50 साल से गांधी परिवार से मेरा रिश्ता है और 19 अक्टूबर को नए अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद भी वैसा ही रिश्ता बना रहेगा : गहलोत
जयपुर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मेरे गांधी परिवार से रिश्ते दर्द से परे हैं और यह रिश्ता पहले भी था और भविष्य में भी बना रहेगा।उन्होंने कहा कि 50 साल से गांधी परिवार से मेरा रिश्ता है और 19 अक्टूबर को नए अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद भी वैसा ही रिश्ता बना रहेगा।
सीएम गहलोत सोमवार को कांग्रेस मुख्यालय पर अध्यक्ष पद के मतदान के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में मलिकार्जुन खरगे एक तरफा वोट पड़ रहे हैं उन्होंने कहा कि मैं उनका प्रस्तावक हूं इसी नाते से मैंने उनके पक्ष में वोट डालने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि शशि थरूर को राजस्थान से वोट मिलने की संभावना न के बराबर हैं। थरूर के छह पोलिंग एजेंट बनाए गए नेताओं में से कोई भी पीसीसी या एआईसीसी प्रतिनिधि नहीं है। सभी पोलिंग एजेंट वोटर नहीं है इससे स्पष्ट होता है कि उन्हें यहां से वोट मिला संभव नहीं लगता है।
सीएम गहलोत ने कहा कि मैंने रविवार कहा था उसके बारे में कि मैं उनका प्रस्तावक बना हूं, अगर मैं प्रस्तावक बना हूं तो मैं उनके लिए अपील नहीं करूंगा क्या ? कैंपेन करना दूसरी बात है, कैंपेन करने का मतलब है कि आप हर राज्य में जा रहे हो, हर जगह बात कर रहे हो और मैं अगर मेरे यहां राजस्थान में लोगों को कहूं, मैं प्रस्तावक बना हूं तो मैं कम से कम इतना मेरा अधिकार होना चाहिए न, हर प्रस्तावक का अधिकार होना चाहिए कि वो कम से कम अपने कैंडिडेट के बारे में आह्वान करे लोगों को, उसमें क्या दिक्कत है, कोई दिक्कत नहीं है।
देखिए मेरे और गांधी परिवार के रिश्ते जो हैं, विनोबा भावे जी ने कहा था एक बार कि मेरे और गीता माता के संबंध तर्क से परे हैं, तर्क से परे हैं, तो मेरे और गांधी परिवार के रिश्ते जो हैं वो विनोबा भावे और गीता माता की जो बात थी कि तर्क से परे रिश्ते हैं, वो रिश्ता मेरा और गांधी परिवार का है, था, है और जिंदगीभर रहेगा।
सीएम गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी से बातचीत तो हुई है, बातचीत आगे भी होती रहेगी, जितना आप लोग आशंकाएं व्यक्त करते हो, संदेह व्यक्त करते हो, चिंता करते हो मेरी, बड़ी आपकी मेहरबानी है प्रेसवालों की कि मेरी बहुत चिंता करते रहते हो कि पता नहीं आगे क्या होगा, गांधी परिवार से रिश्ते कैसे रहेंगे, तो मैंने फिर जवाब दे दिया आपको।
सीएम गहलोत ने कहा कि देखिए इलेक्टोरल बॉन्ड जो है, इलेक्टोरल बॉन्ड आजादी के बाद में सबसे बड़ा घोटाला है आजादी के बाद में, इलेक्टोरल बॉन्ड जो है इस प्रकार तरीका निकाला गया भारत सरकार एनडीए गवर्नमेंट ने जिससे कि किसी पर ब्लेम भी नहीं आए और आराम से वो साइफन पैसा कर सके, ऐसा स्कैंडल जो संस्थागत कर दिया गया है, ऐसा हिस्ट्री में कहीं हुआ ही नहीं होगा जो इन्होंने काम किया है और सुप्रीम कोर्ट में अभी भी कह रहे हैं कि हमने सही काम किया है, जबकि 95 पर्सेंट से ज्यादा पैसा भाजपा को मिल रहा है, बाकी पार्टियों को कोई पैसा नहीं मिल रहा है, तमाम उद्योगपति डरे हुए हैं, वो इलेक्टोरल बॉन्ड दे रहे हैं चुपचाप, कोई पूछने वाला नहीं, कोई रिकॉर्ड में नहीं किसी के भी, तो ये अरुण जेटली जी के वक्त में मेरे ख्याल से हुआ है, सोच-समझकर लॉन्ग टर्म प्लानिंग के आधार पर पूरी तरह ये स्कैंडल किया गया है, मैंने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के सामने, राष्ट्रपति जी के सामने इस बात को उठाया था जोधपुर के अंदर, बार-बार हम उठाते हैं, कोई सुनवाई करने वाला नहीं है, अब ज्यूडीशियरी क्या फैसला करती है वो देखने वाली बात है।
गहलोत ने कहा कि आप समझ लीजिए कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को चाहिए, उनकी क्रेडिबिलिटी पर धक्का लग रहा है, जिस रूप में उन्होंने खाली हिमाचल का चुनाव डिक्लेयर किया है, मैं चाहूंगा कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया पूरे देशवासियों को विश्वास में ले, बताए कि किन कारणों से आपने खाली हिमाचल का चुनाव घोषित किया है, काउंटिंग साथ में होगी, काउंटिंग साथ में होगी, पर अलग-अलग चुनाव क्यों करवा रहे हो आप ? क्या सुविधा देना चाहते हो भाजपा को आप, ये बताओ आप। हमारा आरोप है कि ये बिना प्रधानमंत्री मोदी के और गृहमंत्रीअमित शाह के इशारे के बगैर संभव नहीं था ये, उनके इशारे से अगर चलेगा इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया, तो आप सोच सकते हो कि फिर निष्पक्ष चुनाव कैसे होंगे ?
गहलोत ने कहा कि देखिए वसुंधरा राजे की जो स्थिति बनाई है भाजपा ने, इसलिए वो उनका फर्ज बनता है कि वो कुछ बातें ऐसी बोलें जिससे कि वापस से वो सर्कुलेशन में आ सकें और ये स्वाभाविक भी है, ये स्वाभाविक भी है, मैं उनका बुरा नहीं मानता हूं क्योंकि उनको, उनके साथ जो अन्याय कर रही है भाजपा वो भी तो सबके सामने है, एक पूर्व सीएम राजे के साथ में आप व्यवहार भी ठीक नहीं करो, बातचीत भी नहीं करो, अपॉइंटमेंट नहीं दो, ये तो हमारी पार्टी में कभी नहीं हुआ, हम भी पूर्व सीएम रहे हैं, पूरा सम्मान मिला हमें पार्टी के अंदर, हमें पूर्व सीएम होते हुए भी गुजरात का प्रभारी बनाया था, एआईसीसी का महामंत्री बनाया गया, एआईसीसी का संगठन महामंत्री बनाया गया, तो क्या पद से हटने के बाद में आप इस प्रकार से आप व्यवहार करोगे तो फिर वो क्या करेंगी? वो भी कुछ करेंगी।
सीएम गहलोत ने कहा किगुजरात में जो घोषणाएं होनी थीं वो तमाम घोषणाएं राहुल गांधी जी कर चुके थे, मेनिफेस्टो को वो हिंट दे चुके थे कि क्या-क्या हो सकता है, राहुल गांधी जी जब आए थे 5 सितंबर को गुजरात में तब उन्होंने कुछ घोषणाएं कर दी थीं, वो हमारा आधार है, मोटे तौर से मैं ये कह सकता हूं कि राजस्थान में जो हमने काम किया है अद्भुत काम है वो, चाहे वो स्वास्थ्य की योजनाएं हों चिरंजीवी की, चाहे वो शहरी रोजगार योजना हो इंदिरा गांधी जी के नाम से, चाहे शहरी इंदिरा गांधी रसोई योजना हो, चाहे उड़ान हो, ओपीएस हो कर्मचारियों के लिए, जो राजस्थान में किया हमने, वो तमाम करीब-करीब सभी योजनाएं गुजरात में लागू की जाएंगी, इतना मैं कह सकता हूं।
गेम गहलोत ने कहा कि पार्टी से युवा वर्ग नाराज नहीं है, जो लोग छोड़कर गए हैं वो अवसरवादी लोग हैं, उनको कम उम्र में चांस मिल गया केंद्रीय मंत्री बनने का, जो फितूर कर रहे हैं देश के अंदर, वो फितूर वो ही कर रहे हैं जिनको पहले मौका मिल गया है, जब मौका मिलना चाहिए था रगड़ाई होने के बाद में उसकी बजाय पहले ही मौका उनको मिल गया, इसलिए वो फितूर कर रहे हैं और पार्टी छोड़-छोड़कर जा रहे हैं, चाहे वो सिंधिया जी हों, चाहे वो जितिन प्रसाद जी हों, चाहे आरपीएन सिंह जी हों, कम उम्र में इनको मौका मिल गया बताइए आप, केंद्रीय राज्य मंत्री, मैं बना था डिप्टी मिनिस्टर बना था इंदिरा जी के साथ में डिप्टी मिनिस्टर, इनको सीधे राज्यमंत्री बनाया गया, अच्छे-अच्छे पोर्टफोलियो दिए गए, उसके बाद में भी छोड़कर चले जाएं पार्टी को, इससे बड़ा अवसरवाद क्या हो सकता है?
सीएम गहलोत ने कहा किआप ही बता दीजिए आप लोग? तो ये युवा पीढ़ी जो है उनका हम सम्मान करते हैं, हम भी युवा थे उस वक्त में, आज जो देशभर के अंदर जो हमारे समय में मुख्यमंत्री रहे हैं देश के अंदर, एआईसीसी महामंत्री रहे हैं, केंद्रीय मंत्री रहे हैं, पीसीसी अध्यक्ष रहे हैं, वो तमाम मेरे जमाने के अंदर 1980 में तमाम वो लोग हैं जो कि 28-29-30 साल के, 32 साल के थे, उनको आज 40 साल से तमाम पोस्ट पर पद मिल रहे हैं, मौके मिल रहे हैं, ये गांधी परिवार ने दिया था, उन्होंने विश्वास किया हम पर, कांग्रेस ने दिया था क्योंकि कांग्रेस की विचारधारा के लिए हम लोग प्रतिबद्ध हैं, अवसर मिला हम लोगों को, आज इनको मौका मिल गया, पहली बार जीतते ही मौका मिल गया कई लोगों को तो, कई लोगों को दूसरी बार जीतते ही मौका मिल गया, तो क्या इनको सब्र नहीं करना चाहिए था ?
गहलोत ने कहा कि सब्र करते धीरे-धीरे, पार्टी के अच्छे दिन भी थे, बुरे दिन भी आए हैं, बुरे दिन में हमने भी काम किया था जब इंदिरा गांधी जी चुनाव हार गई थीं, तब हमने जो काम किया था, पूरे देश की लीडरशिप जो आज है, जो मैं बार-बार कहता हूं वो युवा थी उस वक्त, वो तमाम लोग वो हैं जो 1977 से 1980 तक, जब इंदिरा जी खुद चुनाव हार गई थीं, सरकार चली गई, हम साफ हो गए उत्तर भारत के अंदर, तब उस वक्त में जिन्होंने काम किया सड़कों पर, जेलों में गए हों, लाठियां खाई हों, सबकुछ किया हो, वो ही लोगों ने 40 साल से इसमें कांग्रेस के अंदर जिम्मेदारियां लेने वाले लोग हैं आज, ये इनको सब्र करना चाहिए नौजवानों को, कभी मौका, अच्छे दिन आएंगे, इनके दिन भी अच्छे आएंगे, कोई रोक नहीं सकता, अवसर मिलेंगे इन लोगों को, जल्दबाजी जितनी करेंगे, उतनी ठोकर खाते जाएंगे।