नई दिल्ली:-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन के दौरे पर मंगलवार देर रात अमेरिका पहुंचे। न्यूयॉर्क के जॉन एफ कैनेडी एयरपोर्ट पर रेड कार्पेट बिछाकर उनका स्वागत किया गया। अमेरिकी चीफ प्रोटोकॉल ऑफिसर रूफस गिफर्ड, UN में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज और अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने उन्हें रिसीव किया। PM मोदी के स्वागत में भारतीय मूल के लोग भी मौजूद रहे। कल UN के योग दिवस के कार्यक्रम को लीड करने के बाद वो 22 जून से अमेरिका के राजकीय मेहमान होंगे।
PM मोदी के साथ कौन-कौन जा रहे हैं और क्यों जा रहे हैं…
PM मोदी के साथ मंत्रियों का एक दल और ट्रेड डेलिगेशन भी अमेरिका जाएगा। डेलिगेशन में अलग-अलग सेक्टर्स जैसे IT, डिफेंस, एविएशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े लोग होंगे।
जबकि मंत्रियों के दल में विदेश मंत्री एस जयशंकर और नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल का होना तय माना जा रहा है।। इस दौरे पर भारत और अमेरिका के बीच डिफेंस, टेक्नोलॉजी, स्ट्रैटेजिक और बिजनेस डील होंगीं। PM मोदी 20 अमेरिकी कंपनियों के CEOs से भी मिलेंगे।
PM मोदी का ये दौरा कितना अहम है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि PM के रवाना होने से पहले 15 दिन के भीतर 2 बड़े अमेरिकी नेता भारत आ चुके हैं।
एक ओर जहां अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने राजनाथ सिंह से मुलाकात की। वहीं, नेशनल सिक्योरिटी एडवाजर जेक सुलिवन भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिले। अमेरिका के रक्षा मंत्री ने बताया था कि दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर डील हुई हैं। इनकी घोषणा PM मोदी के अमेरिका दौरे पर की जाएगी।
PM मोदी के इस दौरे की डिप्लोमैटिक और स्ट्रैटेजिक अहमियत
वित्त वर्ष 2022-2023 में भारत और अमेरिका के बीच बाइलेट्र्ल ट्रेड 128 बिलियन डॉलर पार कर चुका है। यानी इस अंतराल में भारत और अमेरिका ने 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का व्यापार किया।
अमेरिका उन कुछ देशों में से एक है जिनके साथ भारत का ट्रेड सरप्लस है। यानी भारत अमेरिका को ज्यादा सामान बेचता है और वहां से कम सामान खरीदता है। 2021-22 में, भारत का अमेरिका के साथ 32.8 अरब डॉलर का ट्रेड सरप्लस था। भारत इस ट्रेड सरपलस को बरकरार रखना चाहता है। इस लिहाज से PM की विजिट अहम है।
स्ट्रैटेजिक और डिप्लोमैटिक तौर पर भी ये यात्रा बेहद खास है। दरअसल, चीन के मुद्दे को लेकर भारत और अमेरिका की चिंता लगभग एक जैसी हैं। एक तरफ जहां LAC और हिंद महासागर में चीन की दखलंदाजी का भारत विरोध करता है।
वहीं, अमेरिका भी ताइवान और साउथ चाइना सी में चीन की घुसपैठ की कोशिशों का विरोध करता है। ऐसे में चीन से निपटने के लिए दोनों देशों को एक-दूसरे के साथ की जरूरत है। इसके अलावा PM के इस दौरे पर भारत को दुनिया का सबसे एडवांस्ड MQ-9 ड्रोन और फाइटर जेट के इंजन बनाने की 11 टेक्नोलॉजी अमेरिका से मिलने की संभावना है।
मोदी से पहले अमेरिका स्टेट विजिट पर गए भारतीय नेताओं का स्वागत कैसे हुआ था…
नवबंर 2009 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को स्टेट विजिट पर बुलाया था। मनमोहन सिंह अपनी पत्नी गुरुशरण कौर के साथ 23 नवंबर रविवार के दिन दोपहर 1 बजकर 2 मिनट पर एंड्रयूज एयरफोर्स बेस पर पहुंचे थे। यहां उन्हें रेड कार्पेट वेलकम दिया गया था।
मनमोहन सिंह को एयरपोर्ट पर रिसीव करने के लिए अमेरिका की तत्कालीन प्रोटोकॉल ऑफिसर कैपरिका मार्शल और अमेरिका में भारत की राजदूत मीरा शंकर पहुंची थीं। मनमोहन के फ्लाइट से उतरने के बाद अमेरिकी एयरफोर्स के बैंड ने दोनों देशों के राष्ट्रगान की धुन बजाई गई थी। वहां मनमोहन सिंह का स्वागत करने के लिए भारतीय मूल के लोग भी पहुंचे थे।
वहीं, 3 जून 1963 को जब भारत के राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन अमेरिका के स्टेट विजिट पर एयरपोर्ट पहुंचे तो उन्हें अमेरिका के चीफ प्रोटोकॉल ऑफिसर एनजियर बिडल ड्यूक ने रिसीव किया। इसके बाद वह हेलीकॉप्टर से व्हाइट हाऊस पहुंचे, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी ने उनका स्वागत किया।
PM मोदी के पिछले 2 अमेरिकी दौरों के समय उन्हें कैसे रिसीव किया गया था?
इससे पहले सितंबर 2021 में जब PM नरेंद्र मोदी क्वाड मीटिंग में हिस्सा लेने अमेरिका पहुंचे थे। तब वॉशिंगटन के जॉइंट बेस एंड्रूयज एयरपोर्ट पर उन्हें रिसीव करने बाइडेन सरकार के प्रोटोकॉल अधिकारी और अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू पहुंचे थे।
वहीं, सितंबर 2019 को PM नरेंद्र मोदी के स्वागत में एयरपोर्ट पर अमेरिका की चीफ प्रोटोकॉल अधिकारी कैम हैंडरसन पहुंची थीं। उनके अलावा अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला भी PM मोदी के स्वागत के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे।
क्या PM मोदी ने किसी अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष के स्वागत में कभी प्रोटोकॉल तोड़ा है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर प्रोटोकॉल तोड़कर अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष का स्वागत किया है। 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल का स्वागत करने मोदी खुद पालम एयरपोर्ट गए थे।
इसके अलावा 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गुजरात के अहमदाबाद आए थे। यहां PM नरेंद्र मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर सरदार वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट पर उन्हें खुद रिसीव करने पहुंच गए थे।