जयपुर 18 नवंबर। उदयपुर जिले के जावर माइंस थाना क्षेत्र में 12 नवंबर की शाम ओडा गांव के निकट बने रेलवे ओवर ब्रिज में हुए ब्लास्ट की घटना में शामिल मुख्य अभियुक्त धूल सिंह को पकड़ने में मुख्य भूमिका निभाने वाले कॉन्स्टेबल पुष्पेंद्र को गैलेंट्री प्रमोशन एवं टीम के अन्य अधिकारियों व पुलिस कर्मियों को डीजीपी डिस्क व उचित पारितोषिक प्रदान किया जायेगा।
महानिदेशक पुलिस श्री उमेश मिश्रा ने बताया कि जांच के दौरान कांस्टेबल पुष्पेंद्र ने जांच अधिकारी को सूचना दी कि इस घटना में एकलिंग पुरा निवासी धूलचंद का हाथ हो सकता है। सूचना पर धूलचंद को डिटेन कर स्थानीय भाषा के जानकार कांस्टेबल मांगीलाल की सहायता से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान धूल चन्द ने घटना कारित करना स्वीकार किया। घटना में अभियुक्त को पकड़वाने में कॉन्स्टेबल पुष्पेन्द्र की विशेष भूमिका को ध्यान में रखते हुए विशेष पदोन्नति की जाएगी।
श्री मिश्रा ने बताया कि उदयपुर एसपी विकास शर्मा की अनुशंसा के अनुसार अभियुक्त से अनुसंधान करने में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश सांखला, सीओ राजेन्द्र सिंह जैन, एसएसओ जावर माइंस अनिल विश्नोई व कॉन्स्टेबल मांगी लाल की सराहनीय भूमिका होने से इन्हे डीजीपी डिस्क प्रदान की जाएगी ।
शेष अनुसंधान टीम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनजीत सिंह, सीओ गिर्वा भूपेन्द्र, सीओ तपेन्द्र मीणा, पुलिस निरीक्षक लीलाधर मालवीय, पुलिस निरीक्षक दलपत सिंह, सुबोध जांगिड, कमलेन्द्र सिंह व रमेश मीणा, जिला उदयपुर एवं उप निरीक्षक, सीआईडी (जोन) कैलाश सिंह चौहान, सहायक उप निरीक्षक (अपराध शाखा) वेलाराम व हेड कांस्टेबल बालकृष्ण मीणा, मोहन पाल सिंह भैरू सिंह, प्रताप सिंह, गम्भीर सिंह, गणेश कुमार, मंगल कुमार एवं कानिस्टेबल सत्यनारायण, शांति लाल व मुकेश को पुलिस मुख्यालय स्तर पर उचित पारितोषिक प्रदान किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि 13 नवंबर को सीनियर स्पेशल इंजीनियर उदयपुर ने थाना जावर माइंस में दी गई रिपोर्ट रिपोर्ट में बताया गया कि 12 नवंबर की शाम करीब 7:00- 7:15 बजे ओड़ा गांव के पास स्थित रेलवे ओवर ब्रिज को अज्ञात व्यक्तियों ने ब्लास्ट किया है। इससे ब्रिज का गर्डर टूट गया है। मौके पर जगह-जगह ब्रिज के टुकड़े, विस्फोटक सामान, फ्यूज वायर डेटोनेटर और जिलेटिन आदि के अवशेष बिखरे पड़े हैं। रेल की पटरी में भी दरार आ गई।
इस रिपोर्ट के आधार पर आईपीसी, रेलवे अधिनियम, पीडीपीपी एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के तहत थाना जावर माइंस पर मुकदमा दर्ज कर जांच सीओ सराडा राजेंद्र जैन को सौंपी गई थी।