जयपुर :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने राजस्थान आएंगे। मोदी का 11 या 12 जनवरी का जयपुर आने का प्रोग्राम हैं। मोदी के साथ ही उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी आएंगे। 10 से 12 जनवरी तक विधानसभा में सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों और सचिवों का सम्मेलन होगा। मोदी, धनखड़ और बिरला इसी सम्मेलन में शामिल होंगे।
सम्मेलन की मेजबानी के लिए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय और लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय ने राजस्थान विधानसभा को चुना है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी इसकी तैयारी में जुटे हैं।
सी.पी. जोशी बोले- खुशी है, हम होस्ट हैं
स्पीकर डॉ. सी. पी. जोशी ने सोमवार को दैनिक भास्कर को बताया कि खुशी है कि प्रदेश की विधानसभा को राष्ट्रीय कार्यक्रम की मेजबानी करने का मौका मिला है। हम होस्ट (मेजबान) हैं। लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला इसके मुख्य आयोजनकर्ता हैं। वे ही सब तैयारियां कर रहे हैं।
उन्होंने कहा पीएम मोदी और उप राष्ट्रपति धनखड़ के आने का कार्यक्रम भी वे ही देख रहे हैं। हम तैयारियों में जुटे हुए हैं। 10 जनवरी को विधानसभा के सचिवों का सम्मेलन होगा और फिर 11 व 12 जनवरी को विधानसभा के अध्यक्षों का सम्मेलन होगा।
सम्मेलन में होगा चिंतन
सम्मेलन में राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित केन्द्रीय मंत्री, सांसद, राजस्थान के वर्तमान व पूर्व सांसद, विधायक-पूर्व विधायक भी शामिल होंगे। सम्मेलन में लोकतंत्र, संसदीय कार्यप्रणाली, विधायिका-कार्यपालिका के महत्व, चुनौतियां, नियमों, व्यवस्थाओं, संस्थानों आदि पर चिंतन किया जाएगा। संसदीय कार्यों के अनुभवी लोग अपने विचार रखेंगे।
चिंतन से निकले मुद्दों पर तैयार होगी रिपोर्ट
चिंतन के बाद सम्मेलन में सामने आए विचारों, मुद्दों, सिद्धांतों पर एक रिपोर्ट भी तैयार होगी। रिपोर्ट सभी विधानसभाओं में भेजी जाएगी और लोकसभा-राज्यसभा के रिकॉर्ड में भी भेजी जाएगी। इस रिपोर्ट को भविष्य में संसद या राज्यों की विधानसभाओं में किसी नियम-प्रक्रिया, व्यवस्था, प्रश्न आदि के जवाब में बतौर उदाहरण काम में लिया जा सकेगा।
साल 2012 में राजस्थान में हुआ था विधानसभा अध्यक्षों का सम्मेलन
10 साल पहले राजस्थान विधानसभा में देश भर की विधानसभाओं के अध्यक्षों और विधान परिषदों के प्रमुखों का सम्मेलन हुआ था। तब केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए सरकार थी। तब डॉ. सी. पी. जोशी केन्द्र में रेल व सड़क परिवहन मंत्री थे और विधानसभा के अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत थे। शेखावत वर्तमान में श्रीमाधोपुर (सीकर) से कांग्रेस के विधायक हैं। संयोग से तब प्रदेश और केंद्र दोनों में कांग्रेस की ही सरकार थी। सीएम तब भी अशोक गहलोत ही थे।
बिरला की पहल पर मिला राजस्थान को मेजबानी का मौका
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला साल 2019 में लोकसभा चुनाव (कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र) जीतने से पहले 2014 में भी सांसद बने थे। वे भाजपा की ओर से 2003, 2008 और 2013 में कोटा से विधायक भी रहे हैं। साल 2019 में लगातार दूसरी बार सांसद बनने के बाद जब वे लोकसभा के अध्यक्ष बने तो सीएम गहलोत और डॉ. जोशी ने उन्हें राजस्थान की विधानसभा में बतौर गेस्ट बुलाया था।
बिरला ने विधानसभा में विधायकों संबोधित किया था। अब उन्हीं की पहल पर पूरे देश की विधानसभाओं के अध्यक्षों के सम्मेलन की जिम्मेदारी राजस्थान को मिली है। केन्द्र में भाजपा की सरकार और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद राजस्थान को मेजबानी मिलना राजनीतिक हलकों में बहुत सराहा जा रहा है।
पहला मौका, जब लोकसभा-राज्यसभा के सभापति-अध्यक्ष राजस्थान से हैं, दोनों आएंगे
देश के 75 साल के लोकतंत्र में यह पहला मौका है जब संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के सभापति-अध्यक्ष राजस्थान से ही हैं। लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला हैं, तो राज्य सभा के सभापति बतौर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ हैं। धनखड़ के सम्मान में हाल ही सीएम गहलोत ने जयपुर में एक स्नेह भोज भी रखा था। धनखड़ झुंझुनूं से सांसद और किशनगढ़ (अजमेर) से विधायक भी रह चुके हैं। अब विधानसभा में होने वाले तीन दिवसीय सम्मेलन में बिरला और धनखड़ दोनों एक साथ दिखेंगे।
रणथंभौर, नाहरगढ़ और गोविंदेवजी के मंदिर भी जाएंगे गेस्ट
तीन दिन के सम्मेलन (10-13 जनवरी) में जयपुर आने वाली देशभर की राजनीतिक हस्तियों को रणथंभौर टाइगर सफारी, नाहरगढ़ किला और गोविंददेवजी मंदिर ले जाने का भी प्रोग्राम है। अतिथियों को विधानसभा के संग्रहालय, लाइब्रेरी और सदन भी दिखाया जाएगा।
रणथंभौर, नाहरगढ़ और गोविंदेवजी के मंदिर भी जाएंगे गेस्ट
तीन दिन के सम्मेलन (10-13 जनवरी) में जयपुर आने वाली देशभर की राजनीतिक हस्तियों को रणथंभौर टाइगर सफारी, नाहरगढ़ किला और गोविंददेवजी मंदिर ले जाने का भी प्रोग्राम है। अतिथियों को विधानसभा के संग्रहालय, लाइब्रेरी और सदन भी दिखाया जाएगा।
राजस्थान की संसदीय परंपराओं की जानकारी अतिथियों को देने के लिए राज्य सभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, पूर्व स्पीकर कैलाश मेघवाल, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया सहित संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल व मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी के नामों पर विचार चल रहा है।
राजस्थान की विधानसभा में पूर्व में चर्चा में आ चुके प्रमुख मुद्दों, कानूनों, उदाहरणों की जानकारी भी दी जाएगी। जागीरदारी उन्मूलन, पंचायत राज, सूचना का अधिकार, मनरेगा से संबंधित कानूनों के गठन में राजस्थान की विधानसभा में हुए तर्क-बहस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। यहां कानून बनने के बाद पूरे देश में इन विषयों पर कानून बने हैं।