अजमेर:-पुष्कर में बुधवार से मेला मैदान बुधवार 5 जुलाई से शुरू हुई ब्रह्म शिव पुराण कथा का आयोजन खंडेलवाल परिवार
की ओर से किया जा रहा है। इसका समापन 11 जुलाई को होगा।
कथा की शुरुआत बुधवार पहले दिन 5 जुलाई बुधवार देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत, राजस्थान पर्यटक विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और विधायक डॉक्टर सतीश पूनिया, स्थानीय विधायक सुरेश रावत और पूर्व विधायक डॉ गोपाल बाहेती की अगुवाई में पूजा अर्चना के साथ कथा का भव्य आगाज किया। पंडित प्रदीप मिश्रा ने दोपहर 1:00 से 4:00 बजे तक कथा कहीं । कथा की समाप्ति के बाद शाम 6:00 बजे अचानक आई बरसात ने आयोजकों की व्यवस्था की पोल खोल दी।
पांडाल में गरीब श्रद्धालु जिसमें महिलाएं अधिक थी रात्रि विश्राम के लिए जगह तलाश कर आराम फरमा रही थी कि अचानक बरसात ने पंडाल में पानी भरा गया और पंडाल में ठहरी औरतों में भगदड़ मच गई। बिजली के खुले तार और पानी के कारण करंट आने का डर सता वहां मौजूद महिला श्रद्धालुओं को जाने की कई जगह नहीं थी पांडाल चारों ओर से बरसात का पानी गिर रहा था।
सरकार की आई हुई देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौर ने यह नहीं देखा कि बरसात आई तो क्या हाल होगा। गरीब श्रद्धालुओं के ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं की गई पांडाल में अधिक श्रद्धालुओं को आमंत्रित कर लिया गया इसके चलते श्रद्धालु बाहर ही बैठे हुए नजर आए। कथा से साधु संतों को पूरी तरह से दूर रखा गया।
पुलिस प्रशासन ने पुष्कर को चारों तरफ से खाने वालों का रास्ता बंद किया जिससे काफी भक्त वापस चले गए बिना कथा सुने पुष्कर सरोवर के तीर्थयात्री भी हुए भारी परेशान हुए।आखिर इन गरीब महिलाओं को पांडाल में रुकने की अनुमति किसने दी इस पर भी सवाल खड़ा होता है।
आयोजन समिति के मुखिया उमेश गर्ग ने बेहतर व्यवस्थाएं करने का जो दावा किया बरसात ने उसकी पोल खोल कर रख दी। आयोजक ऐसे वक्त में गायब नजर आए। प्रशासन की ओर से भी कोई लोग मौजूद नहीं थे इससे अगर कोई हादसा होता तो कौन जिम्मेदार रहता इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
कथा आयोजक परिवार खंडेलवाल परिवार का नहीं रहा आज नियंत्रण व अधिकार कथा पर आयोजकों के करोड़ों रुपए लगने के बाद भी सारी व्यवस्थाएं की पोल खोल दी।