फोन टैपिंग केस:गहलोत के पूर्व OSD लोकेश शर्मा गिरफ्तार,जल्द मिली जमानत

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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजस्थान के बहुचर्चित फोन टैपिंग केस में सोमवार को अशोक गहलोत के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, गिरफ्तारी के कुछ देर बाद ही उन्हें जमानत मिल गई। 21 नवंबर को पटियाला हाउस कोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने के बावजूद, क्राइम ब्रांच ने औपचारिक प्रक्रिया के तहत उन्हें गिरफ्तार किया और फिर जमानत पर रिहा कर दिया।

इससे पहले, 14 नवंबर को लोकेश शर्मा ने दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले में गिरफ्तारी से राहत और केस को राजस्थान ट्रांसफर करने की याचिका वापस ले ली थी। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक हटा दी गई थी।

2020 के सियासी संकट से जुड़ा मामला

यह मामला 2020 में राजस्थान के सियासी संकट के दौरान सामने आया था, जब सचिन पायलट खेमे की बगावत के बीच अशोक गहलोत सरकार पर बीजेपी ने फोन टैपिंग के आरोप लगाए थे। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मार्च 2021 में दिल्ली पुलिस में लोकेश शर्मा और कुछ पुलिस अफसरों पर केस दर्ज कराया था।

सरकारी गवाह बन सकते हैं लोकेश शर्मा

सूत्रों के मुताबिक, लोकेश शर्मा सरकारी गवाह बन सकते हैं। उनकी गिरफ्तारी और तुरंत जमानत मिलने को इसी संभावना से जोड़ा जा रहा है। अगर ऐसा होता है, तो उन्हें मामले में बड़ी राहत मिल सकती है।

इस मामले में जांच के दायरे में तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत, तत्कालीन एसीएस होम और कई वरिष्ठ अधिकारियों के आने की संभावना है।

लोकेश शर्मा के आरोप

लोकेश शर्मा ने इस केस में पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि गहलोत ने 2020 में उन्हें एक पेन ड्राइव और प्रिंटेड दस्तावेज दिए थे, जिसमें विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़ी तीन ऑडियो क्लिप थीं। गहलोत ने उनसे इन क्लिप्स को मीडिया में जारी करने के निर्देश दिए थे।

शर्मा का कहना है कि उन्होंने सिर्फ आदेशों का पालन किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गहलोत ने विधायकों और सचिन पायलट के फोन सर्विलांस पर रखे थे और उनके मूवमेंट को ट्रैक किया जा रहा था।

गहलोत पर सीधा निशाना

शर्मा ने क्राइम ब्रांच को दिए बयान में दावा किया कि फोन टैपिंग में उनकी कोई भूमिका नहीं थी और पूरा षड्यंत्र अशोक गहलोत ने रचा था। उन्होंने कहा कि अब गहलोत से इस मामले में पूछताछ होनी चाहिए। शर्मा ने सबूत के तौर पर अपना फोन, पेन ड्राइव और अन्य दस्तावेज पुलिस को सौंप दिए हैं।

आगे की जांच

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। संभावना है कि आने वाले दिनों में गहलोत और सीएमओ