प्रहलाद गुंजल बोले- मैं किसी की चमचागिरी नहीं कर सकता:जब मैं पहली बार विधायक बना था,तब आज के सीएम सरपंच बनने की दौड़ में लगे थे

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जयपुर:-बीजेपी नेता प्रहलाद गुंजल ने आज पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की मौजूदगी में कांग्रेस जॉइन कर ली। इस मौके पर गुंजल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हाड़ौती में दो भाई साहब हैं, एक बड़े भाई साहब, एक छोटे भाई साहब। एक तरफ खुद्दारी और एक तरफ खरीदारी।

गुंजल की जॉइनिंग पर डोटासरा ने कहा कि वे दमदार नेता हैं। भाजपा में जनाधार वाले नेताओं को खत्म किया जा रहा है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर भाजपा पर आरोप लगाए। गहलोत ने कहा कि देश में आज लोकतंत्र की धज्जियां उड़ रही हैं।

गुंजल शांति धारीवाल के सामने विधानसभा का चुनाव ​हार गए थे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी गुंजल की अनबन है। दोनों के बीच लंबे समय से सियासी रूप से टकराव चलता रहा है। गुंजल वसुंधरा राजे समर्थक रहे हैं। पिछले काफी समय से उनके तेवर बदले हुए थे।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर भी साधा निशाना

गुंजल ने कहा कि मैं बीजेपी में किसी से जूनियर नहीं हूं। मैं जब पहली बार विधायक था तो आज के मुख्यमंत्री सरपंच बनने की दौड़ में भाग रहे थे। जब मैं दूसरी बार विधायक था तो आज के मुख्यमंत्री पंचायत समिति मेंबर बनने के लिए दौड़ धूप कर रहे थे।

मैं किसी की चमचागिरी नहीं कर सकता – पूर्व विधायक

  • गुंजल ने कहा कि मैं किसी नेता के भाइयों की चमचागिरी करने और किसी नेता की दर-पट्टी बिछाने के लिए राजनीति में नहीं आया ।राजनीति का चेहरा मोहरा एक व्यक्ति की दरी पट्टी उठाने तक सीमित हो गया है।
  • उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सरकारी सुरक्षा की गारंटी होती है वह डर का कारण नहीं हो। नौजवान कार्यकर्ताओं को हिम्मत के साथ मुकाबला करना चाहिए।
  • जोर और जुल्म राजनीतिक की ताकत बन गई है। सत्ता के बूते खुद्दारी को खरीदने का प्रयास किया जा रहा है।

कोटा की राजनीति में एक व्यक्ति और परिवार का कब्जा- गुंजल

  • गुंजल ने कहा कोटा की राजनीति में एक व्यक्ति का कब्जा हो गया। एक व्यक्ति के भी परिवार का कब्जा हो गया। आज भारतीय जनता पार्टी की रीति-नीति और सिद्धांत से जुड़ा हुआ खुद्दार कार्यकर्ता खून के आंसू रो रहा है।
  • वह केवल इस बात का नैतिक साहस नहीं जुटा पा रहा है कि अपने विचारधारा को त्याग कर जुल्म के खिलाफ खड़े हो जाएं, लेकिन मैं वह जुल्म को बर्दाश्त नहीं कर सकता था।
  • मैं अपनी ताकत का प्रभाव और प्रकोप हाड़ौती की जनता को दिखाने वाले के सामने आत्मसमर्पण नहीं कर सकता था।
  • पिछले चुनाव में बीजेपी ने मुझे वहां भेज कर जिल्लत देने का प्रयास किया उस समय भी मेरे कार्यकर्ताओं ने खून के आंसू पिए।

राजस्थान के हेल्थ मिनिस्टर पर पलटवार

  • गुंजल ने खींवसर के बयान पर पलटवार करते हुए कहा मंत्री कह रहे हैं कि भाजपा में लोग दरवाजे तोड़कर आ रहे हैं तो जिंदा लोग कभी धारा के साथ नहीं चलते,धारा के साथ मरी हुई मछलियां बहती हैं।
  • मैं 40 साल पुराना भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता था। मैंने सड़कों पर संघर्ष किया। इस लंबी यात्रा के बाद अब यह महसूस होने लगा है की परिस्थितियों ठीक नहीं हैं।
  • जिस प्रकार की परिस्थितियों पैदा हो रही है वह चिंताजनक हैं। सत्ता की ताकत के आगे आम आदमी की आवाज को दबा दिया जा रहा है यह प्रवृत्ति लोकतंत्र के लिए चुनौती बन गई है।

बीजेपी में अच्छे लोग घुटन महसूस कर रहे हैं- गहलोत

गहलोत ने कहा कि भाजपा में अच्छे लोग घुटन महसूस कर रहे हैं। पहले बीजेपी आरोप लगाती है और जैसे वह व्यक्ति बीजेपी जॉइन करता है वह अच्छा हो जाता है। यह हालत इस देश में बने हुए हैं।

इलेक्टोरल बॉन्ड सबसे बड़ा घोटाला – गहलोत

  • अशोक गहलोत ने कहा कि गुंजल ने कांग्रेस की नीतियों से प्रभावित होकर पार्टी ज्वाइन की है देश में आज लोकतंत्र खतरे में है। लोकतंत्र की धज्जियां उड़ रही है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने बंद को लेकर अभी जो कुछ कहा है इलेक्टरल बॉन्ड का आंकड़ा 15000 करोड़ तक है और इसमें सबसे ज्यादा बीजेपी को पैसा मिला है।
  • यह सबसे बड़ा घोटाला है। ऑल इंडिया कांग्रेस पार्टी के अकाउंट तक फ्रीज कर दिए। इनकम टैक्स में पैसा बकाया है तो सेट कर दिए और पैसा विड्रॉ कर लिया। ऐसा पहली बार सुना है। मूल भावना को जनता के बीच पहुंचाए।

भाजपा में आज तानाशाही चल रही है – डोटासरा

  • गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि आज बीजेपी में तानाशाही चल रही है। कुछ लोगों के हाथ सत्ता हो गई है, जनाधार वाले नेताओं को खत्म किया जा रहा है।
  • गुंजल दमदार नेता हैं। उन्हें जब लगा कि बीजेपी को जनाधार वाले नेताओं की जरुरत नहीं है, चापलूसों की जरूरत है तो उन्होंने कांग्रेस में आना उचित समझा।

कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से टिकट देगी कांग्रेस

  • प्रहलाद गुंजल को कांग्रेस कोटा-बूंदी सीट से टिकट देगी। कल कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में गुंजल के नाम की चर्चा हो चुकी है।
  • गुंजल की जॉइनिंग के बाद उनके टिकट को हरी झंडी मिलना तय है, उनकी जॉइनिंग टिकट की शर्त पर ही हो रही है। कोटा से पहले कांग्रेस विधायक अशोक चांदना को टिकट देने की चर्चा थी, लेकिन अब समीकरण बदल गए हैं।

गुंजल की जॉइनिंग से कांग्रेस के अंदरूनी सियासी समीकरण बदलेंगे

  • प्रहलाद गुंजल की कांग्रेस जॉइनिंग से पार्टी के अंदरूनी सियासी समीकरण भी बदलेंगे। गुंजल गुर्जर समाज के एक प्रमुख नेता के रूप में जाने जाते हैं। कांग्रेस को हाड़ौती में एक मुखर गुर्जर चेहरा और मिल जाएगा।
  • कोटा की सियासत में गुंजल शांति धारीवाल के विरोधी रहे हैं। अब उनके कांग्रेस जॉइनिंग से नए सियासी समीकरण बनेंगे।
  • अभी हाड़ौती में बूंदी से विधायक अशोक चांदना इस क्षेत्र में पार्टी के प्रमुख गुर्जर चेहरों में गिने जाते थे, अब गुंजल की एंट्री से एक और बड़ा नाम जुड़ जाएगा।

पहले वसुंधरा राजे से मतभेदों के बाद बीजेपी छोड़ी थी

  • गुंजल ने गुर्जर आरक्षण आंदोलन के मसले पर 2005 में तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। वसुंधरा राजे से मतभेदों के बाद उन्होंने बीजेपी छोड़ दी थी।
  • गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान गुंजल ने वसुंधरा राजे पर जमकर तल्ख टिप्पणियां की थीं। इसके बाद वे लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए।
  • 2013 में उनकी वसुंधरा राजे से सुलह हुई और वापस बीजेपी में आए। 2013 में कोटा उत्तर से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े। उन्होंने शांति धारीवाल को हराया।

वसुंधरा राजे के खिलाफ रहे गुंजल बाद में बड़े समर्थक बने

  • कभी वसुंधरा राजे के खिलाफ अभियान छेड़ने वाले गुंजल की 2013 में राजे से सुलह हुई। वे बीजेपी की खेमेबंदी की राजनीति में उनके प्रमुख समर्थक बनकर उभरे।
  • गुंजल ने पिछले विधानसभा चुनावों से पहले जुलाई में वसुंधरा राजे का बड़ा सम्मेलन करवाया था। इस सम्मेलन को वसुंधरा राजे का शक्ति प्रदर्शन माना गया था।

दो बागी नेताओं को भाजपा-कांग्रेस दे चुकी लोकसभा टिकट

  • लाेकसभा चुनाव से पहले दल बदलने वाले नेताओं की लाइन लगी हुई है। भाजपा-कांग्रेस भी अपने राजनीतिक समीकरण के हिसाब से उन्हें तवज्जो दे रही है।
  • भाजपा और कांग्रेस की राजस्थान में उम्मीदवारों की एक-एक सूची जारी हुई है और दोनों ही दल एक-एक बागी नेताओं को लोकसभा का टिकट दे चुके हैं।
  • भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर आए पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया को डूंगरपुर-बांसवाड़ा से टिकट दिया है, वहीं कांग्रेस ने टिकट कटने के बाद भाजपा छोड़कर आए सांसद राहुल कस्वां को चूरू से टिकट दिया है।
  • यदि गुंजल को कांग्रेस कोटा से टिकट देती है तो वे तीसरे ऐसे नेता होंगे। नागौर से भाजपा की उम्मीदवार डॉ. ज्योति मिर्धा ने विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़ी थी।