New Delhi : राजस्थान में दो से ज्यादा बच्चों वाले लोग सरकारी नौकरियां नहीं कर सकेंगे। राज्य सरकार के 1989 के इस कानून को अब सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिल गई है। SC ने पूर्व सैनिक रामजी लाल जाट ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ लगाई याचिका खारिज कर दी।
जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने एक आदेश में ने 12 अक्टूबर 2022 के राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा और कहा कि राजस्थान सरकार का नियम नीति के दायरे में आता है और इसमें हस्तक्षेप की कोई जरूरत नहीं है।
2017 में रिटायर हुए पूर्व सैनिक रामजी लाल जाट ने 2018 में राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के रूप में शामिल होने की मांग की थी। उनके आवेदन को राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम 1989 के नियम 24(4) का हवाला देते हुए खारिज कर दिया गया था। इस नियम के तहत 1 जून 2002 के बाद पैदा हुए दो से अधिक बच्चे वाले व्यक्ति को नौकरी देने से रोकता है। जाट ने इसी नियम के खिलाफ तर्क देते हुए पहले राजस्थान हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि ऐसा प्रावधान पंचायत चुनाव लड़ने की योग्यता के तौर पर भी पेश किया गया था। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था। 21 साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नियम जो दो से ज्यादा जीवित बच्चे होने पर उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करता है, गैर-भेदभावपूर्ण नहीं है। यह संविधान के दायरे से बाहर है, क्योंकि प्रावधान के पीछे का उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देना है।