इस बार कालयुक्त नामक संवत्सर है जिसका शास्त्रों में फल बताया है की सर्वत्र ख़ुशहाली रहती है प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद ख़ुशहाली रहती है और धान्यादि की उत्तम पेदावार होती है
वर्ष का राजा मंगल
वर्ष का मंत्री शनि
वर्ष का सेनापति शुक्र
मेघाधिपति शुक्र
देखिए बंधुओं संवत्सर प्रारंभ हुए तो कई दिन हो गये है परंतु मुझे लगा की आप सबके लिए मुझे लिखना चाहिए तो इस वर्ष का राजा मंगल है मंगल भूमि पुत्र है और अग्नि तत्व और मेष वृश्चिक राशियो का स्वामी है जिसके फलस्वरूप इस वर्ष में आँधी तूफ़ान बहुत अधिक चलेंगे और जिससे जन धन की हानि अग्नि कांड से विशेष मेरे किसान भाईयो को भी सावधान रहने की आवश्यकता है
असामाजिक तत्वों द्वारा उपद्रव का भय रहेगा जनता में रक्त जन्य बीमारियों से परेशानी आ सकती है महंगाई चरम सीमा पर रहेगी भूकंप रेल दुर्घटना बम कांड और चुकि मंगल अति उत्साह भी देता है तो हड़बड़ीं और क्रोध की अधिकता भी देगा ओला वृष्टि करंट लगना अनायास ही आग लगने से हानि
भूमि के क्रय विक्रय के व्यापारी सोने के व्यापारी टाइल माइंस के व्यापारियों को उत्तम लाभ मिलेगा
इस वर्ष का मंत्री शनि होने से भी अग्नि भय अर्थात् आग लगने की सावधानी रखने की आवश्यकता रहेगी तस्करी कि गतिविधि बढ़ेगी धान्य फल का संचय करना लाभप्रद रहेगा पृथ्वी धान्य से पूर्ण होगी
सेनापति शुक्र होने से सीमा पर शांति रहेगी परंतु राजा मंगल होने से सेना में जोश भरा रहेगा और सेना सदैव युद्ध के लिये तैयार रहेगी
मेघं का अधिपति शुक्र होने से उत्तम वर्षा का योग बनता है जनता काम वासना में लिप्त रहेगी जनता सुखी और निरोगी रहेगी पृथ्वी बहुत प्रकार के धान्य से पूर्ण होती है पशु प्रचुर मात्रा में दूध देते है फिर भी मंगल राजा होने से कही कही अतिवृष्टि अनावृष्टि ओला वृष्टि का। भय भी रहेगा चोरी का भय अधिक रहेगा
उपाय हनुमान चालीसा सुंदर कांड के पाठ करे हनुमान जी चोला चढ़ाये राम चरित मानस के पाठ करे नियम संयम से रहे मांसाहार से बचे क्रोध के ऊपर नियंत्रण रखे और आसपास अग्नि बिजली आदि का ध्यान रखे धन्यवाद