डोटासरा के कमेंट पर पायलट समर्थक करने वाले विधायक भड़के:प्रदेशाध्यक्ष बोले:-ये मानेसर गए थे;इन हरकतों से सरकार आना नामुमकिन:-हरीश मीना

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जयपुर:-सचिन पायलट मामले को एक बार फिर ठंडे बस्ते में डालने के बाद कांग्रेस अब विधायकों को चुनावी मोड में लाने की कोशिश में है। कांग्रेस, निर्दलीय और समर्थक विधायकों से वन-टू-वन बातचीत कर आज से उनका मन टटोल रही है। कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, सीएम अशोक गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा विधायकों से एक-एक करके बातचीत कर रहे हैं। कांग्रेस वॉर रूम में आज से तीन दिन लगातार बैठकों का दौर चलेगा।

हालांकि फीडबैक के दौरान डोटासरा के कमेंट पर पायलट समर्थक विधायक भड़क गए और जमकर खरी-खरी सुनाई। पायलट समर्थक विधायक हरीश मीना जब फीडबैक देने गए तो डोटासरा ने रंधावा से उनके बारे में परिचय देते हुए बताया कि ये पहले डीजीपी रहे हैं, बीजेपी से एमपी भी थे और यह मानेसर जाने वालों में भी थे।

डोटासरा के मानेसर का जिक्र करते ही हरीश मीना नाराज हो गए और कहा कि इस तरह बार-बार यह बोलेंगे तो जीतना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा। हमें प्रियंका गांधी और अहमद पटेल ने बुलाकर बात की थी। ये उनसे बड़े हो गए क्या? इस पर प्रभारी रंधावा ने मीना को शांत किया और अलग ले जाकर करीब 15 मिनट तक बात की और समझाया।

राकेश पारीक बोले- पायलट को साथ रखेंगे तो ही सरकार बनेगी

मसूदा विधायक राकेश पारीक ने फीडबैक बैठक के दौरान कहा कि चुनावी साल में बार-बार मानेसर का जिक्र करके आप क्या संदेश देना चाहते हैं? जब राहुल गांधी ने सचिन पायलट को असेट बता दिया और अशोक गहलोत को भी असेट बता दिया तो अब ये सवाल उठाना ही गलत है।

चुनावी साल में इस तरह की बातें नहीं की जानी चाहिए। इस तरह की बातें करके हम पार्टी को मजबूत नहीं कर रहे हैं। पायलट को भी साथ लेकर चलना होगा अगर सचिन को साथ नहीं लिया तो सरकार नहीं बनेगी।

बैठक में माना, विधायकों और सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर

कांग्रेस ने फीडबैक बैठकों में माना है कि विधायकों और सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है। सीएम अशोक गहलोत कहते रहे हैं कि सरकार के खिलाफ इस बार कोई एंटी इंकम्बेंसी नहीं है। विधायकों से फीडबैक के दौरान सरकार ने यह मान लिया है कि चुनावी साल में एंटी इंकम्बेंसी जरूर है।

फीडबैक के दौरान विधायकों को 13 सवालों का प्रोफॉर्मा दिया गया है, इसमें यह पूछा गया है कि अपने खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी को दूर करने के लिए आपके पास क्या प्लान है? सरकार के प्रति जनता में कितनी एंटी इंकम्बेंसी है और उसकी क्या स्थिति है, इसे कम करने के लिए कोई सुझाव।

पायलट के अनशन के समर्थन में आए रघु शर्मा

इधर, बीजेपी राज के भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं होने के सचिन पायलट के मुद्दे का कांग्रेस विधायक और गुजरात प्रभारी रघु शर्मा ने समर्थन किया है। पायलट के अनशन पर रघु शर्मा ने कहा- बीजेपी राज में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, मुझे भी मालूम है। उस समय यह बहुत बड़ा मुद्दा था। उस मुद्दे पर कारगर कार्रवाई तो होनी चाहिए, इसमें क्या बात है?

रघु शर्मा ने कहा- मैंने भी एक ही साल में दो चुनाव लड़े थे, पहले अजमेर से सासंद का और फिर केकड़ी से विधायक का, उस समय भ्रष्टाचार बहुत बड़ा मुद्दा था। आज आम आदमी भी करप्शन से कंसर्न रखता है, हमारी सरकार ने जीरो टॉलरेंस की बात कही है तो कार्रवाई होनी चाहिए। रघु शर्मा मुख्यमंत्री, प्रदेश प्रभारी और कांग्रेस अध्यक्ष के साथ वन-टू-वन बैठक से पहले मीडिया से बात कर रहे थे।

सचिन पायलट पर रघु शर्मा ने कहा- कांग्रेस पार्टी अपने स्तर पर फैसले करने में सक्षम है। सचिन पायलट हमारे वरिष्ठ नेता हैं, पार्टी के अध्यक्ष रहे हैं। उनके नेतृत्व में चुनाव लड़कर हमने सरकार बनाई है। सब मिलकर हम चुनाव लड़ेंगे और सबकी भूमिका आलाकमान तय करेगा। सचिन पायलट का आज का प्रोग्राम पहले से बना हुआ था, इसलिए वे नहीं आए। इसमें कोई विवाद नहीं ढूंढना चाहिए। सब विधायक अपने विधानसभा क्षेत्रों में बिजी हैं।

चुनावों में फेस के सवाल पर रघु शर्मा ने कहा- राजस्थान में जो परंपरा रही है, सरकार रहती है तो चेहरा मुखिया का ही होता है। बीजेपी को जरूर चेहरा घोषित करना चाहिए। इस बार उनके 10-12 उम्मीदवार हैं।

आज पायलट को भी बुलाया, लेकिन नहीं आएंगे
विधायकों से वन टू वन बातचीत का तीन दिन का शेड्यूल तैयार किया गया है। आज अजमेर, टोंक, नागौर, भीलवाड़ा, जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, पाली, सिरोही और जालोर जिलों के विधायकों से वन-टू-वन बातचीत होगी।

संगठन की इस फीडबैक बैठक में सचिन पायलट नहीं आएंगे। आज टोंक जिले के विधायकों से ​वन टू वन बैठक का शेड्यूल है, लेकिन सचिन पायलट इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं। सचिन पायलट आज शाहपुरा और खेतड़ी दौरे पर हैं। पायलट खेतेड़ी में शहीद की प्रतिमा के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होंगे और सभा को संबोधित करेंगे।

विधायकों को बजट की लोकलुभावन घोषणाओं का जनता में प्रचार करने का टास्क मिलेगा। लंबे समय बाद होने जा रहे इस फीडबैक को काफी अहम माना जा रहा है।

प्रभारी, सीएम और प्रदेशाध्यक्ष विधायकों से उनके इलाके में पार्टी के हालात, खुद विधायक की हालत, जीतने की हालत है या नहीं और महंगाई राहत कैंपों की तैयारियों पर फोकस रहेगा।

तीन दिन विधायकों से फीडबैक
18 अप्रैल को उदयपुर, चित्तौडग़ढ़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, राजसमन्द, कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़, भरतपुर, धौलपुर, करौली और सवाईमाधोपुर जिलों के विधायकों को बुलाया है। 20 अप्रैल को बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, अलवर, दौसा, सीकर और झुंझुनूं जिलों के विधायकों से वन-टू-वन चर्चा होगी।

चुनावी रणनीति बनाने के लिए 19 को सम्मेलन
कांग्रेस की चुनावी रणनीति बनाने और नेताओं को मैसेज देने के मकसद से जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में 19 अप्रैल को 11 बजे से एक दिन का सम्मेलन होगा। इसे वर्कशॉप का नाम दिया है। सम्मेलन और वर्कशॉप में मंत्री, विधायक, सांसद, हारे हुए सासंद विधायक उम्मीदवार,एआईसीसी और पीसीसी डेलीगेट्स, प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक,पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस के जिला प्रमुख, प्रधान, कांग्रेस के विभाग प्रकोष्ठों के अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष स्तर के नेताओं को बुलाया है।

सम्मेलन में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, सीएम अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और वरिष्ठ मंत्री चुनावी टिप्स देंगे।