प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के बाद भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। मेले में आने-जाने के रास्ते अलग कर दिए गए हैं, गाड़ियों की एंट्री पूरी तरह रोक दी गई है, और VVIP पास भी रद्द कर दिए गए हैं।
बुधवार सुबह 10 बजे तक 92.90 लाख श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। प्रशासन के मुताबिक, मंगलवार-बुधवार की रात भगदड़ में 30 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 60 लोग घायल हुए हैं। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में मृतकों की संख्या 35-40 तक बताई जा रही है।
भगदड़ के 34 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन अपनों को खोजने की कोशिशें जारी हैं। दिल्ली से आए एक युवक ने बताया कि उसकी मां हादसे के बाद से लापता हैं। प्रशासन लापता लोगों की तलाश में मदद कर रहा है।
सरकार ने हालात सुधारने के लिए 2019 कुंभ में तैनात रहे IAS अधिकारी आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को प्रयागराज बुलाया है ताकि व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा सके।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट में भगदड़ को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की मांग की गई है। इसके अलावा, भविष्य में धार्मिक आयोजनों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस व्यवस्था बनाने की अपील की गई है।
महाकुंभ का आज 18वां दिन है। 13 जनवरी से अब तक 27.64 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। जबकि, मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को लगभग 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई थी।