रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के कब्जाए गए क्षेत्रों को अपने देश का औपचारिक हिस्सा घोषित कर दिया है। उन्होंने क्रेमलिन में आयोजित एक समारोह में यूक्रेन के चार इलाकों डोनेट्स्क, लुहान्स्क, जापोरिजिया, खेरसॉन को रूसी क्षेत्र घोषित कर दिया। इस दौरान पुतिन ने कहा कि इस क्षेत्र को लोग अब रूस के नागरिक हैं और इनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। पुतिन ने आरोप लगाया कि पश्चिमी देशों ने भारत को लूटा और अब उनकी नजर रूस पर है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश रूस के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। उन्होंने रूस के पूर्ववर्ती नेताओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने अमरीका के बहकावे में आकर अपनी सामरिक शक्ति को कम किया, जबकि दूसरे देश हमने हथियारों के जखीरे को वैसे ही बनाए रखे। पुतिन ने आरोप लगाया कि नरसंहार का असली आरोपी अमरीका है, जिसने दुनियाभर के देशों पर झूठे आरोप लगाकर हमले किए और लाखों लोगों को मार डाला।
व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम रूस को उपनिवेश बनाना चाहता है। उन्होंने भारत जैसे देशों को लूटा है। (लेकिन) हमने खुद को कॉलोनी नहीं बनने दिया। पुतिन ने कहा कि रूस सोवियत संघ को फिर से बनाने के लिए प्रयास नहीं कर रहा है। यूएसएसआर अब नहीं है। हम अतीत को वापस नहीं ला सकते हैं और रूस को अब इसकी आवश्यकता नहीं है। हम इसके लिए प्रयास नहीं कर रहे हैं। पुतिन ने पहले दावा किया था कि आखिरी सोवियत नेताओं ने हमारे महान देश को नष्ट कर दिया था। पुतिन ने कहा कि सोवियत संघ के पतन के बाद, पश्चिम ने फैसला किया कि अब हम सभी को हमेशा के लिए इसका हुक्म को स्वीकार करना होगा। पुतिन ने कहा कि हम 90 के दशक, भयानक 90 के दशक को याद करते हैं, जो भूख, ठंड और निराशा से भरा था। लेकिन रूस दृढ़ रहा, पुनर्जीवित हुआ, मजबूत हुआ और फिर से दुनिया में अपनी सही जगह ले ली।
पुतिन ने कहा कि डोनबास के लोगों ने आठ साल तक नरसंहार, गोलाबारी और नाकाबंदी का सामना किया है। खेरसॉन और ज़ापोरोज़े में अधिकारियों ने रूस और रूस की हर चीज के प्रति घृणा फैलाने का प्रयास किया। जब जनमत संग्रह हो रहे थे तब कीव ने चुनाव आयोगों में काम करने वाली महिला स्कूली शिक्षकों को निशाना बनाने और जनमत संग्रह में भाग लेने वाले लाखों लोगों के खिलाफ दमन की धमकी दी।