जयपुर:-प्रतिपक्ष नेता राजेंन्द्र राठौड ने गहलोत सरकार की बजट घोषणा में लंपी वायरस से मरने वाले गोवंश के मालिक पशुपालकों को चालीस हजार मुआवजा देने में और गोशाला प्रबंधकों से वादाखिलाफी के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आगामी 5 जुलाई को बीकानेर में भाजपा गहलोत सरकार के खिलाफ पोल खोल अभियान शुरू करेगी। वहीं किसान कर्जमाफी के खिलाफ जुलाई के दूसरे सप्ताह में झुंझनु जिले में सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
भाजपा मुख्यालय पर मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए राजेंन्द्र राठौड ने कहा कि सरकार ने 15.67 लाख पशुधन को संक्रमित और 76 हजार पशुधन की मौत के आंकडे जारी किए थे । उन्होंने कहा कि वहीं सरपंच संघ की ओर से 5 लाख 13 हजार पशुधन की मौत का ज्ञापन सौंपा गया था। इसके बावजूद सरकार ने सरपंच संघ और खुद की ओर से बताए गए आंकडो को भी झूंठा साबित कर महज 42 हजार पशुपालकों को ही चालीस हजार का मुआवजा देने की घोषणा बजट में की थी।
प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सरकार ने गौशाला में मरी गायों का मुआवजा देने से मना कर दिया जो कि गौशाला प्रबंधकों से पूरी तरह से धोखा और दोहरा चरित्र है। उन्होने कहा कि बजट घोषणा को चार माह पूरे होने को हैं, लेकिन सरकार अभी तक पशुपालकों को दिए जाने वाले मुआवजे के लिए बीमा कंपनी का चयन नहीं कर पाई।
प्रतिपक्ष के नेता राठौड ने कहा कि किसान कर्जमाफी के मामले में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र और बजट घोषणा सभी को झूंठा साबित कर दिया। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में दिसंबर 2018 तक के सभी राष्ट्रीयकृत बैंको,शेड्यूल बैंकों और आरआरबी के तीन लाख 49 हजार 257 किसानों की एनपीए राशी 6 हजार 18 करोड 93 लाख रूपए थी। जिसमें पांच हजार 638 करोड 47 लाख रूपए का ऋण माफ होना था, लेकिन कर्ज माफ नहीं होने से इस पर चक्रवृद्धि ब्याज लगने से यह बढकर 12 हजार करोड को पार कर गई। वहीं सरकार ने खुद स्वीकारा है कि इन चार सालों में 19 हजार 422 किसानों की जमीने नीलाम हुई है।