जयपुर:-राजस्थान में ट्रांसफर का इंतजार कर रहे ग्रेड थर्ड के टीचर्स को थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- राजस्थान सरकार टीचर्स के ट्रांसफर के लिए नई पॉलिसी तैयार कर रही है। यह एक बहुत बड़ी समस्या है। उसके बाद ही ग्रेड थर्ड टीचर्स के ट्रांसफर किए जाएंगे। हालांकि चुनाव से पहले बीमार टीचर्स को राहत जरूर दी जाएगी। लोग कहते हैं कि मैं और वसुंधरा जी मिले हुए हैं। बताओ कहां मिले हुए हैं। मेरे सब कामों को उन्होंने बंद कर दिया।
राजस्थान में ट्रांसफर का इंतजार कर रहे ग्रेड थर्ड के टीचर्स को थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- राजस्थान सरकार टीचर्स के ट्रांसफर के लिए नई पॉलिसी तैयार कर रही है। यह एक बहुत बड़ी समस्या है। उसके बाद ही ग्रेड थर्ड टीचर्स के ट्रांसफर किए जाएंगे। हालांकि चुनाव से पहले बीमार टीचर्स को राहत जरूर दी जाएगी। लोग कहते हैं कि मैं और वसुंधरा जी मिले हुए हैं। बताओ कहां मिले हुए हैं। मेरे सब कामों को उन्होंने बंद कर दिया।
वसुंधरा राजे ने बंद की यूनिवर्सिटी
गहलोत ने कहा- यूनिवर्सिटी की पॉलिसी होती है। अगर कोई यूनिवर्सिटी शुरू होती है, वह बंद नहीं हो सकती है। वसुंधरा राजे ने पहली बार हरिदेव जोशी यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया। डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम की यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया। हमारी सरकार ने एक्ट में परिवर्तन कर फिर से इन यूनिवर्सिटीज को शुरू किया। अब दोनों की शानदार बिल्डिंग बन रही है।
विपक्ष की सोच नेगेटिव, तनाव पैदा करना चाहते हैं
CM ने कहा- हमारी सरकार की सोच सकारात्मक है। पिछली सरकार की सोच नकारात्मक थी। नेगेटिव सोचना उनकी फितरत में है। वह लोग दुश्मनी निकालते हैं। तनाव पैदा करना चाहते हैं। उन लोगों में सहनशक्ति नहीं है। उनकी टॉलरेंस पावर बहुत कम है। आलोचना करते ही आपको देशद्रोही की श्रेणी में खड़ा कर दिया जाता है। मैं आलोचना का स्वागत करता हूं। अगर वह तथ्य के आधार पर हो। विपक्ष का काम भी आलोचना करना है। राजस्थान में तो सिर्फ हवा में आलोचना की जाती है, जो हवा में ही उड़ जाती है। वह नीचे नहीं उतर पाती है।
अडानी साहब के शेयर धड़ाम हो गए
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- ओल्ड पेंशन स्कीम का फैसला मैंने मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर किया है। 35 साल की सरकारी नौकरी करने के बावजूद लोग बुढ़ापे में आजीविका के लिए परेशान हो रहे थे। पेंशन के लिए कुछ लोगों ने शेयर मार्केट में भी पैसे लगाए। शेयर मार्केट में तो अडानी साहब का शेयर भी धड़ाम हो गया। ऐसे में उन लोगों के शेयर मार्केट का क्या होगा? सिर्फ शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड के भरोसे नहीं रहा जा सकता है। कुछ साल पहले मैंने 20 हजार के म्यूचुअल फंड खरीदे थे। 5 साल बाद मुझे पता चला कि वह फंड नीचे आ गए। 5 साल बाद भी मुझे 20 हजार के सिर्फ 20 हजार ही वापस मिल सके। मैं तो उसमें भी खुश था। कम से कम मेरा मूल तो बच गया।
कोई मंत्री शिक्षा विभाग नहीं लेना चाहता
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- जब भी मैं मुख्यमंत्री बनता हूं, मंत्रियों की घोषणा होने के बाद सभी मंत्री मेरे पास वन बाय वन आते हैं। वह कहते हैं कि कोई भी विभाग दे देना, शिक्षा विभाग मत देना। शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला भी यही कहते हैं। फिर भी मैं इन्हें ही शिक्षा विभाग देता हूं। मुझे पता है कि यह मना तो कर रहे हैं, लेकिन यह इस विभाग के एक्सपर्ट हो गए हैं। यह चार बार शिक्षा मंत्री बन चुके हैं।
टीचर्स को सेट कर रखते हैं कल्ला जी
CM ने कहा- कल्ला जी बहुत भले आदमी हैं। यह अपना काम चला लेते हैं। शिक्षकों को भी सेट कर के रखते हैं। शिक्षा विभाग में काफी समस्याएं रहती हैं। इसलिए इस विभाग को जो संयम रखता है, वही चला सकता है। इसकी वजह साफ है। शिक्षकों से लोहा लेना काफी मुश्किल काम होता है।
ERCP मेरी जिद
सीएम ने कहा- पहले जब हम गुजरात से राजस्थान आते थे, लोग कहते थे कि अगर नींद खुल जाए, समझो राजस्थान आ गया है। अब उल्टा मामला हो गया है। राजस्थान की सड़क शानदार हो चुकी है। राजस्थान में पानी की आज भी बड़ी समस्या है। ERCP के बारे में तो आप सभी जानते हैं। हम केंद्र सरकार जूझ रहे हैं। केंद्र सरकार से कि आप ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करो। उनकी जिद है कि वह नहीं करेंगे। मेरी जिद है कि इसको बना कर ही रहेंगे।
टीचर्स को नहीं करने पड़ेंगे दूसरे काम
CM ने कहा- मुझे पता है टीचर्स पर काफी बर्डन है। आपका काम सिर्फ पढ़ाने का है। उसके बावजूद आपको दूसरे भी काम दिए जाते हैं। वह नहीं दिए जाने चाहिए। यह बात भी हमारे दिमाग में है। मौका लगेगा तो इस पर भी फैसला लेंगे। हम चाहते हैं कि शिक्षक सिर्फ शिक्षक का ही कम करें। बाकी काम दूसरे लोग करें। अगर फिर से हमारी सरकार बनेगी तो मैं आपलोगों का काम हल्का करूंगा। इसको लेकर फैसला लिया जाएगा। यह मैं वादा करता हूं।
मैंने किया था इंग्लिश का विरोध
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- मैं भी बचपन में अंग्रेजी के खिलाफ था। मैंने इंग्लिश का विरोध भी किया था। मुझे लगता था अंग्रेजी और संस्कृत क्या काम आएगी? उस वक्त दक्षिण के राज्यों में हिंदी की किताबें जलाई जाती थीं। उत्तर के राज्यों में इंग्लिश के खिलाफ आंदोलन चलता था। आज समय बदल गया है।
लॉटरी से हो रहा है एडमिशन
सीएम ने कहा- आज के वक्त में कंप्यूटर आ गया है। इंग्लिश अंतरराष्ट्रीय भाषा बन चुकी है। उसका अलग महत्व है। इसलिए हमने राजस्थान में इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले। इनमें 6 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि प्रदेश में इंग्लिश मीडियम स्कूल में एडमिशन के लिए अब लॉटरी तक निकालनी पड़ रही है।