पीएम मोदी ने कांग्रेस पर संविधान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया,75 साल की कांग्रेस सरकार पर उठाए सवाल

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संविधान पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संविधान का बार-बार दुरुपयोग किया और इसे समय-समय पर अपनी स्वार्थ की राजनीति के लिए “शिकार” बनाया। मोदी ने अपनी 1 घंटा 49 मिनट की स्पीच में कहा कि संविधान को संशोधित करने का खून कांग्रेस के मुंह लग गया था, और इसने छह दशकों में 75 बार संविधान में बदलाव किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “कांग्रेस के शासन में संविधान की आत्मा को बार-बार लहूलुहान किया गया।” उन्होंने नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक के प्रधानमंत्रियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन किया और इसका दुरुपयोग किया। उन्होंने कहा कि यह परंपरा आज भी जारी है, क्योंकि कांग्रेस की नई पीढ़ी भी उसी रास्ते पर चल रही है।

चार प्रमुख आरोप लगाए मोदी ने:

  1. 75 बार संविधान में बदलाव: मोदी ने कहा कि कांग्रेस के मुंह में संविधान संशोधन का खून लग गया था, और इसने इसे बार-बार अपनी राजनीति के लिए इस्तेमाल किया। उन्होंने यह भी बताया कि जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी तक ने संविधान में बदलाव किए और इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया।
  2. कांग्रेस का पाप कभी नहीं धुलेगा: प्रधानमंत्री ने इमरजेंसी के दौरान संविधान की अवहेलना का जिक्र करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी के द्वारा संविधान को नोचने की कोशिश की गई और देश को जेलखाना बना दिया गया। “कांग्रेस के माथे पर यह पाप हमेशा रहेगा और जब भी लोकतंत्र की चर्चा होगी, यह पाप कभी नहीं धुल पाएगा,” उन्होंने कहा।
  3. कांग्रेस ने संविधान का अपमान किया: मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने संविधान की अवमानना की और इसके महत्व को कम किया। उन्होंने विशेष रूप से अनुच्छेद 35-A का हवाला दिया और कहा कि यह बिना संसद की अनुमति के लागू किया गया, जिससे जम्मू-कश्मीर की स्थिति बिगड़ी।
  4. कांग्रेस को अपने ही पार्टी के संविधान का पालन नहीं था: पीएम मोदी ने कांग्रेस के अंदर लोकतांत्रिक मूल्यों के उल्लंघन की आलोचना की और कहा कि एक परिवार ने पार्टी पर पूरी तरह कब्जा कर लिया और संविधान की अहमियत को नकारा।

गांधी परिवार पर भी तंज:
मोदी ने कांग्रेस के गांधी परिवार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि 75 साल में से 55 साल तक देश पर एक ही परिवार का शासन रहा है और इस परिवार ने संविधान को कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

नेहरू और इंदिरा गांधी पर तीखे हमले:
मोदी ने पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी के दौर में किए गए संविधान संशोधनों का जिक्र करते हुए कहा कि इन नेताओं ने संविधान के रास्ते में आने पर उसे बदलने की कोशिश की। उन्होंने नेहरू के 1951 के संविधान संशोधन को गलत करार दिया, जिसके तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला किया गया था। इंदिरा गांधी द्वारा इमरजेंसी के दौरान किए गए बदलावों का भी मोदी ने विरोध किया।

राहुल गांधी और उनकी पार्टी पर कटाक्ष:
मोदी ने राहुल गांधी और कांग्रेस के नेताओं पर हमला करते हुए कहा कि संविधान के प्रति कांग्रेस की नफरत को उनके द्वारा किए गए फैसलों से जाना जा सकता है। उन्होंने राहुल गांधी के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि एक अहंकारी व्यक्ति ने कैबिनेट का फैसला फाड़ दिया, जो संविधान का अपमान था।

संविधान संशोधन के लिए एनडीए की प्रतिबद्धता:
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने संविधान में बदलाव किए हैं, लेकिन इन बदलावों का उद्देश्य देश की एकता, अखंडता और उज्जवल भविष्य के लिए था। उन्होंने उदाहरण के रूप में ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने के लिए किए गए संशोधन का जिक्र किया।

कांग्रेस का ‘जुमला’ और मोदी का जवाब:
मोदी ने कांग्रेस के ‘जुमला’ शब्द पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा ‘गरीबी हटाओ’ जैसे जुमलों का इस्तेमाल करती रही है, लेकिन गरीबों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।