नई दिल्ली:-मोदी सरनेम केस में 2 साल की सजा पर रोक के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। सूरत की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च को कांग्रेस के पूर्व सांसद को सजा सुनाई थी। फैसले के खिलाफ राहुल के वकील गुजरात हाईकोर्ट गए थे, जहां 7 जुलाई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
हाईकोर्ट ने कहा था- इस केस के अलावा राहुल के खिलाफ कम से कम 10 केस पेंडिंग हैं। ऐसे में सूरत कोर्ट के फैसले में दखल देने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद कहा था कि हम अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट में राहुल की याचिका पर सुनवाई की तारीख अभी सामने नहीं आई है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल जाती है तो राहुल की सांसदी बहाल हो जाएगी और वे 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो वे 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
उधर, राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि की शिकायत करने वाले भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की थी। उन्होंने कोर्ट से मोदी सरनेम मामले में राहुल के पक्ष के साथ-साथ उनका पक्ष भी सुनने की अपील की थी।
राहुल की सजा का ऐलान हुआ, अगले दिन सांसदी गई
सेशन कोर्ट के फैसले के 27 मिनट बाद ही राहुल को जमानत मिल गई थी। राहुल की संसद सदस्यता 24 मार्च को दोपहर करीब 2.30 बजे रद्द कर दी गई। वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी थी। लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया गया है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा।
कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के केस में यह आदेश दिया था। इससे पहले कोर्ट का आखिरी फैसला आने तक विधायक या सांसद की सदस्यता खत्म नहीं करने का प्रावधान था।