पंचक में वर्जित कार्य
ज्योतिष के शास्त्रों में धनिष्ठा से लेकर के रेवती इन पांच नक्षत्र को पंचक की संज्ञा दी गई है और इन नक्षत्रों में अर्थात पंचक काल में कुछ कार्य वर्जित बताए गए हैं परंतु यहां कुछ भ्रांतियां भी लोगों के मन में पंचक के प्रति आशंका भी कभी-कभी मन में आ जाती है जैसे की इन पांच नक्षत्र में ही कई शुभ कार्यों के नवीन प्राण प्रतिष्ठा नीव का मुहूर्त गृह प्रवेश के मुहूर्त में इन पांच नक्षत्र से ही शुभ मुहूर्त बनते हैं और जब वह शुभ कार्य होते रहते हैं तो कई लोग आशंका के कारण यह पूछते हैं कि अभी तो पंचक चल रहे हैं फिर भी आप यह शुभ कार्य कर रहे हैं परंतु शास्त्रों में पंचक में कुछ कार्य वर्जित हैं वह हम आपको बता रहे हैं
पंचक में वर्जित कार्य लड़कियों को इकट्ठा करना या खरीदना मकान पर छत डलवाना पलंग या चारपाई बनाना या खरीदना दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करना वर्जित बताया गया है इसलिए इन कार्यों को छोड़कर के अन्य कोई भी कार्य पंचक होने पर अर्थात जब चंद्रमा इन पांच नक्षत्र के ऊपर विचरण करता है तो उस समय सभी अन्य शुभ कार्य करना शुभ होता है तो मन में यह आशंका नहीं रखें की पंचक में हमने यह कार्य कर लिए
पंचक काल में मृत्यु होना अशुभ मानते हैं
पंचक काल में मृत्यु होना शास्त्रों में अशोक माना गया है मान्यता है कि अगर किसी की मृत्यु पंचक काल में हुई है तो उसके परिवार कोलिया रिश्तेदारी में जनहानि हो सकती है इससे बचने के लिए मृतक के शव के साथ पांच पुतले आटे या कुश के बना करके रखना चाहिए ऐसा करने से पंचक दोष समाप्त हो जाता है