पायलट के तेवरों से गहलोत को लेकर तल्खी बढ़ी:अगले सियासी कदम की जल्द कर सकते हैं घोषणा,तीसरे दिन जनसंघर्ष यात्रा पहुंची जयपुर के जिले में

Jaipur Rajasthan

जयपुर:-करप्शन और पेपरलीक के मुद्दे पर सचिन पायलट की जनसंघर्ष यात्रा का आज तीसरा दिन है। आज से सोमवार (आखिरी दिन) तक यात्रा जयपुर जिले में चलेगी। आज यात्रा के पहले फेज में सुबह 10:30 बजे दूदू के पास पालू में ठहराव होगा। 4 बजे यात्रा फिर शुरू होगी और नासनोदा तक जाएगी। नासनोदा में यात्रा का नाइट स्टे होगा।

पायलट की यात्रा राजधानी की तरफ बढ़ने के साथ ही उनके तेवरों में लगातार तल्खी बढ़ती जा रही है। वह लगातार पेपरलीक और करप्शन के मुद्दे पर CM अशोक गहलोत को घेर रहे हैं। पेपरलीक मामले में पकड़े गए RPSC मेंबर बाबूलाल कटारा के घर पर बुल्डोजर नहीं चलाने पर पायलट तंज कस रहे हैं। BJP राज के करप्शन के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को लेकर भी रोज सवाल उठा रहे हैं। उनके भाषणों में सरकार को लेकर तेवर लगातार तीखे हो रहे हैं।

यात्रा से कांग्रेस में खेमेबंदी और तेज
सचिन पायलट की यात्रा से कांग्रेस में खींचतान और तेज हो गई है। CM अशोक गहलोत खेमा यात्रा को अनुशासनहीनता बताकर गलत ठहरा चुके हैं। चुनावी साल में अपनी ही सरकार के खिलाफ यात्रा निकालने से हो रहे सियासी नुकसान के बारे में CM ने प्रभारी को फीडबैक दिया है। उधर पायलट ने यात्रा को किसी के खिलाफ न होकर करप्शन के खिलाफ बताया है।

रंधावा आज खड़गे को पायलट की यात्रा पर रिपोर्ट सौंपेंगे

कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पायलट की यात्रा पर शनिवार को अपनी रिपोर्ट देंगे। रंधावा कह चुके हैं कि सचिन पायलट की यात्रा पार्टी की नहीं निजी यात्रा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष को कर्नाटक से आते ही रिपोर्ट दे दी जाएगी। इससे पहले रंधावा ने शुक्रवार को तीनों सहप्रभारियों और प्रदेशाध्यक्ष के साथ बैठक कर राजस्थान के मुद‌दे पर चर्चा की थी। रंधावा पायलट मामले की रिपोर्ट तैयार कर चुके हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर खड़गे फैसला करेंगे।

सचिन बोले- राजे के राज के वक्त हुए करप्शन की जांच की बात उठाना अनुशासनहीनता कैसे?

इससे पहले शुक्रवार को जनसंघर्ष यात्रा के दूसरे दिन पायलट ने अनुशासनहीनता के आरोपों पर कहा कि वसुंधरा राजे के राज के वक्त हुए करप्शन की जांच की बात उठाना अनुशासनहीनता कैसे हो गया? पायलट ने गहलोत खेमे की तरफ से लगाए जा रहे आरोप पर भी तीखा पलटवार किया है।

सचिन पायलट ने कहा- मैंने जब अनशन किया तो वसुंधरा राजे के करप्शन के खिलाफ किया। मुझे समझ में नहीं आता कि यह पार्टी के अनुशासन को लांघने का केस कैसे बनता है? अनुशासन तोड़ने का काम तो 25 सितंबर को किया गया था, जब सोनिया गांधी के स्पष्ट आदेश थे दोनों पर्यवेक्षक विधायक दल की बैठक करवाने आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री निवास पर बैठक रखने के बावजूद वह क्यों नहीं हो पाई? बाद में विधायकों ने इस्तीफे दिए। स्पीकर ने कोर्ट में कहा कि इस्तीफे रिजेक्ट इसलिए करने पड़े, क्योंकि विधायकों ने खुद की मर्जी से नहीं दिए थे। फिर किसकी मर्जी से दिए गए थे? क्या दबाव था? जहां तक बात अनुशासन की है तो मापदंड सबके लिए बराबर होना चाहिए। जब हमारे साथी विधायकों ने इस्तीफे दिए, तब क्या सरकार संकट में नहीं आ गई थी।

हम अपनी बात रखने दिल्ली गए थे, हम में से किस विधायक ने इस्तीफा दिया क्या?

पायलट ने कहा- हम जब दिल्ली गए थे अपनी बात रखने के लिए, हम में से किसी साथी ने इस्तीफा दिया क्या? हमने कब पार्टी के खिलाफ बात रखी? कब सोनिया गांधी के खिलाफ बात की। 25 सितंबर सितंबर को जो हुआ वह सबके सामने है। जबकि पार्टी ने जो कहा उसका हमने सम्मान किया। पार्टी ने जब जो कहा हमने उसको स्वीकार किया।

पार्टी ने दोनों पद छोड़ने को कहा तो माना। हमारी मांगों पर बनी कमेटी किसी नेता ने नहीं पार्टी ने बनाई थी। हमने हर चुनाव में प्रचार किया, ‌BJP को हराया। पार्टी के खिलाफ एक काम नहीं किया। 25 सितंबर को जो हुआ वह तो इतिहास में पहली बार हुआ है।

कांग्रेस पार्टी के इतिहास में पहली बार यह हुआ कि कांग्रेस अध्यक्ष के आदेश पर आने वाले पर्यवेक्षकों की बेइज्जती की जाए, फिर मीटिंग न हो और खाली हाथ लौटा दिया गया हो। फिर नोटिस भी जारी किए गए लेकिन उनका अभी तक कुछ हुआ, नहीं मुझे लगता है उस बात का भी संज्ञान लेना चाहिए।