सिंगापुर :- इस साल प्रवासी भारतीयों की विदेश से कमाकर भेजी जाने वाली राशि 8 लाख करोड़ रुपए पार कर जाएगी। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल भारतीय प्रवासियों की कमाई में पिछले साल की तुलना में 12% की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है। जबकि साल 2021 में 2020 के मुकाबले यह बढ़ोतरी केवल 7.5% की हुई थी।
विदेशों में जाकर कमाई करने और उसे अपने देश पैसा भेजने के मामले में भारत पहले नंबर है। पहले भी भारत इस मामले में पहले रैंक पर ही था। चीन, पाकिस्तान, मैक्सिको, मिस्त्र और फिलीपींस इस मामले में भारत से पीछे हैं।
एक नजर इन देशों के प्रवासियों की कमाई पर
- चीन: 4 लाख करोड़ रुपए
- मैक्सिको: 4.9 लाख करोड़ रुपए
- मिस्त्र: 2.6 लाख करोड़ रुपए
- पाकिस्तान: 2.3 लाख करोड़ रुपए
- फिलीपींस: 3 लाख करोड़ रुपए
पाकिस्तान के प्रवासियों की कमाई घटी
वहीं अगर बात क्षेत्रीय स्तर की करें तो साउथ एशियाई देशों की विदेशों में जाकर की गई कमाई 3.5% तक बढ़ी है। लेकिन, इसमें काफी असमानता है। यानी एक तरफ जहां प्रवासी भारतीयों की कमाई में 12% की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है वहीं नेपाल में यह वृद्धि केवल 4% तक की रह सकती है। जबकि पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश की विदेश कमाई में बढ़ोतरी की जगह घाटा हुआ है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक इन देशों में बाहर से आने वाली कमाई में 10 फीसदी की गिरावट हो सकती है।
भारत की हाई स्किल्ड फोर्स अमेरिका जा रही
वर्ल्ड बैंक ने साल 2022 का आंकलन कर यह भी बताया है कि भारत के प्रवासी कामगार कमाई के लिए कौन-कौन से देशों की ओर रुख करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के हाई स्किलड कामगार अमेरिका, यूके और एशिया पैसिफिक के जापान, सिंगापुर, ऑसेट्रेलिया और न्यूजीलैंड जाते हैं। वहीं दूसरी और कम पढ़े-लिखे कामगार गल्फ देशों में कमाई का जरिया तलाशते हैं।
भारत में सबसे ज्यादा विदेशी कमाई अमेरिका से आ रही
साल 2016-17 से साल 2020-21 में भारत में प्रवासियों की अमेरिका, यूके और सिंगापुर से होने वाली कमाई 26 से बढ़कर 36 फीसदी हो गई। जबकि गल्फ देशों कमाई में इन 4 साल में 26 फीसदी की गिरावट हुई है। साल 2016-17 में यह कुल कमाई की 54 फीसद थी जो साल 2020-21 में घटकर 28 फीसदी रह गई।
भारत के 20 फीसदी से ज्यादा प्रवासी यूके और यूएस में
वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 20 फीसदी प्रवासी भारतीय केवल यूएस और यूके में रहते हैं। यूएस सेंसेस के मुताबिक साल 2019 में 50 लाख भारतीय अमेरिका में रह रहे थे। अमेरिका से हो रही विदेशी कमाई में एक बड़ी है यह जाने वाली भारत की हाई स्किल्ड फोर्स है। भारत में जन्में और यूएस में रह रहे करीब 43 फीसदी लोगों के पास ग्रैजुएशन की डिग्री होती है जबकि अमेरिका में जन्में केवल 13 फीसदी लोगों की ग्रैजुएशन पास होते हैं।