प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के भारत मंडपम में स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (SOUL) कॉन्क्लेव के पहले संस्करण का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए उसके नागरिकों का सशक्त होना जरूरी है।
स्वामी विवेकानंद का जिक्र
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने स्वामी विवेकानंद को उद्धृत करते हुए कहा कि अगर उनके पास 100 योग्य नेता होते, तो वे न सिर्फ भारत को आज़ादी दिला सकते थे, बल्कि इसे दुनिया का शीर्ष राष्ट्र बना सकते थे। उन्होंने कहा कि भारत को हर क्षेत्र में बेहतरीन नेतृत्व की ज़रूरत है और SOUL की स्थापना ‘विकसित भारत’ की दिशा में एक अहम कदम है।
भूटान के प्रधानमंत्री की मौजूदगी
इस आयोजन में भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे भी शामिल हुए। पीएम मोदी ने इसे संयोग बताते हुए कहा कि भूटान के राजा का जन्मदिन और यह आयोजन एक साथ होना सुखद है। उन्होंने भूटान के प्रधानमंत्री की उपस्थिति के लिए आभार जताया।
पीएम मोदी की मुख्य बातें
- हर क्षेत्र में बेहतर नेतृत्व की जरूरत
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 21वीं सदी के ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जहां हर क्षेत्र में प्रभावी नेतृत्व की आवश्यकता है। उन्होंने SOUL कॉन्क्लेव को इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया। - नवाचार को बढ़ावा देने वाले संसाधन जरूरी
उन्होंने कहा कि किसी भी देश को सिर्फ प्राकृतिक संसाधनों की नहीं, बल्कि मानव संसाधनों की भी आवश्यकता होती है। 21वीं सदी में ऐसे संसाधनों की जरूरत है, जो नवाचार और कौशल को प्रभावी रूप से प्रोत्साहित कर सकें। - भारत वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की वैश्विक पहचान लगातार मजबूत हो रही है और इसे बनाए रखने के लिए विश्व स्तरीय नेतृत्व की जरूरत है। ऐसे में SOUL जैसे संस्थान इस बदलाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं। - ग्लोबल सोच, लोकल अप-ब्रिंगिंग
उन्होंने कहा कि भारत को नई नेतृत्व क्षमता विकसित करनी होगी, जिससे वह कूटनीति से लेकर तकनीकी नवाचार तक हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सके। इसके लिए ‘ग्लोबल सोच और लोकल अप-ब्रिंगिंग’ को बढ़ावा देना जरूरी है। - दुनिया से प्रतिस्पर्धा के लिए स्मार्ट लीडर्स जरूरी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को ऐसे नेता चाहिए, जो भारतीय सोच के साथ वैश्विक नजरिया भी रखते हों। इन नेताओं को रणनीतिक निर्णय लेने, संकट प्रबंधन और भविष्य की सोच में कुशल होना चाहिए, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें। - नीतियां वर्ल्ड क्लास बनानी होंगी
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की नीति निर्माण प्रक्रिया को वैश्विक स्तर का बनाना होगा। इसके लिए नौकरशाहों, नीति निर्माताओं और उद्यमियों को वैश्विक बेस्ट प्रैक्टिस के अनुसार काम करना होगा, जहां SOUL जैसे संस्थान मददगार साबित हो सकते हैं।
क्या है SOUL?
स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (SOUL) गुजरात स्थित एक संस्थान है, जिसका उद्देश्य भारतीय राजनीति में उन लोगों को आगे लाना है, जो पारंपरिक राजनीतिक परिवारों से नहीं आते, बल्कि अपनी नेतृत्व क्षमता और सामाजिक सेवा के आधार पर बदलाव लाने की इच्छा रखते हैं।
भारत मंडपम में आयोजित यह कॉन्क्लेव दो दिन (21-22 फरवरी) तक चलेगा, जिसमें राजनीति, खेल, कला, मीडिया, आध्यात्म, व्यवसाय और समाज सेवा से जुड़े दिग्गज अपने अनुभव साझा करेंगे।