जयपुर:-बीजेपी राज के करप्शन के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के मुद्दे पर सचिन पायलट के अनशन के बाद आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहली बार मीडिया से बात की।
जब उनसे पायलट के अनशन को लेकर सवाल किया गया तो वे इसे टाल गए और कहा कि मेरा लक्ष्य फिलहाल महंगाई से राहत दिलाना है और सेवा करना है। लेफ्ट-राइट कहीं ध्यान जाता ही नहीं है। एआईसीसी ने ट्वीट किया है कि राज्य स्कीम्स में नेतृत्व दे रहा है, इससे बड़ा सौभाग्य क्या होगा।
गहलोत की प्रेस कॉन्फ्रेंस की 3 बड़ी बातें
1. शिक्षा-स्वास्थ्य मेरी प्रायोरिटी
गहलोत ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य मेरी प्रायोरिटी है। यदि किसी प्रदेश में जनता को शिक्षा और स्वास्थ्य दे दो, तो बाकि काम स्वत: हो जाएंगे। हमने सामाजिक सुरक्षा सेक्टर को भी चुना है। स्वास्थ्य के मामले में हम अभी देश के दूसरे राज्यों से बहुत पीछे हैं। कोरोना से हमने जो शुरुआत की, उसका फायदा लोगों को देना चाहते हैं।
2. पायलट के आरोपों पर कहा- करप्शन पर कार्रवाई के मामले में राजस्थान अव्व्ल
वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार पर कार्रवाई को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने में सबसे अव्वल है। यहां पर चार पांच IAS, IPS सहित कितने लोगों पकड़ा है, हिंदुस्तान में ऐसा हुआ है क्या?
गहलोत ने कहा- अगर हम ज्यादा छापे डालते हैं तो नेगेटिव सोच वाले लोग हैं, वह कहेंगे कि करप्शन ज्यादा है। इसका मतलब छापे बंद कर दें। यह सोच बहुत गलत है। गौरतलब है कि पायलट ने वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं होने के आरोप लगाए थे।
3. 2700 महंगाई राहत कैंप लगाए जाएंगे
गहलोत ने कहा- 25 साल पहले जब मैं पहली बार सीएम था, उस वक्त लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी ही नहीं होती थी। मैं चुनावों के वक्त मीटिंग्स में हाथ खड़े करवाता था तो मुश्किल से स्कीम्स के बारे में कुछ लोगों को पता होता था। हम इसीलिए महंगाई राहत कैंप लगवाकर सरकारी योजनाओं को फायदा दे रहे हैं। पहले फेज में हम 700 कैंप लगा रहे हैं, बाद में 2700 कैंप और लगेंगे।
4. कर्मचारियों को शेयर मार्केट के भरोसे नहीं छोड़ सकते
गहलोत ने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम को आप देखिए, विशेषज्ञ मेरे खिलाफ आर्टिकल लिख रहे हैं। ओपीएस इसीलिए लेकर आए कि 35 साल सेवा कराने के बाद उसे मार्केट के भरोसे नहीं छोड़ सकते। लोग को यह विश्वसा दिलाना पड़ेगा कि हम उनके साथ खड़े हैं।
प्रदेशवासी अगर ठान लें तो 2030 तक देश में हम नंबर वन हो सकते हैं। नागरिक ठान लें तो जीडीपी बढ़ते टाइम नहीं लगता। अकेले से नंबर वन नहीं बनेंगे। प्रदेश के हर नागरिक को भागीदारी निभानी होगी। आज हम बहुत पीछे हैं।
पायलट को लेकर अंदरूनी खींचतान जारी
पायलट मुद्दे पर गहलोत के पक्ष में एआईसीसी (ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी) से बयान जारी होने पर भी कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग सवाल उठा रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश और कम्युनिकेशन सेल के प्रभारी पवन खेड़ा ने गहलोत के पक्ष में बयान जारी किए थे।
सचिन पायलट ने जबसे बीजेपी राज के करप्शन पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर अशोक गहलोत पर सवाल उठाए। कांग्रेस हाईकमान के नजदीकी नेताओं ने उनका पक्ष लेकर बयान देने शुरू कर दिए। गहलोत की तरफ से एआईसीसी जवाब देती नजर आई है। सचिन पायलट की प्रेस कॉन्फ्रेंस के कुछ घंटों के बाद ही कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बयान जारी कर राजस्थान सरकार और गहलोत की तारीफ की।
गहलोत की योजनाओं के बूते चुनाव में उतरने का जिक्र करते हुए पूरी तरह पक्ष में बयान दिया। उसके बाद पचन खेड़ा ने भी गहलोत का पक्ष लेते हुए कहा कि जांच तो चल रही है। विधायकों को खरीदकर चुनी हुई सरकार गिराने की साजिश में कौन-कौन बीजेपी नेता शामिल थे। उनके तार किनसे जुड़े हुए थे, जांच इसकी भी हो रही है।
अनशन से पहले ही पार्टी विरोधी गतिविधि घोषित करने की सियासी चर्चाएं
सचिन पायलट प्रकरण में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा के लिखित बयान की भी राजनीतिक हलकों में खूब चर्चा है। सचिन पायलट के अनशन होने से पहले ही उसे पार्टी विरोधी गतिविधि घोषित कर दिया।
आम तौर पर कोई घटना होने के बाद उसमें तय किया जाता है कि यह पार्टी विरोधी गतिविधि थी या नहीं, लेकिन इस मामले में पार्टी विरोधी गतिविधि घोषित करने में जल्दबाजी करने पर पायलट समर्थक नेता सवाल उठा रहे हैं।
नेताओं के एक वर्ग का तर्क है कि 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने वालों पर एक्शन में वह तेजी नहीं दिखाई जो पायलट मामले में दिखाई है।