लखनऊ के चौधरी चरण सिंह (अमौसी) एयरपोर्ट पर रेडियोएक्टिव लीक हुआ है। 2 कर्मचारी बेहोश हो गए हैं। टर्मिनल-3 CISF और NDRF को सौंप दिया गया है। 1.5 किमी का एरिया खाली कराया गया है। लोगों की एंट्री बंद कर दी गई है।
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, लखनऊ से गुवाहाटी की उड़ान जा रही थी। उसी दौरान एयरपोर्ट टर्मिनल-3 पर स्कैनिंग के दौरान मशीन ने बीप की आवाज आई। इस बॉक्स में कैंसर रोधी दवाएं लकड़ी के बॉक्स में पैक थी।
इसमें रेडियो एक्टिव एलिमेंट होता है। जैसे ही कर्मचारियों ने बॉक्स खोला तेजी से गैस निकली। इससे 2 कर्मचारी बेहोश हो गए। कर्मचारियों के बेहोश होते ही वहां भगदड़ मच गई। लोग इधर-उधर दौड़ने लग गए। तुरंत इलाके को खाली कराया गया।
एडवाइजरी जारी, कहा- उस एरिया में न जाएं
एयरपोर्ट प्रशासन ने कहा- टर्मिनल-3 के पास कारगो से गैस लीकेज की सूचना मिली है। 3 फायर सर्विस, NDRF, SDRF की टीम मौके पर पहुंच गई है। सभी टीम काम कर रही है। कुछ दवाओं के बॉक्स से फ्लोरीन गैस लीक हुई है। इस घटना पर टीम नजर रखे हुए है। एहतियात के तौर पर एडवाइजरी जारी की गई है कि उस एरिया में न जाएं। एयरपोर्ट के प्रवक्ता ने कहा- एयरपोर्ट पर ऑपरेशन प्रभावित नहीं है।
आंखों में जलन हुई, घबराहट से डर गए यात्री
गैस लीक होने के बाद वहां मौजूद लोगों की आंख में जलन होने लगी। घबराहट होने लगी। लखनऊ के लोकबंधु हॉस्पिटल के एनेस्थिसिया एक्सपर्ट डॉक्टर सुरेश कौशल ने बताया- रेडियो एक्टिव के असर से बेहोशी, आंखों में जलन, ब्लड प्रेशर कम हो सकता है।
बॉडी में रेसज, अचानक तेज खांसी होने लगती है। यही नहीं, फेफड़ों पर भी असर करती है। किडनी पर भी असर पड़ता है। फ्लोरीन गैस का इस्तेमाल एक्स-रे, मेडिकल से जुड़ी कई जांच में होता है। कुछ दवाओं को तापमान सुरक्षित रखने के लिए भी फ्लोरीन का इस्तेमाल किया जाता है।