जयपुर, 20 जून। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश को विकसित एवं अग्रणी बनाने में महिला वर्ग की समान भागीदारी आवश्यक है। बजट किसी भी सरकार की आर्थिक नीतियों का एक दस्तावेज होता है, जो प्रदेश के विकास की दिशा तय करता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि महिला शक्ति से संबंधित विषयों पर मिले सुझावों का उचित परीक्षण कर आगामी परिवर्तित बजट 2024-25 में समावेशित करने का प्रयास किया जाएगा।
शर्मा गुरूवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में महिलाओं, प्रोफेशनल्स एवं प्रतिभाशाली छात्राओं के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठक में चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विकसित राजस्थान-2047 ही राज्य सरकार की नीति-योजनाओं का केन्द्र बिन्दु है। इसी संकल्पना को साकार करने की दिशा में आगामी परिवर्तित बजट की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों में महिला सशक्तीकरण की दिशा में ऐतिहासिक फैसले किए हैं। नारी शक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देकर लोकतंत्र में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की है। साथ ही, देश की महिलाओं के लिए लखपति दीदी योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, उज्ज्वला जैसी लोक-कल्याणकारी योजनाएं संचालित की गई हैं।
महिलाएं सशक्त, तो राजस्थान सशक्त —
शर्मा ने कहा कि महिलाओं के सशक्त होने से ही प्रदेश सशक्त होगा। राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण एवं महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में प्रदेश में महिलाओं को 450 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाया जा रहा है। लाडो प्रोत्साहन योजना के माध्यम से गरीब परिवार में बालिका के जन्म पर एक लाख रुपये का सेविंग बॉण्ड प्रदान किया जा रहा है। साथ ही, प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना के तहत गर्भवती और धात्री महिलाओं को दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 6 हजार 500 रुपये करने, पंचायतीराज एवं नगरीय निकाय, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के मानदेय में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी करने जैसे नीतिगत निर्णय भी लिए गए हैं।
युवा देश-प्रदेश के विकास की अहम कड़ी—
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा देश-प्रदेश के विकास की अहम कड़ी हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि युवाओं को शिक्षा, कौशल संवर्धन और रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध करवाए जाएं। युवाओं की ऊर्जा और क्षमताओं का सही उपयोग के लिए नई दिशा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार लगातार फैसले ले रही है। राज्य सरकार युवाओं को रोजगार देने हेतु इस वर्ष लगभग 70 हजार पदों पर भर्तियां कर रही है। साथ ही, युवाओं को न्याय प्रदान करने के लिए पेपरलीक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। एसआईटी इन मामलो में निरंतर दोषियों को गिरफ्तार कर रही है।
उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दिया कुमारी ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने अल्प समय में ही महिला उत्थान के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण महिला सशक्तीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने महिला संगठनों की प्रतिनिधियों से महिला केन्द्रित योजनाओं का लाभ वंचितों तक पहुंचाने के लिए कड़ी के रूप में कार्य करने का आह्वान किया।
स्कूली शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि राज्य सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा विभाग द्वारा बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए गार्गी पुरस्कार सहित अन्य कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मंजू बाघमार ने कहा कि महिला उत्थान राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है एवं महिलाओं के बहुआयामी विकास के लिए सरकार प्रयासरत है। मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि इस बार प्रदेश में वृहद स्तर पर बजट पूर्व संवाद आयोजित किए जा रहे हैं।
बैठक में राजस्थान राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा, बाल संरक्षण आयोग की पूर्व अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी, नारी शक्ति सम्मान पुरस्कृत रुमा देवी, फोर्टी विमन्स विंग की अध्यक्ष डॉ अल्का गौड़, रक्षा भंडारी, महिला उद्यमी आशा रामावत, भावना बंसल, सोशल डवलपमेंट प्रोफेशनल डॉ प्रियम्बदा सिंह, सरपंच नीरू यादव, छात्रा तनीशा मीणा, निकिता सेनी सहित अन्य प्रतिनिधियों एवं प्रतिभाशाली छात्राओं ने महिला उत्थान एवं महिला उद्यमिता के संबंध में सुझाव दिए।
इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोरा, मुख्यमंत्री कार्यालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता कुलदीप रांका तथा प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री) आलोक गुप्ता सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।