PSLV ने भरी 24वीं उड़ान, महासागरों की स्टडी के लिए OceanSat-3 समेत नौ सैटेलाइट हुईं लॉन्च

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New Delhi : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार (26 नवंबर) को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) पर OceanSat-3 सैटेलाइट लॉन्च किया। इसरो ने तमिलनाडु के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में PSLV-C54 रॉकेट लॉन्च किया। इसके साथ ही PSLV-C54 रॉकेट द्वारा आठ अन्य नैनो सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजा गया। महासागरों के वैज्ञानिक अध्ययन और चक्रवातों पर नजर रखने के लिए भारत ने तीसरी पीढ़ी के OceanSat का प्रक्षेपण किया। ISRO ने PSLV C54/EOS06 लॉन्च किया, इसे ओशनसैट-3 के नाम से भी जाना जाता है। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 8 नैनो उपग्रहों को लॉन्च किया गया। इस मिशन को शनिवार सुबह 11.46 बजे श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया। Oceansat सीरीज के सैटेलाइट अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट हैं, जो कि समुद्र विज्ञान और वायुमंडलीय अध्ययन के लिए समर्पित हैं। इसके अलावा यह सैटेलाइट समुद्री मौसम का पूर्वानुमान करने में सक्षम है, जिससे देश किसी भी चक्रवात के लिए पहले से तैयार रहे। ISRO के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया सबसे लंबा मिशन: ये पूरा मिशन लगभग 8,200 सेकेंड (2 घंटे 20 मीटर) तक चलेगा। यह मिशन इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए सबसे लंबे मिशनों में से एक है। इस दौरान प्राथमिक उपग्रहों और नैनो उपग्रहों को दो अलग-अलग सोलर सनक्रोनस पोलर ऑर्बिट्स (SSPO) में लॉन्च किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि रॉकेट का प्राथमिक पेलोड एक ओशनसैट है जिसे कक्षा -1 में अलग किया जाएगा। वहीं, आठ अन्य नैनो-उपग्रहों को अलग-अलग कक्षाओं में रखा जाएगा।

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