शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि अक्सर ऐसा देखा जाता है कि टीचर छात्रों को पूरे 20 में से 20 सत्रांक दे देते हैं, जिससे उन्हें मुख्य परीक्षा में पास होने के लिए सिर्फ 13 अंक लाने होते हैं। महज 13 नंबर लाकर छात्र पास हो जाते हैं, लेकिन अब यह व्यवस्था नहीं चलेगी।
नई व्यवस्था के तहत अगर किसी छात्र को टीचर ने पूरे 20 में से 20 सत्रांक दिए हैं, तो लिखित परीक्षा में छात्र के कम से कम 50% अंक आना अनिवार्य होगा। यानी 80 में से कम से कम 40 नंबर लाने होंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो संबंधित शिक्षक और छात्र से पूछताछ की जाएगी और जरूरत पड़ी तो शिक्षक के खिलाफ जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने कहा कि यह कदम शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि छात्रों के लिए रिटोटलिंग और रीचेकिंग की व्यवस्था लागू की जाएगी।
इसके अलावा लंबे समय से प्रमोशन का इंतज़ार कर रहे शिक्षा विभाग के 50 हजार से ज्यादा कर्मचारियों और शिक्षकों को जल्द प्रमोट किया जाएगा। ऐसे में अब शिक्षकों के प्रमोशन में छात्रों का रिजल्ट भी अहम भूमिका निभाएगा।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि स्टूडेंट्स को दिए गए सत्रांक उनके फाइनल रिजल्ट में जुड़ते हैं। लेकिन कई बार टीचर्स बिना आकलन किए पूरे नंबर दे देते हैं, जिससे छात्र केवल 13 नंबर लाकर भी पास हो जाता है। अब ऐसा नहीं चलेगा।
नई व्यवस्था के तहत अगर किसी टीचर ने किसी स्टूडेंट को 20 में से पूरे 20 सत्रांक दिए हैं, तो उस छात्र को मुख्य परीक्षा में 80 में से कम से कम 40 नंबर (50%) लाने होंगे। ऐसा नहीं होने पर संबंधित टीचर और छात्र से पूछताछ होगी और जरूरत पड़ी तो टीचर के खिलाफ जांच कर कार्रवाई भी की जाएगी।