राजस्थान में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, मानगढ़ धाम में दी आहुति:CM ने की 5 करोड़-पुलिस चौकी की घोषणा;बोले-कुछ लोग गुमराह कर रहे

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार को राजस्थान के दौरे पर हैं। सुबह उन्होंने सिरोही के आबूरोड में ब्रह्माकुमारीज के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। इसके बाद दोपहर में वे बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में आदि गौरव सम्मान समारोह में पहुंचीं। जहां सीएम भजनलाल ने मानगढ़ धूणी के लिए 5 करोड़ और पुलिस चौकी की घोषणा की।

इससे पहले मानगढ़ धाम के हेलिपैड पर राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति हेलिपैड से सीधे धूणी स्थल पहुंचीं। यहां गोविंद गुरु भगत आंदोलन के दौरान भजन मंडली और धूणी करते थे। राष्ट्रपति ने यहां धूणी में नारियल की आहुति दी। इस अवसर पर राष्ट्रपति को गोविंद गुरु के और मानगढ़ के इतिहास की जानकारी दी गई।

धूणी स्थल पर राष्ट्रपति करीब 15 मिनट रुककर रेस्ट हाउस पहुंचीं। इधर समारोह स्थल पर राष्ट्रपति के आगमन से पहले मानगढ़ के इतिहास के साथ आदिवासियों की संस्कृति, कला और उनकी परंपरा से जुड़ी डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। राष्ट्रपति के कार्यक्रम को लेकर पूरी मानगढ़ पहाड़ी पर सुरक्षा चाक चौबंद कर रखी है।

आदि गौरव सम्मान समारोह में पहुंचीं राष्ट्रपति

आदि गौरव सम्मान समारोह में राष्ट्रपति दोपहर 2 बजे पहुंची। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान की धुन के साथ हुई। इसके बाद टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी संबोधित करने पहुंचे। खराड़ी ने कहा- हम गौरवान्वित है आपके दर्शन पाकर। यह वो धरती है जहां पर गोविंद गुरु के नेतृत्व में महायज्ञ हो रहा था, यहां भक्ति आंदोलन के माध्यम से जागरण का काम किया।

इसे देखकर अंग्रेजो को लगा ये लोगों को भड़का रहा है। अंग्रेजों ने नारियल में गाय का खून लाकर हवन में डाला, यहां गोलियां चलाईं। बड़ा नरसंहार किया। मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि वो यहां के विकास के लिए कोई सौगात देकर जाएं।

मुख्यमंत्री बोले- कुछ लोग आदिवासी समाज को गुमराह कर रहे

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा- मानगढ़ की धरती पवित्र है इसे नमन करता हूं। इस धाम पर राष्ट्रपति का कार्यक्रम मिला यह खुशी की बात है। गोविंद गुरु ने आजादी के लिए सब समर्पित किया। यहां पर्यटन की अपार संभावना हैं। यहां सरकार ने त्रिपुरा सुंदरी, मानगढ़, बेणेश्वर के लिए सर्किट बनाया है।

यहां के आदिवासी लोगों के लिए आदि गौरव सम्मान की शुरुआत की है। यह धाम देश के लिए धरोहर है। कुछ लोग समाज को गुमराह कर रहे हैं। काली बाई की वीरता को कौन भूल सकता है। हमने बिरसा मुंडा की जन्मस्थली झारखंड से राजस्थान तक ट्रेन शुरू कराएंगे।

यह भूमि हमें सिखाती है कि हमें समाज के लिए निष्ठावान रहना चाहिए। मैं राष्ट्रपति की आज्ञा लेकर 5 करोड़ रुपए की घोषणा धूणी के लिए करता हूं और यहां पुलिस चौकी की घोषणा करता हूं।


राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा- आदिवासी प्रकृति रक्षक

राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा- मैं मुख्यमंत्री को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने आदि गौरव सम्मान शुरू किया। अगर कोई जल जंगल जमीन बचा रहा है तो वह आदिवासी है। वे प्रकृति का संरक्षण करते हैं। आदिवासी संस्कृति और परंपरा से जड़ों से जुड़े हैं।

प्रधानमंत्री वाजपेयी ने जनजाति कल्याण मंत्रालय की स्थापना की थी। इसके बाद लगातार काम हुए हैं। हमने राजभवन में आदिवासी उत्पादों को प्रदर्शनी लगाई थी ताकि प्रचार प्रसार हो। इनके काम हमारे लिए धरोहर हैं। आने वाले समय में यह समुदाय मुख्यधारा में आएगा।

सम्मान समारोह में पहुंचने का समय बदला

राष्ट्रपति के मानगढ़ धाम कार्यक्रम में ऐन वक्त पर बदलाव हुआ। जहां पहले सम्मान समारोह में 3 बजे शामिल होना था, अब वे 2 बजे इसमें पहुंचेंगी। सभास्थल पर पहुंचने से पहले राष्ट्रपति ने शहीद स्मारक पर नमन किया और पास में ही लगी विभिन्न स्टॉल का अवलोकन किया।

आबूरोड में वैश्विक शिखर सम्मेलन में शामिल हुईं

इससे पहले राष्ट्रपति ने सिरोही के आबूरोड में बह्माकुमारीज के कार्यक्रम में शामिल हुईं। आध्यात्मिकता से स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज विषय पर यहां वैश्विक शिखर सम्मेलन शुक्रवार को शुरू हुआ। कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आध्यात्मिकता शुद्ध कर्मों से मन को संवारने का रास्ता है।

उन्होंने कहा- आज इस ग्लोबल समिट में शामिल होकर बहुत खुशी हो रही है। आत्मा स्वच्छ, स्वस्थ हो तो सब कुछ हो जाता है। मानसरोवर में शिव बाबा के रूम में मुझे कुछ समय बिताने का समय मिला। साथ ही राजयोगी ब्रह्मा कुमार भाई बहनों के साथ समय बिताने का समय मिला।

100 साल पूरे होने तक भारत विकसित राष्ट्र बनेगा

उन्होंने कहा- स्वच्छता सिर्फ बाहरी नही हमारे विचारों में भी होनी चाहिए। परमात्मा विचित्र है हम भी विचित्र है। परमात्मा स्वच्छ स्वरूप है हम भी स्वच्छ स्वरूप है। धरती पर आकर आत्मा में दाग लग जाते हैं। सामाजिक, मानसिक, भावनात्मक सभी आपस में जुड़े हुए हैं। इन सभी रूप में हमारा स्वस्थ होना जरूरी है। उन्होंने कहा-

जब तक हमारा मन स्वच्छ, साफ नही होगा। जीवन में परिवर्तन नहीं होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि संस्था द्वारा यौगिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसलिए कहा जाता है- जैसा अन्न वैसा मन। स्वच्छ भारत मिशन के 10 साल पूरे हुए हैं। स्वच्छ जल को लेकर भारत सरकार द्वारा सराहनीय प्रयास किए गए हैं।

साथ ही उन्होंने कहा कि भारत आजादी के 100 साल पूरे करने वाला है। 100 साल पूरे होने तक भारत विकसित राष्ट्र बनेगा। मुर्मू ने अपने सम्बोधन ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की अपील की।

इससे पहले सुबह 10 बजे राष्ट्रपति ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, ब्रह्माकुमारी संस्थान के बीके जयंतीबेन, बीके मृत्युंजय भाई, बीके ब्रजमोहन भाई सहित बड़ी संख्या में देशभर से आए लोग मौजूद रहे।