तमिलनाडु में नई शिक्षा नीति और त्रिभाषा फॉर्मूले को लेकर मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और केंद्र सरकार के बीच जारी तनातनी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को रामनवमी के अवसर पर रामेश्वरम पहुंचे।
अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने एशिया के पहले वर्टिकल लिफ्ट रेलवे ब्रिज समेत कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। भाषाई विवाद का सीधे तौर पर ज़िक्र किए बिना, पीएम मोदी ने राज्य सरकार और डीएमके नेताओं को तमिल भाषा के गौरव को बनाए रखने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं राज्य सरकार से आग्रह करता हूं कि डॉक्टरी की पढ़ाई तमिल भाषा में कराई जाए।” उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि तमिलनाडु के कई नेताओं की चिट्ठियां उन्हें मिलती हैं, लेकिन कोई भी तमिल में हस्ताक्षर नहीं करता। उन्होंने कहा, “अगर तमिल का गौरव बढ़ाना है, तो नेताओं को स्थानीय भाषा में सिग्नेचर करना चाहिए।”
इस बीच, डीएमके सरकार नई शिक्षा नीति के तहत प्रस्तावित त्रिभाषा नीति — जिसमें तमिल और अंग्रेज़ी के साथ हिंदी को भी पढ़ाया जाना है — का विरोध कर रही है। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन का कहना है कि राज्य पर हिंदी थोपना स्वीकार नहीं है।
रामनवमी के दिन पीएम मोदी ने रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की और सोशल मीडिया पर विमान से रामसेतु के दर्शन का वीडियो साझा किया। उन्होंने लिखा, “यह दृश्य तभी देखने को मिला जब अयोध्या में रामलला का सूर्य तिलक हो रहा था। यह एक दिव्य अनुभव था।”
हालांकि, पीएम के दौरे पर मुख्यमंत्री स्टालिन मौजूद नहीं थे। वह उस समय उदगमंडलम में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन कर रहे थे।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले भी रामेश्वरम आ चुके हैं और रामायण से जुड़े मंदिरों में दर्शन कर चुके हैं, जिसे वह ‘रामायण सर्किट’ से जोड़ने का प्रयास बता चुके हैं।