प्रियंका गांधी की जनसभा 10 सितंबर को निवाई में,सीएम गहलोत शक्ति प्रदर्शन में जुटे,पायलट भी होंगे शामिल

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निवाई:-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गांधी परिवार में अपनी पुरानी विरासत को मजबूत करने के लिए सक्रिय हो रखे हैं। सचिन पायलट के टोंक विधानसभा क्षेत्र के करीब ही निवाई में 10 सितंबर को प्रियंका गांधी की जनसभा का आयोजन कर यह जताने का प्रयास कर रहे हैं कि उनके रहते हुए कांग्रेस में दमखम रहेगा। 

सचिन पायलट से सीएम गहलोत के खेमे में आए प्रशांत बैरवा के विधानसभा क्षेत्र निवाई में जनसभा का आयोजन होने जा रहा है। इसकी तैयारियां जोरशोर से की जा रही है टोंक के प्रभारी मंत्री 7 सितंबर को प्रशासन के अधिकारियों के साथ सभा स्थल का दौरा कर चुके हैं। अब  सीएम गहलोत शुक्रवार 8 सितंबर को निवाई दोपहर में दौरा करने जा रहे हैं। सीएम गहलोत इस जनसभा के माध्यम से प्रियंका गांधी को यह जताने का प्रयास कर रहे हैं कि राजस्थान की राजनीति में उनके बिना पार्टी अपनी सरकार को वापस लाने में सक्षम नहीं हो पाएगी। यही कारण है कि उन्होंने कांग्रेस के नेताओं को व्यक्तिगत रूप से फोन करा कर यह निर्देश दिए जा रहे हैं की जनसभा को सफल बनाने के लिए अपने समर्थकों के साथ पहुंचना है। 

टोंक जिले के कई वरिष्ठ नेताओं को सीएम गहलोत ने व्यक्तिगत रूप से इस जनसभा को सफल बनाने के लिए पुरजोर कोशिश करने के लिए कहा है। हाल ही में गुलाबपुरा आए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे के कार्यक्रम के बाद ही तत्काल प्रियंका गांधी का कार्यक्रम बना है। सचिन पायलट विदेश में है और वह लौट के आ जाएंगे। इस जनसभा का पूरा आयोजन अपने हाथ में सीएम गहलोत ने ले रखा है। सीएमआर से कांग्रेस के नेताओं को फोन कर कहा जा रहा है कि सक्रिय होकर इस सभा को सफल बनाओ। 

आखिर सीएम गहलोत बिना सचिन पायलट के यह सब क्यों कर रहे हैं यह तो वह खुद ही बता सकते हैं। लेकिन जब सचिन पायलट ने जोधपुर में जनसभा करके सबको चौंका दिया था अब सीएम गहलोत भी उन्हें प्रियंका गांधी की जनसभा कराकर यह बता देना चाहते हैं कि वह भी कमजोर नहीं है। टिकट की दावेदारी टोंक विधानसभा क्षेत्र से 18 लोगों से कराना भी सीएम गहलोत की रणनीति का ही हिस्सा था। 

सचिन पायलट मौजूदा स्थिति में सीडब्ल्यूसी के सदस्य जरूर है लेकिन जब उन्हें केंद्रीय चुनाव समिति में नहीं लिया। इसके बाद सीएम गहलोत ने अपना आधार मजबूत करने के लिए ही मलिकार्जुन खरगे से विधानसभा चुनाव के लिए बनाई गई 8 कमेटियों में अपने समर्थकों को अधिक हिस्सेदारी दिला कर यह जताने का प्रयास किया कि अब भी गांधी परिवार में उनकी अहमियत बनी हुई है।  

राजस्थान की राजनीति में आज भी सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच वर्चस्व की लड़ाई कायम है। सीएम गहलोत 25 सितंबर की बगावत के बावजूद भी यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को समन्वय समिति का सदस्य बनाकर यह जता चुके हैं कि उनके कहने से ही कुछ हो रहा है। यह बात सही है कि डॉ. महेश जोशी के कारण सीएम गहलोत को कुछ परेशानी जरूर हो रही है। जल जीवन मिशन में जो कुछ हुआ और उसके बाद  ईडी की जांच ने कुछ परेशानी में डाल रखा है। 

सचिन पायलट भी शुक्रवार को स्वदेश लौट जाएंगे। वे 9 सितंबर को जयपुर में आयोजित कोर कमेटी की बैठक में शामिल होने के लिए आएंगे। सचिन पायलट भी प्रियंका गांधी की जनसभा में शामिल होंगे। उन्हें प्रशांत बैरवा की ओर से निमंत्रित किया गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि प्रशांत बैरवा ने प्रियंका गांधी से मुलाकात कर अपने क्षेत्र में जनसभा कराने का निश्चय किया। प्रशांत बैरवा के पैतृक गांव में इंदिरा रसोई के शुभारंभ और महिलाओं को स्मार्टफोन वितरित करने का कार्यक्रम भी रखा है। जनसभा को सफल बनाने के लिए सीएम गहलोत भी सक्रिय हैं और वे शुक्रवार को ही सभा स्थल का दौरा कर तैयारियों को अंतिम रूप देने का काम करेंगे। जिला प्रशासन भी सभा को सफल बनाने के लिए सक्रिय हो गया है। 

बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए राजेंद्र गुढ़ा 9 सितंबर को शिवसेना में जाने का ऐलान करने वाले हैं। लाल डायरी के कुछ और पन्ने भी बाहर आ सकते हैं। उनके बेटे शिवम का जन्मदिन है और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उनके बेटे के कार्यक्रम में आने वाले हैं और उस दिन ही वह शिवसेना में शामिल हो जाएंगे। शिवसेना के राजस्थान के प्रभारी  चंद्रराज सिंघवी ने भी दावा किया है कि राजेंद्र गुढ़ा के आने से उनकी ताकत बढ़ेगी। नए गठबंधन से निश्चित तौर पर राजेंद्र गुड़ा यह जता देना चाहते हैं कि उन्हें परेशान किया तो वह क्या कुछ करा सकते हैं। राजनीति में जो होता है वह दिखता नहीं और जो होता दिखता है वह होता नहीं राजनीति में जो होता है ।