल इन दोनों के बीच, इसलिए एक बार रजिस्ट्रेशन होने के बाद आप केंद्र नहीं बदल सकते?

NTA: कुछ छात्र करेक्शन विंडो में सेंटर बदलते हैं, लेकिन इसकी पूरी जानकारी नहीं मिलती।

CJI: तो आपके पास ओरिजिनल सेंटर और बदले हुए सेंटर की डिटेल नहीं है?

NTA: फिलहाल, सिस्टम से ये डेटा नहीं मिल सकता।

NTA : 15,000 स्टूडेंट्स ने करेक्शन विंडो का इस्तेमाल किया।

CJI: इन 15,000 में से कितने लोगों ने सेंटर बदले और ये विंडो कितने दिनों तक खुली थी ?

NTA : सेंटर एग्जाम के दो दिन पहले ही दिए जाते हैं। किसी को इसकी जानकारी नहीं होती।

CJI: मैंने टॉप 100 की रिपोर्ट देख ली है। इससे पता चलता है कि टॉप 100 रैंक वाले 12 राज्यों और एक UT से हैं। हमें यह देखना होगा कि रीएग्जाम देने वाले 1563 में से कितने लोग टॉप 100 में आते हैं। यह हमें NTA बताएगा।

SG: पहले 100 में- देश भर के 18 राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों, 56 शहरों में, 95 केंद्रों के हैं।

CJI: 67 छात्र जिन्होंने 720/720 अंक हासिल किए उनके बारे में बताएं।

SG: दोबारा परीक्षा के बाद इनकी संख्या कम हो गई है।

CJI: रीएग्जाम देने वाले 1563 में से 720 अंक पाने वाले कितने थे?

NTA: 44

CJI: टॉप रैंकर गुंटर से हैं।

NTA: हां।

हुड्डा: जयपुर के 9 लोग हैं, जिन्हें IIT ने अपनी रिपोर्ट में शामिल नहीं किया है।

SG: रिपोर्ट का मकसद सिर्फ ये बताना कि टॉपर्स देशभर से हैं, किसी एक शहर या सेंटर से नहीं।

हुड्डा: बहादुरगढ़ के एक हरदयाल स्कूल की एक विशेष कहानी है। वहां से 6 टॉपर्स थे। बहादुरगढ़ में जो हुआ वह भयावह है। NTA ने कभी इस बात का खुलासा नहीं किया कि केनरा बैंक से लिया गया प्रश्न पत्र कैसे बांटा गया था। कोई देरी नहीं हुई। स्कूल के प्रिंसिपल के रिकॉर्ड में यह बात दर्ज है कि उन्होंने एसबीआई और केनरा बैंक से क्वेश्चन पेपर कलेक्ट किए थे।

पूरे देश में SBI से पेपर दिया गया, लेकिन हरदयाल स्कूल में केनरा बैंक से पेपर दिया गया। प्रिंसिपल का कहना है कि निर्देश यह था कि छात्रों को केनरा बैंक का पेपर करने दिया जाए। उन्होंने स्कूल में सभी को ग्रेस मार्क्स दिए। ग्रेस मार्क्स की वजह से 6 लोगों को 720/720 मार्क्स मिले, एक ही सेंटर के दो लोगों को 718 अंक मिले।

हुड्डा: आईआईटी मद्रास के निदेशकों में से एक NTA की गवर्निंग बॉडी का सदस्य है। उन्होंने पूरा नंबर लेकर डेटा एनालिटिक्स कराया है।

यदि डेटा एनालिटिक्स को 23 लाख के लिए चलाया जाना है, तो किस स्तर पर, यदि 10,000 या 20,000 लोग इसमें घुस गए हैं, तो आप किसी भी असामान्यता का पता नहीं लगा सकते हैं। इस प्रक्रिया को 1 लाख आठ हजार लोगों पर लागू करना सही प्रक्रिया थी।

23 लाख छात्रों के प्रदर्शन पर आधारित आईआईटी मद्रास का एनालिटिक्स विश्वसनीय नहीं है और यह एनालिटिक्स 1 लाख आठ हजार उम्मीदवारों के आधार पर किया जाना चाहिए था, जिन्हें प्रवेश मिलेगा।

हुड्डा: IIT मद्रास की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

CJI: आपके मुताबिक इसे 1 लाख आठ हजार के आंकड़े पर करना होगा।

हुड्डा: चूंकि IIT मद्रास के निदेशक NTA की गवर्निंग बॉडी के सदस्य हैं, इसलिए टकराव है।

SG: यह तथ्यात्मक रूप से गलत है।

हुड्डा: सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 56,000 सीटें और निजी मेडिकल कॉलेजों में 53,000 सीटें हैं। तो 1 लाख 8000 री एग्जाम है। नहीं 23 लाख, बाकी 22 लाख क्वालिफाई नहीं हुए।

सीजेआई: मुद्दा यह है कि अगर कोई वैध तरीके से 1,08,000 में शामिल नहीं हुआ तो क्या होगा।

हुडा: लेकिन ये सभी 22 लाख एक मौका चाहेंगे।

सीजेआई: हम सिर्फ इसलिए दोबारा परीक्षा का आदेश नहीं दे सकते क्योंकि वे दोबारा परीक्षा देना चाहते हैं। ऐसा तभी हो सकता है जब परीक्षा की शुचिता प्रभावित हुई हो।

धूलिया जे: आप मुझे बताएं कि आपने केवल दो मामलों का उल्लेख किया है। उनके खिलाफ मामला दर्ज कराने वाला कोई पत्रकार उस राज्य का नहीं बल्कि दिल्ली का है। उन्होंने एक खास मामले का जिक्र किया है जो हमारे दिमाग के लिए भी बहुत अच्छा नहीं है। उसे हिरासत में कैसे रखा जा सकता है? क्या वह इस देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा है?

वरिष्ठ वकील लूथरा ने यूट्यूबर को हिरासत में लेने के लिए अदालत को आधार बनाया।

CJI : आपका तर्क है कि लीक व्यापक और व्यवस्थित है।
हुड्डा : NTA ने एग्जाम कंडक्ट करने में सिस्टेमेटिक फेल्योर की है। फेल्योर मल्टीडायमेंशनल है।

  • क्वेश्चन पेपर्स के ट्रांसपोर्टेशन में समझौता हुआ।
  • 6 दिनों तक क्वेश्चन पेपर्स एक निजी कूरियर कंपनी के हाथों में रहे।
  • क्वेश्चन पेपर्स को हजारीबाग में एक ई-रिक्शा में ले जाया गया। इसे बैंक ले जाने के बजाय ई-रिक्शा चालक स्कूल ले गया।