राहुल गांधी आज वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए बहन प्रियंका गांधी के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे। राहुल ने कहा कि, ‘मैं पहली बार अपनी बहन के लिए प्रचार करने आया हूं, अब तक वही मेरे लिए प्रचार करती थी। मै जब यहां सांसद रहा तो आपकी बहन, बेटी या मां नहीं बन सका। लेकिन अब मेरी बहन ये तीनों भूमिकाएं निभाएंगी।’
प्रियंका ने मोदी सरकार पर निशाना लगाते हुए कहा, ‘मोदी जी का मकसद आपको बेहतर जीवन देना, नई नौकरियां, बेहतर स्वास्थ्य या शिक्षा देना नहीं है। वे बस किसी भी तरह से सत्ता में बने रहना चाहते हैं।’
लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने वायनाड और यूपी की रायबरेली लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। उन्होंने गांधी परिवार की पारंपरिक रायबरेली सीट को चुना था। वायनाड में प्रियंका का मुकाबला भाजपा की नव्या हरिदास और वामपंथी उम्मीदवार सत्यन मोकेरी से है।
राहुल गांधी की स्पीच के प्रमुख बिंदु
राहुल गांधी ने कहा कि संविधान को गुस्से या नफरत से नहीं लिखा गया था, बल्कि यह उन लोगों ने लिखा था जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया, जिन्होंने कष्ट सहे और जेलों में समय बिताया। उन्होंने संविधान को विनम्रता, प्रेम और स्नेह से तैयार किया।
राहुल ने यह भी कहा कि यह आत्मविश्वास और असुरक्षा के बीच की लड़ाई है। अगर हम इस लड़ाई में सफल होना चाहते हैं, तो हमें अपने दिल से गुस्से और नफरत को निकालकर उनके स्थान पर प्रेम, विनम्रता और करुणा लानी होगी।
उन्होंने अपनी बहन प्रियंका गांधी का उल्लेख करते हुए कहा कि वह पिता राजीव गांधी की हत्या में शामिल नलिनी से मिलने के बाद भावुक हो गई थीं। प्रियंका ने कहा कि उन्हें नलिनी के लिए बुरा लग रहा है, और यह उनके द्वारा प्राप्त शिक्षा का परिणाम है। राहुल ने इस संदर्भ में कहा कि भारत में नफरत की राजनीति की जगह प्यार और स्नेह की राजनीति की जरूरत है।
प्रियंका गांधी ने 23 अक्टूबर को वायनाड सीट के लिए अपना नामांकन भरा और इस अवसर पर कहा कि यह पहली बार है जब वह अपने लिए समर्थन मांग रही हैं। उन्होंने बताया कि जब वह 17 साल की थीं, तब उन्होंने अपने पिता के लिए चुनाव प्रचार किया था। इस दौरान राहुल ने कहा कि वायनाड क्षेत्र में एक आधिकारिक सांसद और एक अनौपचारिक सांसद दोनों हैं, जो क्षेत्र के लिए काम करेंगे।
राहुल गांधी का वायनाड से भावनात्मक रिश्ता
17 जून को वायनाड सीट छोड़ते समय राहुल गांधी ने कहा कि उनका वायनाड और रायबरेली के साथ एक गहरा भावनात्मक संबंध है। पिछले पांच वर्षों तक वह वायनाड से सांसद रहे और उन्होंने क्षेत्र के लोगों को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
राहुल ने बताया कि प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन वह समय-समय पर वायनाड का दौरा करते रहेंगे। उन्होंने रायबरेली से अपने पुराने रिश्ते पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्हें खुशी है कि उन्हें फिर से उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया कि यह निर्णय लेना उनके लिए कठिन था।